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गाजा में सहायता केंद्र पर इज़रायली सेना ने गोलियां बरसाईं, 30 से ज्यादा लोगों की मौत

लोग मानवीय सहायता केंद्र के पास खड़े थे. तभी इजरायली सेना के टैंक वहां पहुंचे. इसके बाद उन्होंने कथित तौर पर भीड़ पर गोलियां चला दीं.

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इजरायली सेना द्वारा की गई कथित गोलीबारी में 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई. (तस्वीर- रायटर्स)

दक्षिणी गाजा के रफा में गाजा मानवीय फाउंडेशन (GHF) के पास इजरायली सेना द्वारा की गई गोलीबारी में 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई. वहीं 175 से अधिक लोग घायल हुए हैं. घायलों को नजदीकी खान यूनिस के नासिर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

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यह घटना रविवार, 1 जून की है. द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय लोगों ने बताया कि हजारों लोग मानवीय सहायता केंद्र के पास खड़े थे. तभी इजरायली सेना के टैंक वहां पहुंचे. उन्होंने कथित तौर पर भीड़ पर गोलियां चला दीं. मृतकों और घायलों को किसी तरह घटनास्थल से ले जाया गया. 

बता दें कि यह गोलीबारी अमेरिका के युद्धविराम प्रस्ताव के कुछ घंटे बाद की गई है. वहीं हमास ने भी एक स्थायी युद्धविराम पर सहमति जताई है. उसने गाजा पट्टी से पूरी तरह से इजरायली सेना की वापसी का भी दबाव बनाया है.

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अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसीज़ की रिपोर्ट के मुताबिक फिलिस्तीन में लगातार हो रहे इजराइली हमलों से लाखों लोग प्रभावित हैं. उन्हें खाना-पानी भी नहीं मिल पा रहा है. इजरायल ने मार्च में गाजा में सभी सप्लाई पर रोक लगा दी थी. इजरायल का कहना है कि हमास अपने लड़ाकों के लिए यहां से सामान छीन रहा है. वहीं हमास ने इजरायल के इन आरोपों को सिरे से नकार दिया है. बाद में अंतर्राष्ट्रीय दवाब के चलते फिर से खाने पीने की सप्लाई शुरू की. हालात ये हैं कि फिलिस्तीनी बच्चे भूख से तड़प-तड़प कर मर रहे हैं. 

Integrated Food Security Phase Classification (IPC) के आंकड़ों के मुताबिक लगभग पांच साल से कम उम्र के 71 हजार बच्चे गंभीर कुपोषण (malnutrition) से जूझ रहे हैं. इनमें से 14 हजार की हालत बहुत गंभीर हो सकती है. इसी से संबंधित एक ग्लोबल हंगर मॉनिटर ने बताया कि गाजा में करीब 5 लाख लोग भूखमरी का सामना कर रहे हैं.

वहीं इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि जब तक बंधकों को रिहा नहीं किया जाता और जब तक हमास पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता जारी रहेगा. इजरायल का कहना है कि वह गाजा पर लंबे समय तक नियंत्रण बनाए रखेगा. वह अपनी आबादी के एक बड़े हिस्से को यहां बसाने की पेशकश भी करेगा. गाजा में इजरायली नागरिकों को बसाने की योजना को फिलिस्तीनियों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने अस्वीकार कर दिया है. वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि इजराइल का यह कदम अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन होगा.

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