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ब्रिटेन की नागरिकता ले भारत के मदरसों में पैसा पहुंचाने वाले शम्सुल हुदा खान कौन हैं? ED ने केस दर्ज किया

इस्लामी प्रचारक शम्सुल हुदा खान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है. धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत उनकी जांच की जा रही है.

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ED ने मौलाना शम्सुल हुदा खान पर केस दर्ज किया है (India Today)

यूपी के आजमगढ़ से संबंध रखने वाले इस्लामी प्रचारक शम्सुल हुदा खान के खिलाफ ED ने धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत केस दर्ज किया है. यूपी के आतंकवादरोधी दस्ते (एटीएस) ने खान के खिलाफ FIR दर्ज की थी. इसी सिलसिले में ED ने ये कार्रवाई की है. आरोप है कि खान ने धार्मिक शिक्षा के नाम पर विदेशों से फंडिंग हासिल की और करोड़ों की अचल संपत्तियां बनाईं. उन पर कट्टरपंथी विचारधारा को फैलाने का भी आरोप है. माना जाता है कि वह पाकिस्तान स्थित चरमपंथी संगठन दावत-ए-इस्लामी के मेंबर हैं. 

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खान साल 1984 में भारत में एक सरकारी मदरसे में सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्त किए गए थे. लेकिन, साल 2013 में उन्होंने ब्रिटेन की नागरिकता ले ली. इसके बाद भी वह 4 साल यानी 2017 तक मदरसे से सैलरी उठाते रहे जबकि न तो वह मदरसे में पढ़ा रहे थे और न ही भारतीय नागरिक रह गए थे. इसकी भी जांच की जा रही है.

इंडिया टुडे से जुड़े अरविंद ओझा की रिपोर्ट के अनुसार, शम्सुल हुदा खान पर कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने और धार्मिक शिक्षा के नाम पर अवैध फंडिंग जुटाने के आरोप हैं. बताया गया कि पिछले दो दशकों में उन्होंने कथित तौर पर कई देशों की यात्राएं की. आरोप है कि इस दौरान उन्होंने भारत में मौजूद उनके 7-8 बैंक खातों से करोड़ों का लेन-देन हुआ. इसके अलावा उन्होंने कथित तौर पर तकरीबन 30 करोड़ की कीमत की एक दर्जन से ज्यादा अचल संपत्तियां भी खरीदीं. 

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सूत्रों के मुताबिक, मूल रूप से यूपी के आजमगढ़ के रहने वाले शम्सुल हुदा खान ने कथित तौर पर अपने NGO (गैर सरकारी संगठन) रजा फाउंडेशन और अपने निजी बैंक खातों के जरिए कई मदरसों को धन पहुंचाए थे. खान ने उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और संतकबीरनगर में दो मदरसे बनवाए, जिसका रजिस्ट्रेशन बाद में संबंधित अधिकारियों ने रद्द कर दिया था. जांच करने वाली एजेंसियों का कहना है कि खान के ब्रिटेन में मौजूद चरमपंथी संगठनों से संपर्कों की जांच की जा रही है.

जानकारी के मुताबिक, वह पाकिस्तान भी गए थे. वहां कुछ कट्टरपंथी संगठनों के साथ उनके कथित संबंधों की भी जांच की जा रही है. माना जाता है कि वह पाकिस्तान स्थित कट्टरपंथी संगठन ‘दावत ए इस्लामी’ के सदस्य हैं. ED उनके फंडिंग नेटवर्क, विदेशी संबंधों और संपत्तियों की जांच कर रही है. 

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