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'डल्लेवाल को यहां से उठाया तो...', आमरण अनशन के 26वें दिन किसानों ने बड़ी चेतावनी दे दी

Jagjit Singh Dallewal दो दिन पहले खनौरी बॉर्डर (Khanauri Border) पर बेहोश हो गए थे, उनकी हालत अच्छी नहीं है. अब किसान नेताओं ने डल्लेवाल को खनौरी बॉर्डर से उठाने पर सरकार को बड़ी चेतावनी दे दी है.

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आमरण अनशन के दौरान जगजीत सिंह डल्लेवाल. (तस्वीर: इंडिया टुडे)
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अमन कुमार भारद्वाज

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (Jagjit Singh Dallewal) खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर हैं. आज यानी 21 दिसंबर को उनके अनशन का 26वां दिन है. उनकी हालत खराब बताई जा रही है. किसान नेता सुरजीत सिंह फूल ने बताया है कि 19 दिसंबर को नहाने के बाद डल्लेवाल बेहोश हो गए थे. उनका ब्लड प्रेशर भी ठीक नहीं है. और वो किसी से मुलाकात नहीं कर रहे हैं.

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एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, सुरजीत ने कहा कि दिल्ली में सांसदों की धक्का-मुक्की हुई तो सभी नेता वहां पहुंच गए. लेकिन एक वरिष्ठ किसान नेता की सुध लेने कोई नहीं पहुंचा. उन्होंने दावा किया कि पंजाब और हरियाणा के हेडक्वार्टर में तैनात फोर्स को खनौरी बॉर्डर भेजा रहा है. और हरियाणा से किसानों को आगे नहीं बढ़ने दिया जा रहा है. रास्ते ब्लॉक कर दिए गए हैं.

उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा में पुलिस किसानों के घर में घुस जा रही है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर डल्लेवाल को खनौरी बॉर्डर से उठाया गया तो खून-खराबा हो जाएगा.

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सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है मामला

डल्लेवाल कैंसर के मरीज हैं. 20 दिसंबर को उनसे जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था,

“डल्लेवाल का स्वास्थ्य हर दिन खराब हो रहा है. उन्हें अस्थायी अस्पताल में क्यों नहीं शिफ्ट कर सकते? उनका स्वास्थ्य ठीक रहे, ये सुनिश्चित करना पंजाब सरकार की जिम्मेदारी है. यदि उनको अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता है तो अधिकारी इसके बारे में निर्णय लेंगे.”

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सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कोर्ट को एक पत्र लिखा है. उन्होंने लिखा है कि उन्हें खबरों से पता चला है कि सुप्रीम कोर्ट उनकी तबीयत को लेकर चिंतित है. उन्होंने आगे लिखा,

“मैं आपकी (सुप्रीम कोर्ट की) भावनाओं का सम्मान करता हूं. सरकारों की गलत नीतियों के कारण आत्महत्या करने वाले किसानों का जीवन मेरे जीवन से अधिक महत्वपूर्ण है. संसदीय पैनल ने सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) लागू करने की सिफारिश की है. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था, किसानों और देश को फायदा होगा. ये एक सर्वदलीय समिति है, जिसमें सभी राजनीतिक दलों के 31 सांसद शामिल हैं.”

डल्लेवाल ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि MSP की गारंटी का कानून बनाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए. उन्होंने ये भी कहा कि किसानों की मांगें सिर्फ उनकी मांगें नहीं हैं, बल्कि ये सरकार के द्वारा उनसे किए गए वादे हैं.

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