डॉक्टरों ने एक 70 साल के बुजुर्ग के पेट से 8 हज़ार से ज़्यादा स्टोन (8,000 Gallstones Removed) निकाले हैं. बुजुर्ग बीते पांच साल से इसकी वजह से दर्द और तकलीफ में थे. स्टोन निकल जाने के बाद उन्होंने राहत की सांस ली है. बुजुर्ग की सर्जरी क़रीब एक घंटे तक चली, जबकि पत्थर गिनने मे छह घंटे लगे.
बुजुर्ग के पेट से निकले आठ हजार से ज्यादा पत्थर, गिनने में लगे छह घंटे
बुजुर्ग पेशेंट कई वर्षों से लगातार पेट दर्द, बीच-बीच में बुखार की शिकायत कर रहे थे. एक घंटे ऑपरेशन चला और पत्थर गिनने में लगे पूरे छह घंटे.

न्यूज़ एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, बुजुर्ग का ऑपरेशन हरियाणा के गुरुग्राम में हुआ. कई वर्षों से बुजुर्ग पेशेंट को लगातार पेट दर्द, बीच-बीच में बुखार, भूख न लगना और कमज़ोरी के साथ-साथ चेस्ट और बैक में भारीपन की समस्या थी. डॉक्टरों की एक टीम ने एक घंटे तक सर्जरी को अंजाम दिया. पेशेंट को दो दिनों के अंदर छुट्टी भी दे दी गई.
लेकिन असली काम सर्जरी के बाद हुआ. डॉक्टरों के सपोर्ट स्टाफ की टीम ने निकाली गई पित्त की पथरियों की संख्या को गिनना शुरू किया. सर्जरी के बाद वे घंटों तक पत्थरों की संख्या गिनते रहे. फिर पता चला कि गॉल ब्लैडर में 8,125 स्टोन थे.
फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के डॉक्टर अमित जावेद ने बताया,
यह मामला रेयर था. सर्जरी में देरी से गंभीर जटिलताएं हो सकती थीं. अगर इलाज न किया जाता तो गॉल ब्लैडर की पथरी समय के साथ काफी बढ़ सकती थी. इस मरीज के मामले में कई सालों की देरी के कारण कई पथरियां जमा हो गई थीं.
उन्होंने आगे कहा,
अगर टाइम पर सर्जरी नहीं होती तो यह ब्लैडर में पस, दीवार के मोटे होने और फाइब्रोसिस और यहां तक कि गॉल ब्लैडर कैंसर का भी खतरा था. सर्जरी के बाद पेशेंट स्टेबल है. उसे कोई परेशानी नहीं है. इस मामले को जो बात अलग बनाती है, वह है इतनी बड़ी संख्या में पथरी निकालना. ज़्यादातर पित्त की पथरी कोलेस्ट्रॉल से बनी होती है. अक्सर मोटापे और हाई कोलेस्ट्रॉल वाली डाइट से जुड़ी होती है.
फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट गुरुग्राम के उपाध्यक्ष यश रावत ने कहा कि गॉल ब्लैडर स्टोन की बड़ी संख्या के कारण यह मामला खासतौर से चुनौतीपूर्ण था. फिर भी डॉ. अमित जावेद के नेतृत्व में हमारे डॉक्टरों की टीम ने इसे स्पेशल स्किल के साथ संभाला.
इससे पहले पिछले साल सितंबर में एक ऐसा मामला सामने आया था. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान के कोटा में 70 साल के बुज़ुर्ग के गॉल ब्लडर से 6,110 स्टोन निकाले गए थे. बुजुर्ग पेशेंट को डेढ़ साल से पेट दर्द, गैस, ब्लोटिंग और उल्टी की शिकायत थी.
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