गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खाउंटे (Rohan Khaunte) ‘अवैध होमस्टे’ को लेकर दूसरे राज्यों के कुछ लोगों से ‘नाराज’ हैं. मंत्री ने कहा कि दिल्ली और दूसरे राज्यों के लोग गोवा में मकान खरीदते हैं और इसका दुरुपयोग वे पर्यटकों को किराए पर देने के लिए करते हैं. उन्होंने कहा कि ये मामला राज्य के पर्यटक क्षेत्र के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है.
दिल्ली वालों की इस 'हरकत' से परेशान हैं गोवा के पर्यटन मंत्री
Goa के Tourism Minister ने कहा कि Delhi और दूसरी जगहों से आए लोगों ने कोविड के दौरान यहां दूसरा घर खरीदा है. टूरिस्ट आकर उन घरों में ठहरते हैं. हमारे पास इन घरों की कोई डिटेल्स नहीं है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ये मुद्दा विधानसभा में शून्यकाल के दौरान BJP विधायक माइकल लोबो ने उठाया. उन्होंने कहा कि दूसरे राज्य के लोग गोवा में मकानों को ‘दूसरे घर’ के तौर पर खरीदते हैं. जो होमस्टे के तौर पर रजिस्टर्ड नहीं होते. लेकिन इनका इस्तेमाल अवैध रूप से पर्यटकों को किराए पर देने के लिए होता है. उन्होंने आरोप लगाया कि ये अक्सर ‘अनियंत्रित’ पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, जो पड़ोसियों की परेशानी का सबब बनते हैं. BJP विधायक लोबो ने कहा,
गोवावासियों के बीच अवैध होमस्टे को लेकर चिंता बढ़ रही है. किसी बिल्डिंग में, अगर 50 फ्लैट हैं, तो उनमें से दस को छोटी अवधि की छुट्टियों के लिए किराए पर दे दिया जाता है. कोई भी इस पर नजर नहीं रखता कि कौन आता-जाता है. वे (बिल्डिंग परिसर के) सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीते हैं... तेज आवाज में संगीत बजाते हैं.
उन्होंने सरकार से इन अवैध होमस्टे पर रोक लगाने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.
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पर्यटन मंत्री ने क्या कहा?इस पर पर्यटन मंत्री रोहन खाउंटे ने कहा कि टूरिज्म डिपार्टमेंट, ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसी प्लेटफार्म्स पर लिस्टेड होटलों की निगरानी कर रहा है. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे अधिकारियों के पास रजिस्टर्ड हैं या नहीं. उन्होंने कहा,
समस्या यह है कि दिल्ली और दूसरी जगहों से आए लोगों ने कोविड के दौरान यहां दूसरा घर खरीदा है. पर्यटक आकर उन घरों में ठहरते हैं. हमारे पास इन घरों की कोई डिटेल्स नहीं है. यह एक गंभीर मुद्दा है. क्योंकि हम अपना बिजनेस खो रहे हैं.
मंत्री ने कहा कि सरकार एक स्थायी समाधान खोजने की दिशा में काम करेगी. जो निवासियों और पर्यटन क्षेत्र, दोनों के हितों की रक्षा करेगा. पिछले साल विधानसभा में साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में पर्यटन विभाग के पास कम से कम 230 होमस्टे और ‘बेड एंड ब्रेकफास्ट प्रतिष्ठान’ रजिस्टर्ड हैं.
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