यूरोप की एक कंपनी ने अपने सबसे बेहतरीन कर्मचारी को ऑफिस के लैपटॉप में नेटफ्लिक्स देखने के लिए नौकरी से निकाल दिया. कंपनी के फाउंडर ने खुद इसकी जानकारी एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए दी. फाउंडर के मुताबिक एम्प्लॉई ने नेटफ्लिक्स देखने के लिए VPN का इस्तेमाल किया था.
ऑफिस लैपटॉप पर नेटफ्लिक्स देखा, नाराज कंपनी ने बेस्ट एम्प्लॉई को नौकरी से निकाल दिया
Employee fired for watching Netflix: कंपनी के फाउंडर ने कहा कि वह उनकी सबसे बेस्ट इम्प्लॉई थी. 7 साल से उनके साथ थी. उसका परफॉर्मेंस रिव्यू एकदम सही था. क्लाइंट्स उसे बहुत पसंद करते थे. फिर भी एक झटके में उसे नौकरी से बाहर कर दिया. वजह भी खुद ही बताई.


Matthias Schmidt नाम के शख्स ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए पूरा वाकया साझा किया है. उनके प्रोफाइल के बॉयो में लिखा है कि वह EU यानी यूरोपियन यूनियन बेस्ड एक फाउंडर हैं और GDPR-कम्प्लायंट स्टार्टअप बनाते हैं. उन्होंने अपने पोस्ट की शुरूआत में लिखा,
आज मैंने अपने सबसे अच्छे कर्मचारी को नौकरी से निकाल दिया.
इसके बाद Matthias ने पूरा वाकया बताया कि ऐसा क्यों किया. उन्होंने बताया कि वह इम्पलॉई 7 साल से उनके साथ थी. उसका परफॉर्मेंस रिव्यू एकदम सही था. क्लाइंट्स उसे बहुत पसंद करते थे. लेकिन एक दिन उन्हें उस एम्प्लॉई के लैपटॉप से कुछ मिला था. फाउंडर के मुताबिक यह बात जब उन्होंने एम्प्लॉई को बताई तो उसका चेहरा पीला पड़ गया. Matthias ने उससे कहा कि तुम VPN से अमेरिकन वेबसाइट का उपयोग कर रही थी.
इस पर एम्प्लॉई ने सफाई दी कि उसने सिर्फ नेटफ्लिक्स देखने के लिए VPN का इस्तेमाल किया था. वजह बताई कि जो शो उसे देखने थे, वह नेटफ्लिक्स के यूरोपियन लाइब्रेरी में नहीं थे. इस वजह से उसने अमेरिकन सर्वर से कनेक्ट किया. हालांकि इस पर कंपनी ने उससे कहा कि तुमने यूरोपियन यूनियन के नियमों को सिर्फ इसलिए बाईपास कर दिया, क्योंकि तुम्हें और शो देखने थे.
नहीं मिली माफीफाउंडर ने बताया कि इस पर एम्प्लॉई माफी मांगने लगी और कहा कि यह सिर्फ एक बार किया था, वह भी कुछ घंटो के लिए. हालांकि इस पर कंपनी ने जवाब दिया कि अब कुछ नहीं हो सकता. कंपनी का डाटा पहले ही अमेरिकी सर्वर तक पहुंच चुका है. इसे ठीक नहीं किया जा सकता. इतना कहने के बाद महिला कर्मचारी को नौकरी से निकाल दिया गया और उसे टर्मिनेशन पेपर दिया गया. उसे ऑफिस की बिल्डिंग से बाहर निकालने के लिए सिक्योरिटी को बुलाया. फाउंडर ने कहा कि उन्होंने उसी दिन कंप्लायंस ऑफिसर को प्रमोट कर दिया. उन्हें इसी तरह की पहल की जरूरत है.
फाउंडर की इस पोस्ट पर सोशल मीडिया यूजर्स ने भी रिएक्ट किया है. कुछ लोगों ने कर्मचारी को नौकरी से निकाले जाने का समर्थन किया तो कुछ लोगों ने कंपनी के फैसले पर सवाल उठाते हुए उसकी आलोचना की. एक शख्स ने लिखा कि जिसने भी उसे (इम्प्लॉई को) काम पर रखा, उसे भी जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.

वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा कि 7 साल की वफादारी, बेदाग परफॉर्मेंस और खुश क्लाइंट्स के बाद, उसका करियर इसलिए खत्म हो गया, क्योंकि उसने काम के घंटों के बाद VPN का इस्तेमाल करके नेटफ्लिक्स देखा? अगर कंप्लायंस इतना ही ज़रूरी था, तो VPN को सात साल बाद क्यों पकड़ा गया और शुरू में ही इसे रोका क्यों नहीं गया? इस पर कंपनी के फाउंडर ने जवाब दिया कि मैं समझता हूं कि नाइजीरिया में कानूनों का ज़्यादा महत्व नहीं होगा, लेकिन यूरोप में हम उनका सख्ती से पालन करते हैं.

बहरहाल, बता दें कि यह इस तरह का पहला मामला नहीं है, जब इम्प्लॉई को ऐसे अनूठे कारणों की वजह से नौकरी से निकाल दिया गया. हाल ही में द फालूदा शॉप के फाउंडर प्रदीप कनन ने भी कुछ ऐसा ही वाकया लिंक्डइन पर शेयर किया था. उन्होंने बताया था कि एक वफादार कर्मचारी को केवल इसलिए नौकरी से निकाल दिया था, क्योंकि उसे लगने लगा था कि उसके बिना कंपनी नहीं चल सकती. उसे घमंड आ गया था.
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वहीं एक मीडियम साइज की मार्केटिंग एजेंसी के CEO ने एक ऑनलाइन आर्टिकल में बताया था कि उन्होंने अपने कंपनी से 6 कर्मचारियों को निकाल दिया था. वजह- AI कम खर्चे में उनसे बेहतर काम करके दे रहा था. CEO ने लिखा कि किसी भी कर्मचारी की परफॉर्मेंस में कोई समस्या नहीं थी. बस खर्चे में कटौती के लिए उन्हें नौकरी से निकाल दिया. क्योंकि उनकी सैलरी के मुकाबले AI का खर्चा बेहद मामूली था. इसके अलावा चीन में एक कर्मचारी को केवल इसलिए नौकरी से निकाल दिया गया था, क्योंकि उसने एक मिनट पहले काम छोड़ दिया था. इस पर कर्मचारी ने कंपनी के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा कर दिया. इस पर कोर्ट ने कर्मचारी के पक्ष में फैसला सुनाया था और कंपनी को उसे मुआवज़ा देने का आदेश दिया था.
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