The Lallantop

CM योगी के खास अफसर ने अतीक-मुख्तार की मौत और कुंभ भगदड़ पर क्या बताया?

रिटायर्ड DGP प्रशांत कुमार ने बताया कि मुख्तार अंसारी ने जितनी भी बार मेडिकल जांच की डिमांड की, उन्हें वो उपलब्ध कराई गई. इस मामले में पूरी फॉरेंसिक जांच हुई, जिसमें कार्डियक अरेस्ट ही मौत का कारण सामने आया.

Advertisement
post-main-image
कुंभ के दौरान VIP ट्रीटमेंट पर भी प्रशांत कुमार ने बात की. (फोटो- इंडिया टुडे/लल्लनटॉप)

योगी आदित्यनाथ सरकार में यूपी के DGP रहे IPS अफसर प्रशांत कुमार इस बार हमारे शो ‘किताबवाला’ में मेहमान थे. 1990 बैच के IPS अफसर प्रशांत ने राज्य की पुलिस व्यवस्था को लेकर कई बातें साझा कीं. उन्होंने अतीक-मुख्तार की मौत पर भी बात की. साथ ही कुंभ के आयोजन के दौरान हुई भगदड़ को लेकर भी अपना पक्ष रखा.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

जब रिटायर्ड DGP प्रशांत कुमार से कुंभ की भगदड़ के बारे में सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा,

“इस घटना के बारे में मेला अधिकारी के द्वारा ब्रीफिंग की गई थी. मरने वालों की जो संख्या थी, उसके बारे में प्रेस को ब्रीफ किया गया था. ये कह सकते हैं कि वहां के अधिकारियों के द्वारा उस दिन और सही से प्रेम ब्रीफिंग की जा सकती थी. लेकिन मौनी अमावस्या के दिन शाही स्नान में किसी तरह की बाधा सामने नहीं आई. सारी हमारी एंबुलेंस टाइम से पहुंची थीं. पांच के मिनट के अंदर मरने वाले लोगों और घायलों को वहां से हटा लिया गया था.”

Advertisement

एक्स DGP ने आगे बताया,

“वहां की व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही थी. जैसे ही इस बात की जानकारी मिली तो तुरंत एक्शन लिया गया और जांच की गई. हर एक शाही स्नान के बाद एक परंपरा रही है, लोग वहां अपने कपड़े, चप्पल आदि छोड़ जाते हैं. जब उसकी सफाई हो रही थी, तो उसे भगदड़ से जोड़ा गया. जबकि कई जगहों पर जो सफाई हो रही थी, उसका भगदड़ से कोई लेना-देना नहीं था.”

प्रशांत कुमार ने कहा कि संगम नोज़ के पास भगदड़ हुई थी. उसके बाद कई जगहों पर घाटों की सफाई भी हुई थी. उन्होंने आगे बताया,

Advertisement

“आप वाराणसी जाएं, मैं अभी उज्जैन गया, सभी जगहों पर ऐसा होता है कि लोग कपड़े छोड़ जाते हैं. लेकिन उन चीजों को भगदड़ से जोड़ना ठीक नहीं है.”

जब पूर्व डीजीपी से पूछा गया कि वहां VIP ट्रीटमेंट अच्छे से मैनेज किया जा सकता था. तो उन्होंने बताया,

“कोई भी व्यवस्था हो, उसमें बेहतरी के चांस हमेशा रहते हैं. लेकिन जिस लेवल की भीड़ थी, उससे बेहतर व्यवस्था कहीं नहीं हुई है. अब आगे जब चीजें होंगी, तो इसे और बेहतर करने का मौका होगा. ऐसे कई NRI आए जिन्होंने कोई सिक्योरिटी नहीं ली. जो लोग आस्था में डूबे होते हैं, उन पर कोई लॉजिक नहीं काम करता. सरकार ने कहा था कि कोई भी VIP व्यवस्था की जाएगी. इस बार घाटों की संख्या भी बढ़ाई गई थी. यही कारण था कि इतने लोग आए स्नान के लिए.”

मुख्तार अंसारी की मौत पर

मुख्तार अंसारी ने MP-MLA कोर्ट को एक एप्लिकेशन लिख दावा किया था कि उन्हें खाने में जहर मिला कर जान से मारने की साजिश की जा रही है. इसका जिक्र हुआ तो पूर्व DGP ने कहा,

“ये बात सभी को पता है कि जेल पुलिस के तहत नहीं आती. जेल एक अलग विभाग है. जेल का अपना काडर होता है. मुख्तार अंसारी पुलिस कस्टडी में थे ही नहीं, तो पुलिस पर सब दोष करना सही नहीं है. इस प्रकरण की भी पूरी ज्यूडिशियल इंक्वायरी हुई है.”

प्रशांत कुमार ने बताया कि मुख्तार अंसारी ने जितनी भी बार मेडिकल जांच की डिमांड की, उन्हें वो उपलब्ध कराई गई. इस मामले में पूरी फॉरेंसिक जांच हुई, जिसमें कार्डियक अरेस्ट ही मौत का कारण सामने आया.

अतीक अहमद और अशरफ का मामला

तीन हत्यारों के बारे में जांच में क्या पता चला? इस सवाल पर पूर्व DGP प्रशांत कुमार ने बताया,

“आरोपियों का उद्देश्य फेमस होने का था. उन सभी का ट्रायल चल रहा है. जो पुलिस पूछताछ में सामने आया उसमें ये पता चला कि जब अतीक को गुजरात से शिफ्ट किया गया था तो बॉर्डर पार से कई तरह के हथियार तस्कर कर लाए गए थे. उस वक्त भी पुलिस पर आरोप लगाया गया था कि इस मामले को सेंसेशनलाइज किया जा रहा है.”

अतीक की हत्या के वक्त पुलिस ने फायर नहीं किया. इस पर पूर्व DGP ने कहा,

“अगर पुलिस फायर करती, और हत्यारे किसी पुलिसकर्मी को मार देते, तो उसमें भी कहानी बन जाती. हर एक केस अलग होता है.”

पूर्व डीजीपी ने बताया कि पुलिस का काम काफी मुश्किल होता है. कई सारे लोग तो सर्वाइव नहीं कर पाते. वो पहले नौकरी छोड़ देते हैं.

किताबवाला का ये एपिसोड लल्लनटॉप के यूट्यूब चैनल पर 4 दिसंबर को रिलीज किया जाएगा. बाकी किस्सों के लिए आप पूरा एपिसोड जरूर देखिए.

वीडियो: कानपुर के लड़के ने साइबर फ्रॉड वाले को ठगा, यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार ने दिया इनाम

Advertisement