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प्रचार-प्रसार: हिंदी डिजिटल कोचिंग: छोटे शहरों से लेकर महानगरों तक MSI का जादू

भारत के कई छोटे शहरों जैसे इंदौर, जयपुर, पटना, लखनऊ, भोपाल, कानपुर और कई अन्य स्थानों से हजारों लोग Sandeep Bhansali की कोचिंग जॉइन कर चुके हैं. उनकी हिंदी भाषा में उपलब्ध कोर्सेज की बदौलत कई लोग अपना खुद का डिजिटल व्यवसाय चला रहे हैं और आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो रहे हैं.

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डिजिटल कोचिंग उपलब्ध कराने वाले संदीप भंलासी.

हम डिजिटल क्रांति के दौर में जी रहे हैं, जहां हर कोई इंटरनेट का उपयोग करके नई संभावनाओं को तलाश सकता है. हालांकि, भारत में अधिकांश डिजिटल शिक्षा और ऑनलाइन आय से संबंधित सामग्री अंग्रेज़ी में उपलब्ध है. यह उन लाखों भारतीयों के लिए चुनौती पैदा करता है जो हिंदी बोलते और समझते हैं, लेकिन अंग्रेज़ी में सहज नहीं हैं. संदीप भंसाली ने इस समस्या का समाधान किया है और हिंदी में MSI (Multiple Sources Of Income यानी आय के कई स्रोत) मॉडल के माध्यम से डिजिटल कोचिंग उपलब्ध करवा रहे हैं.

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संदीप भंसाली का सफर: संघर्ष से सफलता तक

संदीप भंसाली की डिजिटल दुनिया की यात्रा रातोरात सफल नहीं हुई. अन्य लोगों की तरह, उन्होंने विभिन्न करियर रास्तों को आजमाया. पहले एक अभिनेता के रूप में और फिर एक सफल व्यवसायी के रूप में. लेकिन महामारी ने उनकी आर्थिक स्थिरता को झकझोर दिया, जिससे उनकी वित्तीय असुरक्षा बढ़ गई. इसी दौरान उन्होंने डिजिटल ज्ञान की शक्ति को पहचाना और महसूस किया कि यह MSI (आय के कई स्रोत) उत्पन्न करने में कितना कारगर है. उन्होंने देखा कि महामारी के दौरान डिजिटल प्लेटफॉर्म सबसे स्थिर और लाभदायक बने रहे, जिससे कई आय स्रोत बनाए जा सकते हैं. इस नई समझ के साथ, उन्होंने खुद को इस मॉडल को दूसरों को सिखाने के लिए समर्पित कर दिया— विशेष रूप से उन लोगों के लिए, जिन्हें भाषा की बाधाओं के कारण इस ज्ञान तक पहुंचने में कठिनाई होती थी.

भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था का भविष्य

2030 तक, भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था देश की कुल अर्थव्यवस्था का लगभग एक-पांचवां हिस्सा योगदान देगी, जो पारंपरिक क्षेत्रों की वृद्धि को पीछे छोड़ देगी. पिछले दशक में, डिजिटल-समर्थन उद्योगों की वृद्धि दर 17.3% रही है, जो संपूर्ण अर्थव्यवस्था की 11.8% वृद्धि दर से कहीं अधिक है. विशेष रूप से डिजिटल प्लेटफार्मों में तेजी से वृद्धि हुई है और आने वाले वर्षों में 30% की अनुमानित वृद्धि दर देखी जा रही है. 2022-23 में, डिजिटल अर्थव्यवस्था ने 14.67 मिलियन श्रमिकों या भारत के कुल कार्यबल के 2.55% का प्रतिनिधित्व किया, जिनमें से अधिकांश नौकरियां (58.07%) डिजिटल-सक्षम उद्योगों में थीं. जबकि कार्यबल में पुरुषों की संख्या अधिक है, डिजिटल प्लेटफार्मों ने महिलाओं के लिए अधिक रोजगार के अवसर बनाए हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पहले गतिशीलता और सुरक्षा एक बड़ी बाधा थी.

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MSI मॉडल: हिंदी भाषियों के लिए वरदान

MSI का अर्थ है कई माध्यमों से आय अर्जित करना. संदीप भंसाली ने इसे हिंदी में बेहद सरल और प्रभावी तरीके से सिखाने की प्रक्रिया शुरू की है. उनकी कोचिंग में शामिल हैं:
✔ डिजिटल मार्केटिंग – बिना तकनीकी ज्ञान के डिजिटल मार्केटिंग से कमाई कैसे करें. 
✔ एफिलिएट मार्केटिंग – अन्य ब्रांड्स के उत्पादों को प्रमोट कर कमिशन कैसे कमाएं.
✔ ऑनलाइन कोचिंग – अपने ज्ञान को ऑनलाइन कोर्स के रूप में बेचकर पैसा कैसे कमाएं. 
✔ फ्रीलांसिंग – अपनी स्किल्स का उपयोग करके घर बैठे अपनी आय कैसे बढ़ाएं. 
✔ कंटेंट क्रिएशन – सोशल मीडिया और यूट्यूब से स्मार्ट तरीकों से कमाई कैसे करें.

छोटे शहरों में बड़ा बदलाव

भारत के कई छोटे शहरों जैसे इंदौर, जयपुर, पटना, लखनऊ, भोपाल, कानपुर और कई अन्य स्थानों से हजारों लोग संदीप भंसाली की कोचिंग जॉइन कर चुके हैं. उनकी हिंदी भाषा में उपलब्ध कोर्सेज की बदौलत कई लोग अपना खुद का डिजिटल व्यवसाय चला रहे हैं और आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो रहे हैं.

डिजिटल आज़ादी: हिंदी में कोचिंग क्यों आवश्यक है?

भारत में अभी भी अंग्रेज़ी भाषा की समझ सीमित है. अधिकांश कामकाजी पेशेवर और व्यवसायी भाषा की बाधाओं के कारण ऑनलाइन अवसरों से वंचित रह जाते हैं. हालांकि, संदीप भंसाली की हिंदी डिजिटल कोचिंग ने इस समस्या का समाधान कर दिया है. उनकी रणनीतियाँ, जो सरल हिंदी में समझाई गई हैं, डिजिटल युग में आगे बढ़ने के लिए एक नई प्रेरणा बन गई हैं.

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क्या आप भी डिजिटल आज़ादी चाहते हैं?

यदि आप भी MSI (आय के कई स्रोत) मॉडल के माध्यम से अपनी पहली ऑनलाइन इनकम बनाना चाहते हैं या अपनी मौजूदा डिजिटल इनकम को अगले स्तर पर ले जाना चाहते हैं, तो संदीप भंसाली की हिंदी डिजिटल कोचिंग आपके लिए आदर्श समाधान हो सकती है.

अधिक जानकारी के लिए: https://digitalazadi.com/

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