देश भर में अपनी फ्लाइट को लेकर संकट से जूझ रही इंडिगो ने बड़ा दावा कर दिया है. एयरलाइन कंपनी ने कहा कि शनिवार, 6 दिसंबर को वो 1,500 फ्लाइट उड़ाने की दिशा में है. कंपनी ने यह भी दावा किया कि 95 फीसदी रूटों पर उसने फ्लाइट शुरू कर दी हैं. इस बीच केंद्र सरकार ने भी इंडिगो के खिलाफ कड़े कदम उठाने का दावा कर दिया. केंद्रीय नागररिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजारापु ने कहा कि जांच के नतीजों के आधार पर इंडिगो के खिलाफ कार्रवाई होगी.
IndiGo ने कहा 95% फ्लाइट्स शुरू, उड्डयन मंत्री बोले- 'एक्शन तो लेंगे'
सरकार ने IndiGo के खिलाफ सख्त कार्रवाई के संकेत दे दिए हैं. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री Ram Mohan Naidu Kinjarapu ने एविएशन सेक्टर में मौजूदा संकट के लिए इंडिगो को जिम्मेदार ठहराया.


एक बयान में इंडिगो के प्रवक्ता ने कहा कि हमने शुक्रवार, 5 दिसंबर को 113 जगहों को जोड़ने वाली 700 से थोड़ी ज्यादा फ्लाइट चलाईं. उन्होंने आगे कहा कि ज्यादा फ्लाइट के लिए कंपनी को नेटवर्क, सिस्टम और रोस्टर को रीबूट करना था. उन्होंने आगे कहा,
"हम दिन(6 दिसंबर) के आखिर तक 1,500 से ज्यादा फ्लाइट चलाने की राह पर हैं. जगहों की बात करें तो, 95 फीसदी से ज्यादा नेटवर्क कनेक्टिविटी पहले ही फिर से ठीक हो चुकी है क्योंकि हम मौजूदा 138 जगहों में से 135 पर ऑपरेट कर पा रहे हैं. हालांकि हम समझते हैं कि हमें अभी लंबा रास्ता तय करना है, हम अपने कस्टमर्स का भरोसा वापस बनाने के लिए कमिटेड हैं."
इंडिगो ने अपने बयान में यात्रियों और सरकारी एजेंसियों का धन्यवाद किया. दूसरी तरफ, सरकार ने इंडिगो के खिलाफ सख्त कार्रवाई के संकेत दे दिए हैं. इंडिया टुडे से जुड़े अमित भारद्वाज के साथ एक इंटरव्यू में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजारापु ने एविएशन सेक्टर में मौजूदा संकट के लिए इंडिगो को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा,
"जो स्थिति हमें देखने को मिल रही है, वो सिर्फ इंडिगो एयरलाइंस में, उनके अंदर के ऑपरेशन में ही चल रही है. हमारे पास करीब 9 एयरलाइंस है. इनमें एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, अकासा आदि शामिल हैं. उनमें से किसी में भी इस तरह की स्थिति नजर नहीं आई, लेकिन सिर्फ इंडिगो में हमें (ये स्थिति) देखने को मिली."
उन्होंने आगे कहा कि नए FDTL (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन) नियम आने पर इंडिगो ने खासकर सर्दियों के शेड्यूल की जानकारी दी थी. उन्होंने कहा कि तब उन्होंने अप्रूवल लिया. केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा,
"उनकी (इंडिगो) जिम्मेदारी बनती है कि ऑपरेशन ठीक तरह चलाए. 1 नवंबर की बात करें, तो एक महीना गुजर गया, जिसमें ऑपरेशन ठीक तरह चल रहा था. स्टेबलाइज भी हो गए था. फिर अचानक 3 दिसंबर को क्यों इस तरह की परिस्थिति हुई? इसकी और जानकारी लेने के लिए हमने एक इंक्वायरी का ऑर्डर भी दिया."
उन्होंने कहा कि तय कानूनी प्रक्रिया के तहत पूरे मामले की जांच की जाएगी. उन्होंने कहा,
"उन्होंने (इंडिगो) ने जो समाधान दिए, उनसे हम बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं. इसके तहत फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट आने पर हम (इंडिगो के खिलाफ) जरूर एक्शन लेंगे... ये सख्त एक्शन होगा. हम एक उदाहरण सेट करेंगे, ताकि कोई भी मंत्रालय को हल्के में ना ले... अगर नियमों का पालन नहीं होता है, तो कोई कंप्रोमाइज नहीं होगा. सेफ्टी, सिक्योरिटी, मिनिस्ट्री के हिसाब से कहीं भी कोई कंप्रोमाइज नहीं होगा. इस घटना के साथ हम ये मैसेज भी देना चाहते हैं."
इंडिगो के सामने सरकार के सरेंडर करने के सवाल पर राम मोहन नायडू ने कहा,
"ये बिल्कुल भी सच नहीं है... हम किसी के प्रेशर में काम नहीं करते. हम लोगों के लिए काम करते हैं. हम यात्रियों के लिए काम करते हैं. मेरा, मंत्रालय और सरकार का पहले दिन से यही अप्रोच रहा है कि हम यात्रियों को केंद्र में रखते हुए हम काम करेंगे. उसी के तहत हमने पॉलिसी बनाईं. उसी के तहत हमने रूल्स बनाए, गाइडलाइंस बनाईं, रेगुलेशंस बनाए. मिनिस्ट्री रेगुलेटर भी है और फैसिलिटेटर भी है."
राम मोहन नायडू ने जोर दिया कि सरकार इस मामले की तह तक जाएगी. उन्होंने दोहराया कि इंडिगो के खिलाफ कोई भी एक्शन लेने से सरकार गुरेज नहीं करेगी.
वीडियो: इंडिगो ने उड़ाने रद्द होने पर यात्रियों से माफी मांगते हुए क्या कहा?


















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