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कश्मीर में 20 जगहों पर छापेमारी, कई संदिग्ध हिरासत में, सुरक्षाबलों की जानकारी PAK भेजने का आरोप

Jammu Kashmir SIA raids 20 places: आरोप है कि मैसेजिंग ऐप्स के ज़रिए सुरक्षाबलों और महत्वपूर्ण संस्थाओं के बारे में संवेदनशील और रणनीतिक जानकारी शेयर की जा रही थी. इसी सिलसिले में छापेमारी कर SIA ने कई लोगों को हिरासत में लिया है और दावा किया है कि उनके पास से आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई है.

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SIA ने कई लोगों को हिरासत में लिया है. (फ़ाइल फ़ोटो- इंडिया टुडे)

जम्मू-कश्मीर की राज्य जांच एजेंसी (SIA) ने दक्षिण कश्मीर में क़रीब 20 जगहों पर छापे मारे हैं. आरोप है कि मैसेजिंग ऐप्स के ज़रिए सुरक्षाबलों और महत्वपूर्ण संस्थाओं के बारे में संवेदनशील और रणनीतिक जानकारी शेयर की जा रही थी. इसी सिलसिले में छापेमारी कर SIA ने कई लोगों को हिरासत में लिया है और दावा किया है कि उनके पास से आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई है.

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इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, 11 मई को जांच एजेंसी ने दक्षिण कश्मीर के चार ज़िलों पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग में 20 अलग-अलग जगहों पर छापे मारे. गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA), 1967 की अलग-अलग धाराओं के तहत मामले दर्ज किए और तलाशी ली.

SIA ने कहा कि उसने छापेमारी के दौरान काफ़ी आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है. आगे की पूछताछ के लिए कई लोगों को हिरासत में लिया गया है. SIA ने एक आधिकारिक रिलीज़ जारी कर बताया,

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जम्मू-कश्मीर पुलिस, कश्मीर में काम कर रहे आतंकियों के सहयोगियों और ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) पर नज़र रख रही है. टेक्निकल खुफिया जानकारी से संकेत मिला है कि कश्मीर में कई स्लीपर सेल पाकिस्तान में बैठे अपने हैंडलर्स के सीधे संपर्क में थे. वो वॉट्सऐप, टेलीग्राम, सिग्नल जैसे मैसेजिंग ऐप्स के ज़रिए सुरक्षाबलों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के बारे में संवेदनशील और रणनीतिक जानकारी देने में भी शामिल थे.

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SIA ने आगे बताया,

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ये लोग लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी कमांडरों के इशारे पर ऑनलाइन कट्टरपंथी चीज़ें फैलाने में भी शामिल थे. जो राष्ट्रीय सुरक्षा और अखंडता को प्रभावित कर रहा था. ये संस्थाएं आतंकवादी साज़िश में सक्रिय रूप से शामिल हैं. वो भारत विरोधी बयानों का प्रचार-प्रसार कर रही हैं. जिसका मकसद न सिर्फ़ भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देना है. बल्कि असंतोष, सार्वजनिक अव्यवस्था और सांप्रदायिक घृणा को भड़काना भी है.

बता दें, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की तर्ज पर जम्मू-कश्मीर की अपनी अलग राज्य जांच एजेंसी (SIA) है. 2021 में इसकी स्थापना की गई थी. तब बताया गया था कि SIA एक नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगी. वो NIA और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय करेगी और आतंकवाद से जुड़े मामलों की त्वरित और प्रभावी जांच के लिए ज़रूरी उपाय करेगी.

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