पहलगाम आतंकवादी हमले ने भारत और पाकिस्तान को तकरीबन जंग में झोंक दिया था. अब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस हमले में पाकिस्तान की भूमिका पर जोर देते हुए कहा है कि इसका सीधा संबंध पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के भाषण से था. दरअसल पहलगाम हमले से कुछ दिन पहले आसिम मुनीर ने एक कार्यक्रम में टू नेशन थ्योरी का मुद्दा उछाला था. उन्होंने पाकिस्तानी नागरिकों से बेहिचक कहा था कि वे अपने बच्चों को सिखाएं कि वे हिंदुओं से अलग हैं. आसिम मुनीर ने साफ कहा था कि मुसलमान और हिंदू धार्मिक ही नहीं पारंपरिक रूप से भी एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं.
पहलगाम हमले पर एस जयशंकर ने विदेशी मीडिया के सामने आसिम मुनीर को कायदे से लपेट दिया
एक डच मीडिया संस्थान से बातचीत में एस जयशंकर ने पहलगाम हमले के बारे में बताते हुए आसिम मुनीर का जिक्र किया. उन्होंने कहा, "इसे समझने के लिए आपको पाकिस्तान, खासतौर पर उनके सेना प्रमुख को देखना होगा. वह एक कट्टर मजहबी नजरिये से प्रेरित हैं."

गुरुवार, 22 मई को एक डच मीडिया संस्थान से बातचीत में एस जयशंकर ने पहलगाम हमले के बारे में बताते हुए आसिम मुनीर के इसी बयान का जिक्र किया. उन्होंने कहा,
इसे समझने के लिए आपको पाकिस्तान, खासतौर पर उनके सेना प्रमुख को देखना होगा. वह एक कट्टर मजहबी नजरिये से प्रेरित हैं. पहलगाम हमले से कुछ दिन पहले के उनके बयान और हमले को अंजाम देने के तरीके के बीच स्पष्ट रूप से कुछ संबंध है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्री ने कहा कि पहलगाम हमला एक बर्बर कृत्य था, जिसमें लोगों की धार्मिक पहचान का पता लगाकर हत्या की गई थी. यह न सिर्फ कश्मीर में टूरिजम को नुकसान पहुंचाने के इरादे से किया गया था, बल्कि इसका मकसद देश में धार्मिक कलह भड़काना भी था.
जयशंकर ने कहा कि आतंकवादियों ने जानबूझकर पहलगाम हमले को धार्मिक रंग दिया ताकि कश्मीर में टूरिजम उद्योग को बर्बाद किया जा सके.
ट्रंप के दावे पर भी बोले
जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के सीजफायर में ‘मध्यस्थता’ के दावे को भी खारिज किया. उन्होंने कहा कि तनाव के वक्त अमेरिका ही नहीं दुनिया भर के कई देश भारत से संपर्क में थे. जयशंकर ने कहा, “हमने सभी देशों को तुरंत बताया था कि अगर पाकिस्तान समझौता चाहता है तो उसे सीधे भारत से बात करनी होगी और ऐसा ही हुआ. सीजफायर पर भारत और पाकिस्तान में सीधी बातचीत हुई थी.”
इन सब में अमेरिका कहां था?
इस सवाल पर तंज भरे लहजे में जयशंकर ने जवाब दिया- अमेरिका उस समय संयुक्त राज्य अमेरिका में था.
विदेश मंत्री ने बताया कि भारत ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ के बारे में यूएन को पहले ही सचेत किया था. उन्होंने कहा कि टीआरएफ लश्कर-ए-तैयबा की ही एक शाखा है, जो कई सालों से सरकार और सेना के रडार पर था.
वीडियो: ग्राउंड रिपोर्ट: सेना की इस गन ने दिया था पाकिस्तानी शेलिंग का जवाब