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हरिद्वार में अस्पताल की फर्श पर दिया बच्चे को जन्म, नर्स बोली- ‘मजा आया, और बच्चा पैदा करेगी?’

Haridwar Hospital Floor Delivery: महिला रात 9:30 बजे अस्पताल पहुंची थी. आरोप है कि वो अस्पताल के फर्श पर दर्द से तड़पती रही और अंततः 1:30 बजे उसने सबके सामने बच्चे को जन्म दिया. जबकि उसे कोई चिकित्सा सहायता उपलब्ध नहीं कराई गई.

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अस्पताल के फ्लोर पर महिला ने दिया बच्चे को जन्म. (सांकेतिक तस्वीर- आजतक)

उत्तराखंड के हरिद्वार में एक गर्भवती महिला को अस्पताल के फर्श पर ही बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर होना पड़ा. क्योंकि स्टाफ ने कथित तौर पर मदद करने से इनकार कर दिया. घटना से जुड़ा एक वीडियो सामने के बाद लोगों में गुस्सा है. विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसे लेकर सवाल उठाए हैं. वहीं, अस्पताल प्रशासन पर कार्रवाई भी हुई है.

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गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली ये महिला को मंगलवार, 30 सितंबर की देर रात अस्पताल पहुंची थी. लेकिन भर्ती करने से कथित तौर पर मना कर दिया गया. महिला के परिवार वालों का आरोप है कि ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने ये कहकर इलाज करने से इनकार कर दिया कि यहां डिलीवरी नहीं हो पाएगी.

इंडिया टुडे से जुड़े मुदिक अग्रवाल की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला रात 9:30 बजे अस्पताल पहुंची थी. आरोप है कि वो अस्पताल के फर्श पर दर्द से तड़पती रही और अंततः 1:30 बजे उसने सबके सामने बच्चे को जन्म दिया. जबकि उसे कोई चिकित्सा सहायता उपलब्ध नहीं कराई गई.

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अगली सुबह अस्पताल पहुंची महिला की एक परिजन सोनी ने पत्रकारों से बात की. इस दौरान उन्होंने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा,

जब हम सुबह अस्पताल पहुंचे, तो उसने (गर्भवती महिला और एक अन्य रिश्तेदार ने) हमें बताया कि उसे किसी ने बिस्तर पर लेटने तक नहीं दिया.

सोनी के मुताबिक, डिलीवरी के बाद वहां खड़ी दो नर्सों में से एक ने व्यंग्यात्मक लहजे में महिला से पूछा, ‘मजा आया? और बच्चा पैदा करेगी?’ सोनी ने कहा,

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ऐसी बातें कौन कहता है? अगर बच्चे को कुछ हो जाता, तो जिम्मेदारी कौन लेता? डिलीवरी फर्श पर हुई थी. हमारी मांग है कि किसी भी मरीज के साथ ऐसा व्यवहार न किया जाए. लोग यहां खुशी में नहीं, बल्कि दुख में आते हैं.

घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें महिला जमीन पर पड़ी दर्द से चीख रही है और उसकी एक रिश्तेदार (बुजुर्ग महिला) उसे पीछे से पकड़े हुए है. आस-पास कोई अस्पताल कर्मचारी नजर नहीं आ रहा है. मामले पर कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए लिखा,

उत्तराखंड में इंसानियत शर्मसार… BJP सरकार में लोगों का बुरा हाल है. जनता रो रही है, परेशान है... लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही.

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कांग्रेस ने उठाए सवाल.

पूरे मामले पर हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. आरके सिंह की भी प्रतिक्रिया आई है. उनका कहना है,

मैंने महिला अस्पताल से प्रारंभिक रिपोर्ट ले ली है और विस्तृत लिखित रिपोर्ट का इंतजार कर रहा हूं. शुरुआती जानकारी के अनुसार, महिला को रात लगभग 9:30 बजे लाया गया था और रात 1:30 बजे इमरजेंसी रूम में उसकी डिलीवरी हुई. वीडियो की सत्यता की जांच अभी की जा रही है. फिर भी, अगर किसी भी लापरवाही की पुष्टि होती है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

CMO डॉ. आरके सिंह ने पुष्टि की है कि नाइट ड्यूटी पर तैनात संविदा चिकित्सक डॉ. सोनाली को बर्खास्त कर दिया गया है. वहीं, दो नर्सों को घटना में उनकी भूमिका के लिए आधिकारिक नोटिस (एडवर्ड्स) दिया गया है. CMO के मुताबिक, इमरजेंसी की स्थिति में गर्भवती महिला को अस्पताल में भर्ती न करने के कारण का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है.

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