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ED ने सौरभ भारद्वाज के घर मारा छापा, दिल्ली स्वास्थ्य परियोजनाओं में हेराफेरी का आरोप

दिल्ली की एंटी-करप्शन ब्रांच ने AAP सरकार के दौरान स्वास्थ्य ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. इस मामले में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री Saurabh Bhardwaj के खिलाफ केस दर्ज किया गया था.

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पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज के घर पर ईडी ने छापा मारा है (फोटो: आजतक)
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मुनीष पांडे

आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) के घर पर ईडी ने छापा मारा है. इसके अलावा उनके 13 और ठिकानों पर भी ईडी छापेमारी कर रही है. दिल्ली की एंटी-करप्शन ब्रांच (ACB) ने AAP सरकार के दौरान स्वास्थ्य ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. इस मामले में पूर्व स्वास्थ्य मंत्रियों सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ केस दर्ज किया गया था.

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ACB ने क्या आरोप लगाए?

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने 2018-19 में 24 अस्पताल परियोजनाओं को मंजूरी दी थी. इनमें 11 ग्रीनफील्ड और 13 ब्राउनफील्ड प्रोजेक्ट्स शामिल थे. इन परियोजनाओं की कुल लागत 5,590 करोड़ रुपये तय की गई थी. लेकिन आरोप है कि पहले तो ये कि अस्पताल बन 'नहीं' पाए और साथ में लागत में 'बेतहाशा बढ़ोतरी' भी हो गई. लागत में बढ़ोतरी के बाद बड़ी वित्तीय गड़बड़ियों की आशंका जताई गई. 

रिपोर्ट के मुताबिक, 5,590 करोड़ रुपये के जो 24 अस्पतालों के निर्माण की योजना बनाई गई थी, वो अधूरी है. जबकि निर्माण की लागत में अनुचित तरीके से बढ़ोतरी हुई है. उदाहरण के तौर पर 1,125 करोड़ रुपये की लागत वाले ICU अस्पताल प्रोजेक्ट में सात अस्पताल बनने थे जिनमें कुल 6,800 बेड होते हैं. तीन साल बीतने के बावजूद अभी तक सिर्फ 50% ही पूरा हुआ है, जबकि इसे सिर्फ छह महीनों में बनकर तैयार होना था. अब तक इस पर 800 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं.

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ACB ने आरोप लगाया है कि शहर भर में कई अस्पतालों, पॉलीक्लिनिक्स और ICU बुनियादी ढांचे के निर्माण में भारी अनियमितताएं, बिना वजह देरी और बड़े पैमाने पर फंड की हेराफेरी पाई गई. 

ये भी पढ़ें: सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ ACB ने दर्ज किया गया, अरबों के 'हॉस्पिटल स्कैम' का आरोप 

बताते चलें कि यह शिकायत 22 अगस्त 2023 को तत्कालीन विधानसभा में विपक्ष के नेता (अब स्पीकर) विजेंद्र गुप्ता ने दी थी. जिसमें स्वास्थ्य परियोजनाओं में गंभीर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था. ACB ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17A के तहत केस दर्ज की अनुमति मांगी थी. अनुमति मिलने के बाद केस दर्ज किया गया.

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