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सीजफायर पर उमर अब्दुल्ला, असुद्दीन ओवैसी, महबूबा मुफ्ती ने क्या कहा?

भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का सभी दलों ने स्वागत किया है. कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल ने मोदी सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है ताकि पहलगाम हमले के बाद से अब तक की सारी घटनाओं पर चर्चा की जा सके.

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भारत-पाकिस्तान में सीजफायर (India Today)

भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष खत्म हो गया है या नहीं, ये अब बहस का विषय है. क्योंकि पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया है. लेकिन इससे पहले दोनों देश सीजफायर (India Pakistan Ceasefire) के लिए राजी हो गए थे. भारत समेत दुनिया भर के नेताओं ने दोनों देशों के इस फैसले का स्वागत किया है. संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि वह अभी भी इस मामले की निगरानी कर रहे हैं, लेकिन संघर्ष कम करने की सभी कोशिश का स्वागत करते हैं. 

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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने सीजफायर को सही फैसला बताते हुए दोनों देशों के बीच दुश्मनी तत्काल खत्म करने की जरूरत बताई. उन्होंने कहा कि ये शत्रुता जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा के आसपास रहने वाले लोगों पर भारी पड़ रही है. अब्दुल्ला ने ये भी कहा कि उनकी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने हमेशा भारत और पाकिस्तान के बीच स्थायी मित्रता की वकालत की है, लेकिन भरोसे की कमी को पाटने की पहली जिम्मेदारी पाकिस्तान की है.

ओवैसी क्या बोले?

एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान जब तक आतंकवाद के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल करता रहेगा तब तक शांति नहीं हो सकती. सीजफायर हो या न हो लेकिन पहलगाम हमला करने वाले आतंकवादियों का हमें पीछा करते रहना चाहिए. उन्होंने बाहरी हमले के दौरान हमेशा सेना के साथ रहने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और भारतीय सेना को उनकी बहादुरी के लिए धन्यवाद दिया. शहीद सैनिकों एम मुरली नाइक और राज कुमार थापा को उन्होंने श्रद्धांजलि दी.

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ओवैसी ने कहा कि भारत तब मजबूत होता है जब वो एकजुट होता है. दुश्मनों को तब फायदा होता है जब भारतीय आपस में लड़ते हैं. उम्मीद है कि भारत की राजनैतिक पार्टियां इससे जरूर सीखेंगी.

सीजफायर का एलान डॉनल्ड ट्रंप के करने पर एतराज जताते हुए ओवैसी ने कहा कि अगर ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करते तो अच्छा था. उन्होंने कहा कि हम हमेशा तीसरे हस्तक्षेप के खिलाफ रहे हैं तो हमने इसे अब स्वीकार क्यों कर लिया? उन्होंने कहा कि कश्मीर हमारा आंतरिक मामला है. इसका अंतरराष्ट्रीयकरण नहीं होना चाहिए.

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यूनुस ने की मोदी-शरीफ की तारीफ

बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने सीजफायर पर नरेंद्र मोदी और शहबाज शरीफ दोनों की सराहना की है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश कूटनीति के जरिए मतभेदों को सुलझाने के पड़ोसी देशों के फैसले का समर्थन करता रहेगा.

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अब जब हमारे बीच सीजफायर हो गया है तो मुझे उम्मीद है कि हवाई अड्डों को जल्दी से फिर से खोला जा सकता है. हमारे पास हाजियों का एक बैकलॉग है जिन्हें अब तक मदीना में होना चाहिए था. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि केंद्र सरकार एयरस्पेस को फिर से खोलने और हज उड़ानों को शुरू करने के लिए तेजी से कदम उठाएगी.

जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तत्काल सीजफायर एक स्वागत योग्य कदम है. उम्मीद है कि दोनों देश स्थायी शांति की दिशा में काम करेंगे. उन्होंने कहा कि पहलगाम में निहत्थे मासूम लोग मारे गए. दहशतगर्दी किसी को कबूल नहीं है लेकिन दहशतगर्द ये तय नहीं करेंगे कि हिंदुस्तान-पाकिस्तान में कब जंग होगी और कब सुलह. मिलिट्री सलूशन कोई सलूशन नहीं है. अंततः एक इसका एक राजनीतिक समाधान निकलना चाहिए और भारत को बड़े भाई का किरदार निभाते हुए पूरे उपमहाद्वीप में अमन बहाल करने की कोशिश करनी चाहिए.

तेजस्वी-रमेश की विशेष सत्र की मांग

बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीजफायर के बाद संसद के विशेष सत्र की मांग की है. उन्होंने कहा कि सरकार को पहलगाम आतंकी हमले से लेकर अभी तक की घटनाओं की बिंदुवार जानकारी पूरे देश को देनी चाहिए. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सीजफायर के बाद एक्स पर पोस्ट किया, ‘शांति सर्वोपरि है और सम्प्रभुता भी!’

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ‘वाशिंगटन डीसी से सीजफायर की घोषणा’ के बाद सर्वदलीय बैठक की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इसकी अध्यक्षता करने को कहा है. उन्होंने कहा कि संसद का एक विशेष सत्र भी बुलाया जाना चाहिए और पिछले 18 दिनों की घटनाओं पर विस्तार से चर्चा किया जाना चाहिए ताकि आगे की दिशा तय की जा सके और देश एकजुट होकर सामूहिक संकल्प का प्रदर्शन कर सके.

पूर्व सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने कहा कि सैन्य अभियानों का बंद होना स्वागत योग्य कदम है. हालांकि स्थायी समाधान तक पहुंचने के लिए हमें अन्य मोर्चों पर दबाव बनाए रखना चाहिए. हम घटना के आधार पर प्रतिक्रिया नहीं कर सकते और आतंकी हमलों में जान नहीं गंवा सकते. 

वीडियो: सीजफायर घोषित, कर्नल सोफिया ने पाकिस्तान के किन दावों को झूठा बताया?

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