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सीने-पेट में चोटें, 'बिजली का झटका', क्या पत्रकार राजीव प्रताप की हत्या हुई?

18 सितंबर की रात से राजीव लापता थे. वो अपने दोस्त की कार से ग्यांसु से गंगोरी जा रहे थे. लेकिन घर नहीं पहुंचे. अगली सुबह, उनकी क्षतिग्रस्त कार भागीरथी नदी के पास स्यूना में मिली. दस दिनों तक चली तलाश के बाद 28 सितंबर को पुलिस और जांच में लगी टीमों ने जोशीदा बैराज से राजीव का शव बरामद किया.

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उत्तरकाशी SP सरिता डोभाल (बाएं) ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में राजीव (दाएं) को कार में अकेले देखा गया था. (फोटो- इंडिया टुडे)

उत्तरकाशी में स्वतंत्र पत्रकार राजीव प्रताप की मौत को लेकर उनके परिवार ने कई सवाल खड़े किए हैं. 32 वर्षीय राजीव की मौत को पुलिस एक ‘सड़क हादसा’ बता रही है, जबकि उनके परिवार का दावा है कि ये एक ‘सुनियोजित साजिश’ थी. राजीव के भाई के अनुसार, उनकी चोटें कार के नदी में फिसलने की थ्योरी से मेल नहीं खातीं. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि पिछले कुछ महीनों से राजीव को जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं.

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इंडिया टुडे से जुड़े अंकित शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक राजीव के भाई आलोक प्रताप सिंह ने बताया कि 18 सितंबर की रात से राजीव लापता थे. उन्होंने दावा किया कि अस्पताल की खराब स्थिति को उजागर करने वाली ‘खबरों को हटाने के लिए राजीव पर दबाव’ डाला जा रहा था. आलोक ने सीसीटीवी फुटेज को लेकर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने बताया कि पुलिस जिन सीसीटीवी फुटेज की बात कर रही है, वो शव मिलने वाली जगह से लगभग 800 मीटर दूर के हैं. 

आलोक ने आगे कहा,

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"फरवरी 2025 में कुछ लोग नशे की हालत में हमारे घर आए थे, और राजीव को उन्होंने धमकाया था. उन्हें अक्सर ऐसे कॉल आते थे जिसमें उनसे खबरें डिलीट करने के लिए कहा जाता था, लेकिन वो कभी भी इसके दबाव में नहीं आए."

जोशीदा बैराज में मिला शव

बता दें कि 18 सितंबर की रात से राजीव लापता थे. पुलिस के अनुसार, वो अपने दोस्त की कार से ग्यांसु से गंगोरी जा रहे थे. लेकिन घर नहीं पहुंचे. अगली सुबह, उनकी क्षतिग्रस्त कार भागीरथी नदी के पास स्यूना में मिली. कार के पास केवल उनकी चप्पलें बरामद हुईं. इसके बाद परिवार ने अपहरण की आशंका जताई. दस दिनों तक चली तलाश के बाद 28 सितंबर को पुलिस और जांच में लगी टीमों ने जोशीदा बैराज से राजीव का शव बरामद किया. जिला अस्पताल में परिवार ने उनकी पहचान की पुष्टि की.

मामले को लेकर उत्तरकाशी SP सरिता डोभाल ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में राजीव को कार में अकेले देखा गया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, उनकी मौत सीने और पेट में गंभीर चोटों के कारण हुई. सरिता ने कहा,

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"प्रारंभिक जानकारी के आधार पर ऐसा लगता है कि मौत बिजली का झटका लगने से हुई है. घटना 28 सितंबर की देर रात की है. राजीव के परिवार ने हत्या का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है. मौत का सही कारण पता लगाने के लिए पुलिस जांच में जुटी है."

अपहरण या किसी और आशंका के सवाल पर सरिता ने कहा,

"ऐसे दावों का अभी कोई सबूत नहीं मिला है. परिवार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जांच जारी है."

पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की कि धारा 403 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है, आगे की जांच जारी है.

इस बीच, स्थानीय पत्रकार चिरंजीव सेमवाल ने इस मामले को संदिग्ध बताया और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि पूरे तथ्यों के बिना कार दुर्घटना या अपहरण पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी.

वीडियो: उत्तरकाशी से आई ग्राउंड रिपोर्ट में दिखी तबाह सड़कें, इस इलाके में तो रेस्क्यू टीम भी नहीं पहुंच पाई

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