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मरीज को पीटने वाले डॉक्टर की नौकरी गई तो हिमाचल के डॉक्टर्स एक साथ छुट्टी पर चले गए

22 दिसंबर को डॉक्टर राघव नरुला ने अस्पताल में मरीज को पीटा था. वीडियो सामने आया तो जांच हुआ. जांच के बाद डॉक्टर को नौकरी से निकाल दिया गया.

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डॉक्टर और मरीज के बीच हाथापाई का वीडियो वायरल हुआ था (PHOTO- Screengrab from X)

हिमाचल प्रदेश के शिमला (IGMC Shimla) में डॉक्टर और मरीज के बीच हुई हाथापाई के बाद प्रदेश सरकार ने आरोपी डॉक्टर की सेवाएं समाप्त कर दी थीं. अब इसके विरोध में पूरे प्रदेश के डॉक्टर्स ने एक साथ 26 दिसंबर को कैजुअल लीव पर जाने का ऐलान किया है. प्रदेश के रेजिडेंट डॉक्टर्स की मांग है कि टर्मिनेट किए गए सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर राघव नरुला को वापस से बहाल किया जाए. हिमाचल मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन (HMOA) की इस घोषणा की राज्य भर के डॉक्टर 26 दिसंबर को छुट्टी पर जाएंगे. वहीं इस घोषणा के बाद IGMC के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) ने भी धमकी दी है कि अगर डॉ राघव नरूला को नौकरी से निकालने का आदेश वापस नहीं लिया गया, तो वह भी 27 दिसंबर से हड़ताल पर चले जाएंगे. राज्य सरकार ने एक अंदरूनी जांच के बाद डॉ नरूला को दुर्व्यवहार का दोषी पाए जाने पर उनकी सेवाएं खत्म कर दी थीं.

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क्या थी पूरी घटना?

यह घटना 22 दिसंबर को शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) में हुई. एनडीटीवी को अर्जुन सिंह ने बताया कि उनका फेफड़ों के इन्फेक्शन का इलाज चल रहा था. उन्हें टेस्ट के लिए पल्मोनरी ब्लॉक में ले जाया गया था, और सांस लेने में दिक्कत और ऑक्सीजन लेवल कम होने के कारण दो घंटे तक ऑब्जर्वेशन के लिए बेड पर रखा गया था. अर्जुन सिंह ने आरोप लगाया कि जब डॉ नरुला उन्हें लात-घूंसे मार रहे थे, तो दूसरे डॉक्टर ने उनके पैर पकड़ रखे थे ताकि वह अपना बचाव न कर सकें. 

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उन्होंने कहा कि हमले के दौरान उनसे जुड़ी ऑक्सीजन पाइप टूट गई, जिससे उनकी जान खतरे में पड़ गई. यह वीडियो, सिंह के भाई ने रिकॉर्ड किया था. इसके बाद मरीज के 112 डायल करने के बाद पुलिस टीम आई. डॉ नरुला और एक दूसरे डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. दूसरा आरोपी डॉक्टर वह है जिसने मारपीट के दौरान मरीज का पैर पकड़ा था. मामला सामने आया तो अस्पताल प्रशासन ने इसकी गंभीरता को देखते हुए जांच कमेटी गठित की. इसके बाद 25 दिसंबर को डॉक्टर की सेवाएं समाप्त कर दी गईं. 

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