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मध्य प्रदेश के एक किसान की सालाना आय 3 रुपये, सर्टिफिकेट बनवाने में इससे ज्यादा खर्चे होंगे

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने रामस्वरूप के आय प्रमाण पत्र को अपने एक्स अकाउंट पर शेयर कर प्रदेश की मोहन यादव सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत का सबसे गरीब आदमी 'मोहन राज' में मिला है.

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किसान तहसील में आय प्रमाण पत्र बनवाने गया था - प्रतीकात्मक तस्वीर (PHOTO-AajTak)

सोशल मीडिया पर मध्य प्रदेश के सतना (Satna Farmer) के एक किसान का 'आय प्रमाण पत्र' (Income Certificate) वायरल है. हैरानी की बात ये है कि इसमें किसान की सालाना आय मात्र 3 रुपये लिखी हुई है. मध्य प्रदेश कांग्रेस ने तो आय प्रमाण पत्र शेयर करते हुए प्रदेश की मोहन यादव सरकार को भी आड़े हाथों लिया. क्या है पूरा मामला, विस्तार से समझते हैं

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कांग्रेस ने कहा, एमपी में भारत का सबसे गरीब आदमी

मध्य प्रदेश के सतना जिले में एक गांव है. नाम है नयागांव. यहां रामस्वरूप नाम के एक किसान रहते हैं. कुछ समय पहले वो तहसील पहुंचे और अपना आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अप्लाई किया. 22 जुलाई को उन्हें जब प्रमाण पत्र मिला तो वो हैरान रह गए. प्रमाण पत्र के मुताबिक उनकी साल भर की कमाई मात्र 3 रुपये बताई गई. इस प्रमाण पत्र पर तहसीलदार सौरभ द्विवेदी के हस्ताक्षर थे. उनके मुताबिक रामस्वरूप द्वारा दिए गए दस्तावेजों और जानकारी के आधार पर ये प्रमाण पत्र जारी किया गया है.

अब साल भर में जब किसी की आय 3 रुपये दिखा दी जाए तो बवाल कटना तय था. मध्य प्रदेश कांग्रेस ने रामस्वरूप के आय प्रमाण पत्र को अपने एक्स अकाउंट पर शेयर कर प्रदेश की मोहन यादव सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा

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मोहन राज में ही मिला भारत का सबसे गरीब आदमी! सतना जिले में एक आय प्रमाण पत्र जारी हुआ! सालाना आमदनी केवल 03.00 रुपए बताई गई है! है ना चौंकाने वाली बात! जनता को गरीब बनाने का मिशन? क्योंकि, अब कुर्सी ही खा रही कमीशन!

तहसीलदार ने बताई वजह

जब रामस्वरूप ने अपना आय प्रमाण पत्र देखा तो उनका माथा ठनका. वो तहसील ऑफिस गए और वहां इसकी शिकायत दर्ज करवाई. कोठी के तहसीलदार सौरभ द्विवेदी ने इस गलती को मानते हुए बताया कि एक क्लर्क की वजह से ये गलती हुई. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक तहसीलदार सौरभ ने स्थानीय मीडिया को बताया,

हमारे कार्यालय द्वारा एक आय प्रमाण पत्र जारी किया गया था जिसमें क्लेरिकल गलती की वजह से वार्षिक आय गलती से 3 रुपये दर्ज हो गई थी. इसे अब ठीक कर दिया गया है.

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पूरी घटना के बाद रामस्वरूप को तहसील से एक नया प्रमाण पत्र जारी किया गया. 25 जुलाई, 2025 को जारी हुए नए प्रमाण पत्र में गलती सुधारते हुए उनकी सालाना आय 30 हजार रुपये बताई गई है.

वीडियो: मध्य प्रदेश में किसान का कॉलर पकड़ना महंगा पड़ा, SDO सस्पेंड, FIR भी दर्ज

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