The Lallantop

मल्लिकार्जुन खरगे से मिले सिद्धारमैया, कर्नाटक में सीएम बदलने की अटकलों पर दिया जवाब

कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने शनिवार शाम को बेंगलुरु में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की. जानकारी के मुताबिक खड़गे ने सीएम सिद्धारमैया को दिल्ली तलब किया है. मुलाकात के बाद सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि कैबिनेट पर कोई बात नहीं हुई.

Advertisement
post-main-image
शनिवार 22 नवंबर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिले सिद्धारमैया. (फोटो- PTI)

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया शनिवार 22 नवंबर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिलने पहुंचे. इस मीटिंग ने राज्य मेें नेतृत्व बदलाव की अटकलों को फिर हवा दे दी. लेकिन कांग्रेस प्रमुख से मीटिंग के बाद सिद्धारमैया ने इन अटकलों को सीधे तौर पर खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि राज्य में नेतृत्व बदलने की कोई चर्चा नहीं हुई है. यह सिर्फ मीडिया की बनाई हुई बात है.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement
सिद्धारमैया-खरगे की मीटिंग में क्या हुआ?

मीटिंग के बाद सिद्धारमैया ने कहा कि बातचीत पार्टी संगठन, लोकल बॉडी चुनाव और आने वाले पंचायत चुनावों पर केंद्रित रही. उन्होंने कहा, 

“कैबिनेट के बारे में कोई बातचीत नहीं हुई. लीडरशिप में बदलाव सिर्फ अंदाजा है. यह मीडिया की बनाई हुई बात है.”

Advertisement

बीते दिनों डी. के. शिवकुमार के पक्ष के कुछ विधायकों के दिल्ली में हाईकमान से मिलने को लेकर सिद्धारमैया ने दो टूक कहा, 

“विधायकों को जाने दें. लेकिन आखिरकार हाईकमान जो भी कहेगा हम सभी को मानना ​​होगा. चाहे मैं हूं या डी. के. शिवकुमार, सभी को मानना ​​होगा.”

जब उनसे पूछा गया कि हाईकमान कब फैसला ले सकता है तो इस पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि जल्द ही जो भी फैसला होगा वह उसे मानेंगे. खबर है कि खरगे से मिलने से पहले सिद्धारमैया ने केजे जॉर्ज, बी.जेड. जमीर अहमद, बिरथी सुरेश, सतीश जरकीहोली और ईश्वर खंड्रे जैसे अपने वफादार मंत्रियों के साथ अपने घर पर मीटिंग की थी. वहीं, शिवकुमार भी रविवार 23 नवंबर को मल्लिकार्जुन खरगे से मिल सकते हैं. 

Advertisement
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री ऑफिस के सूत्रों का कहना है कि एक रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि लगातार चल रही राजनीतिक खींचतान सरकार और पार्टी की छवि खराब कर रही है. बताया जा रहा है कि सिद्धारमैया ने मल्लिकार्जुन खरगे को इस अस्थिरता के असर के बारे में विस्तार से बताया. इसी के मद्देनजर खरगे ने उन्हें दिल्ली बुलाया है. वह नवंबर के आखिर तक दिल्ली आ सकते हैं.

वहीं, पार्टी के अंदर के लोगों का कहना है कि आने वाले स्थानीय चुनाव से पहले सरकार को स्थिर करने और पार्टी को मजबूत करने के लिए हाईकमान जल्द ही मौजूदा हालात पर फैसला ले सकता है.

रोटेशनल फॉर्मूला

मालूम हो कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के गठन के समय सिद्धारमैया और डी. के. शिवकुमार के बीच मुख्यमंत्री को लेकर कड़ा मुकाबला था. उस समय यह खबर सामने आई थी कि पार्टी हाईकमान ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए दोनों को 2.5-2.5 सीएम बनने के फॉर्मूले के तहत राजी किया था. वो बात अलग है कि आलाकमान इस फॉर्मूले को नकारता रहा है. खुद सिद्धारमैया भी कई मौकों पर नेतृत्व बदलाव को पूरी ‘अथॉरिटी’ के साथ नकारते रहे हैं.

डीके के विधायक दिल्ली में

इसी बीच 21 नवंबर को सिद्धारमैया के सीएम कार्यकाल के 2.5 साल पूरे हो गए. पार्टी हाईकमान को यही ‘2.5-2.5 साल सीएम’ का फॉर्मूला याद दिलाने डिप्टी सीएम डीके के करीबी विधायकों गुरुवार 20 नवंबर को दिल्ली पहुंचे. 

यह भी पढ़ेंः कर्नाटक में बदलेगा CM? दिल्ली पहुंचे डीके शिवकुमार के करीबी विधायक, खरगे को याद दिलाया ‘वादा’

इन विधायकों ने दिल्ली पहुंचकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की और ‘2.5-2.5 साल सीएम’ फॉर्मूला का सम्मान करने की बात कही. लेकिन अंदरखाने यह खबर है कि सिद्धारमैया अपना कार्यकाल पूरा करेंगे. लेकिन दिसंबर में राज्य विधानसभा के विंटर सेशन के बाद कैबिनेट में फेरबदल किया जा सकता है.

NDA गठबंधन का कांग्रेस पर हमला

वहीं बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन ने इस ऊहापोह की स्थिति को लेकर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा. केंद्रीय मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने कर्नाटक में चेतावनी देते हुए कहा कि राज्य में ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जहां यह कहना नामुमकिन है कि राजनीति में कौन क्या फैसले लेगा. राज्य की राजनीति में अनचाही और विस्फोटक घटनाएं होंगी. कुमारस्वामी ने सत्ताधारी पार्टी के अंदर उथल-पुथल का भी आरोप लगाया.

मंच पर साथ दिखे सिद्धारमैया-शिवकुमार

हालात गर्म होने के बावजूद शनिवार को बेंगलुरु में एक कार्यक्रम के दौरान सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार एक ही मंच पर साथ दिखे. दोनों ने एक-दूसरे से बातचीत भी की. यह उनकी एकजुटता का संदेश माना जा रहा है.

वीडियो: कर्नाटक के 10 विधायक दिल्ली क्यों पहुंचे हैं? क्या सिद्धारमैया की कुर्सी खतरे में है?

Advertisement