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बिहार के बाद अब पूरे देश में SIR! चुनाव आयोग शुरू करने जा रहा है वोटर लिस्ट की बड़ी सफाई

Election Commission ने इससे पहले 10 सितंबर को भी इस संबंध में बैठक बुलाई थी, जिसमें राज्यों के CEO (Chief Electoral Officer) को SIR की तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए गए थे. अब हालिया सम्मेलन में समीक्षा की जा रही है कि इस पर अब तक क्या प्रगति हुई है.

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मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार (बाएं). (Photo: ITG/File)

चुनाव आयोग बिहार के बाद अब पूरे देश में SIR यानी विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) शुरू करने की तैयारी कर रहा है. इस संबंध में आयोग की दो दिन की खास बैठक बुधवार, 22 अक्टूबर से चल रही है. बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विनीत जोशी सहित अन्य अधिकारी और उप चुनाव आयुक्त हिस्सा ले रहे हैं. इसके अलावा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारी भी इसमें शामिल हैं. आज गुरुवार, 23 अक्टूबर को बैठक का अंतिम दिन है. इसके बाद माना जा रहा है कि आयोग देशभर में SIR कराने की योजना के बारे में पूरी जानकारी साझा करेगा.

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इंडियन एक्स्प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार नवंबर से सभी राज्यों में सिलसिलेवार तरीके से SIR की शुरुआत की जा सकती है. पहले उन राज्यों में SIR कराया जा सकता है, जहां अगले साल चुनाव होने हैं. इनमें असम, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य और शामिल हैं. इससे पहले 10 सितंबर को भी चुनाव आयोग ने इस संबंध में बैठक बुलाई थी. बैठक में राज्यों के CEO (Chief Electoral Officer) को SIR की तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए गए थे. अब हालिया सम्मेलन में समीक्षा की जा रही है कि इस पर अब तक क्या प्रगति हुई है. इसके आधार पर आयोग SIR को लेकर फाइनल एक्शन प्लान जारी करेगा.

असम पर फिलहाल फैसला नहीं

वहीं रिपोर्ट के अनुसार असम के अधिकारियों ने चुनाव आयोग को बताया था कि वे राज्य में NRC (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) जारी होने के बाद SIR की प्रक्रिया शुरू करना चाहते हैं. ऐसे में आयोग ने अभी तय नहीं किया है कि असम को पहले चरण की लिस्ट में शामिल किया जाए या नहीं. इसके अलावा अन्य राज्यों के लिए SIR की कट ऑफ डेट वहां पर हुए पिछले SIR के साल को माना जा सकता है. जैसे बिहार में यह 2003 था, क्योंकि बिहार में पिछली बार 2003 में गहन पुनरीक्षण हुआ था. कट ऑफ डेट के बाद वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने वाले लोगों को अपने जन्म स्थान, जन्म तिथि या निवास स्थान से जुड़े दस्तावेज जमा कराने पड़ सकते हैं.

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SIR पर चुनाव आयोग के विशेष सम्मेलन की प्रेस रिलीज.  (Photo: ECI)

हालांकि, आयोग मतदाताओं को यह सुविधा दे सकता है कि अगर किसी अन्य राज्य के पिछले SIR में उनका नाम था तो वह दूसरे राज्य में भी उसका प्रमाण दे सकते हैं, जहां वह फिलहाल रह रहे हैं. बिहार SIR के दौरान मतदाता केवल बिहार की अंतिम गहन पुनरीक्षण मतदाता सूची का ही प्रमाण प्रस्तुत कर सकते थे. मालूम हो कि चुनाव आयोग ने जून में ही बिहार के बाद पूरे देश में SIR कराने की घोषणा कर दी थी. अब चूंकि बिहार में ये प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, इसलिए अन्य राज्यों में भी इसकी तैयारी शुरू की जा रही है.

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क्या है SIR?

बता दें कि SIR यानी विशेष गहन पुनरीक्षण वोटर लिस्ट को अपडेट करने की एक प्रक्रिया होती है. इसके माध्यम से आयोग यह पता लगाता है कि जिन मतदाताओं के अभी सूची में नाम हैं, वे अब भी उस स्थान पर रह रहे हैं या जीवित हैं या नहीं. इसके अलावा फर्जी या डुप्लीकेट नामों को भी लिस्ट से हटाया जाता है. इसके लिए घर-घर जाकर मतदाताओं का पुन: सत्यापन किया जाता है. चुनाव आयोग को संविधान से यह अधिकार मिले हैं कि वह समय-समय पर वोटर लिस्ट अपडेट करने के लिए विशेष अभियान चला सकता है.

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