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पंचायत अफसर RSS के कार्यक्रम में शामिल हुए, सरकार ने सस्पेंड कर दिया, जांच बिठा दी

कर्नाटक में एक पंचायत विकास अधिकारी RSS के शताब्दी समारोह में शामिल हुए थे. उन्हें RSS की वर्दी पहने लाठी लेकर कार्यक्रम में रूट मार्च करते हुए देखा गया. इसके बाद शुक्रवार को ग्रामीण विकास और पंचायत राज विभाग (RDPR) ने उन्हें सस्पेंड कर दिया. BJP ने इस कदम को विकृत और हिंदू विरोधी मानसिकता करार दिया है.

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12 अक्टूबर को लिंगसुगुर में RSS के शताब्दी समारोह में शामिल हुए थे पंचायत अधिकारी. (फोटो- इंडिया टुडे)

कर्नाटक में एक पंचायत ऑफिसर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यक्रम में शामिल होना महंगा पड़ गया. विभाग ने शुक्रवार 17 अक्टूबर को नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया. राज्य में कांग्रेस की सरकार सत्ता में है और BJP मुख्य विपक्षी दल है. ऐसे में इस कदम ने दोनों पार्टियों के बीच राजनीतिक तकरार बढ़ा दी है. BJP ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए इस कदम को विकृत और हिंदू विरोधी मानसिकता करार दिया है.

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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, RSS के कार्यक्रम में शामिल होने वाले अधिकारी का नाम प्रवीन कुमार केपी है. वह रायचूर जिले के सिरवार तालुका में बतौर पंचायत विकास अधिकारी तैनात है. रविवार 12 अक्टूबर को वह लिंगसुगुर में RSS के शताब्दी समारोह में शामिल हुए थे. वह बाकायदा RSS की वर्दी पहने लाठी लेकर कार्यक्रम में रूट मार्च कर रहे थे. इसके बाद शुक्रवार को ग्रामीण विकास और पंचायत राज विभाग (RDPR) ने उन्हें सस्पेंड कर दिया.

नियम के उल्लंघन का आरोप

IAS अधिकारी अरुंधति चंद्रशेखर की ओर से जारी सस्पेंशन के आदेश में कहा गया है कि प्रवीन ने सरकारी कर्मचारियों के लिए बनाए गए नियमों का उल्लंघन किया है. नियमों के तहत सरकारी कर्मचारियों को राजनीतिक निष्पक्षता और अनुशासन बनाए रखना जरूरी होता है. साथ ही पंचायत ऑफिसर के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए. जांच पूरी होने तक वह सस्पेंड रहेंगे. सस्पेंशन की अवधि के दौरान उन्हें सिर्फ गुजारा भत्ता ही मिलेगा.

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BJP ने कांग्रेस पर साधा निशाना

मामले ने तूल पकड़ा तो इस पर राजनीति भी होने लगी. कर्नाटक BJP प्रमुख विजयेंद्र येदियुरप्पा ने इसे सरकारी मशीनरी का गलत इस्तेमाल और देशभक्ति की भावनाओं पर हमला बताया है. उन्होंने कहा कि यह कर्नाटक कांग्रेस पार्टी की द्वेष से प्रेरित विकृत और हिंदू विरोधी मानसिकता है. उन्होंने मांग की कि इस निलंबन को तुरंत माफी मांगकर रद्द किया जाना चाहिए, वरना संवैधानिक तरीकों से उचित जवाब दिया जाएगा.

BJP युवा मोर्चा के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने इस कदम को गैरकानूनी बताया. उन्होंने सस्पेंड किए गए अधिकारी को भरोसा दिलाया है कि वह इस कदम को चुनौती देंगे. उनके लिए खुद संबंधित ट्रिब्यूनल और कोर्ट में पेश होंगे.

ऐसे हुई कांग्रेस-BJP में तनाव की शुरुआत

बीते दिनों कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने यह नियम बना दिया कि अब किसी भी संगठन को सार्वजनिक जगहों पर कार्यक्रम करने के लिए पहले से इजाजत लेनी होगी. यह कदम ऐसे समय में उठाया गया जब राज्य के मंत्री प्रियंक खड़गे ने RSS की गतिविधियों को सार्वजनिक जगहों पर बैन करने की मांग की थी. इसी के बाद राज्य में मुख्य विपक्षी दल BJP और सत्तारूढ़ कांग्रेस एक-दूसरे पर हमलावर हैं.

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