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पाकिस्तान की चीनी मिसाइल PL-15 कितनी घातक है? एक्सपर्ट ने बताया सच

चीन के मामलों के जानकार और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के ईस्ट एशियन स्टडीज सेंटर में प्रोफेसर श्रीकांत कुंडापल्ली ने लल्लनटॉप से बात की. उन्होंने बताया कि चीन की PL-15 मिसाइल जिस टेक्नोलॉजी पर आधारित उसके तार इजरायल से जुड़े हैं.

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JF-17 और PL-15 के बारे में एक्सपर्ट ने क्या बताया?(तस्वीर-X/Army Recognition)

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. पाकिस्तान लगातार ड्रोन हमले करके भारत को उकसा रहा है. जिसका भारत की तरफ से भी मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है. पाकिस्तान भारत के खिलाफ F-16, JF-17 फाइटर प्लेन उपयोग कर रहा है. रिपोर्ट्स बताती हैं कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ चीन में बनी मिसाइल PL-15 का भी इस्तेमाल किया है. दी लल्लनटॉप ने समझने की कोशिश की आखिर ये मिसाइल कितनी घातक है.

चीन के मामलों के जानकार और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के ईस्ट एशियन स्टडीज सेंटर में प्रोफेसर श्रीकांत कुंडापल्ली ने लल्लनटॉप से बात की. उन्होंने बताया कि चीन की PL-15 मिसाइल जिस टेक्नोलॉजी पर आधारित उसके तार इजरायल से जुड़े हैं.

प्रोफेसर श्रीकांत कुंडापल्ली से सवाल किया गया, “आपने JF-17 का जिक्र किया है. पाकिस्तानी वायु सेना (PAF) लंबे समय तक अमेरिकी लड़ाकू विमान F-16 Fighting Falcon पर निर्भर रही है. यह एक चौथी पीढ़ी का मल्टीरोल फाइटर जेट है. कहा जा रहा है कि उसके बाद अब वो JF-17 पर निर्भर है. जो चीन ने उन्हें मुहैया कराया है. इसके जरिए चीन लड़ाकू विमानों की दुनिया में ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और अमेरिका से मुकाबला करना चाहता है. JF-17 और PL-15 इनके बारे में हमारे पास क्या जानकारी है?”

इसका जवाब देते हुए JNU प्रोफेसर ने कहा,

“जैसा कि मैंने कहा कि PL-15 में जो तकनीक इस्तेमाल हुई है. उसका ईजाद 90 के दशक में इजरायल में हुआ था. इस समय इजरायल और चीन ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग करना शुरू किया. यह मिसाइल सिस्टम CPMIEC (China Precision Machinery Import and Export Corporation) भी निर्यात करती है. यह एक नॉन इंटरफेरेंस मिसाइल सिस्टम है. इसका मतलब मिसाइल लॉन्च होने के बाद उसे ट्रेस या लॉक करना बेहद मुश्किल होता है. खासकर अगर वह क्रूज मिसाइल हो. बैलेस्टिक मिसाइल को रोकना फिर भी संभव है.”

बैलेस्टिक मिसाइल और क्रूज मिसाइल में अंतर

प्रो. श्रीकांत कुंडापल्ली ने बताया,

“बैलिस्टिक मिसाइलों की रेंज आमतौर पर 300 किलोमीटर से ज्यादा होती है. जबकि क्रूज मिसाइलें 300 किलोमीटर तक की दूरी तय करती हैं. हालांकि, रेंज बढ़ाई जा सकती है लेकिन वह मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रेजीम (MTCR) के नियमों पर निर्भर करता है. MTCR मिसाइलों के लिए गाइड लाइन तय करती है.” 

उन्होंने आगे उदाहरण देते हुए कहा कि ब्रह्मोस एक क्रूज मिसाइल है. एक बार टारगेट सेट हो गया. तो यह सीधे जाकर टारगेट को मारती है. इसे रोकना बेहद मुश्किल होता है. इसमें फ्लेयर (भ्रम पैदा करने वाले उपकरण) का इस्तेमाल कर सकते हैं. ध्यान भटका सकते हैं, लेकिन फिर भी इसे रोकना आसान नहीं है. प्रो. श्रीकांत कुंडापल्ली ने कहा कि इसलिए इसे ‘नॉन-इंटरफेरेंस’ कैटेगरी में रखा जाता है.

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