बिहार में महागठबंधन को एक और झटका, मोहनिया से राजद प्रत्याशी श्वेता सुमन का नामांकन रद्द
बिहार में इससे पहले भी महागठबंधन के प्रत्याशियों को झटका लगा है. इससे पहले पूर्वी चंपारण में विपक्ष झटका लगा था जहां महागठबंधन खेमे के दो प्रमुख नामांकन खारिज होने के बाद सुगौली सीट एनडीए के लिए आसान जीत बन गई थी.

बिहार में चुनावों के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस बीच महागठबंधन के एक प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया है. मोहनिया विधानसभा से आरजेडी कैंडिडेट श्वेता सुमन का नामांकन रद्द हो गया है. कहा जा रहा है कि श्वेता सुमन का नामांकन इसलिए रद्द किया गया है क्योंकि वो उत्तर प्रदेश की निवासी हैं. इसलिए वो बिहार से चुनाव नहीं लड़ सकती.
बिहार में इससे पहले भी महागठबंधन के प्रत्याशियों को झटका लगा है. इससे पहले पूर्वी चंपारण में विपक्ष झटका लगा था जहां महागठबंधन खेमे के दो प्रमुख नामांकन खारिज होने के बाद सुगौली सीट एनडीए के लिए आसान जीत बन गई थी. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक सुगौली से राजद के मौजूदा विधायक शशि भूषण सिंह ने विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया था. हालांकि, तकनीकी चूक के कारण उनका नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया. चूंकि वीआईपी एक रजिस्टर्ड क्षेत्रीय पार्टी नहीं है, इसलिए सिंह को अपने नामांकन के लिए 10 प्रस्तावक प्रस्तुत करने थे, लेकिन राजद के नियमों के अनुसार उन्होंने केवल एक ही प्रस्ताव प्रस्तुत किया. चुनाव आयोग ने उनके नामांकन पत्रों में खामियां पाईं और उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी.
विपक्ष की मुश्किलें और बढ़ गईं जब राजद के बागी ओम प्रकाश चौधरी का नामांकन भी रद्द कर दिया गया. जांच में पता चला कि उनके नामांकन पत्र के कई पेज खाली छोड़ दिए गए थे. इस बीच पहले चरण की वोटिंग के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर को समाप्त हो गई है. जबकि दूसरे चरण के लिए अंतिम तिथि 20 अक्टूबर थी.
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243 सदस्यीय बिहार विधानसभा के लिए दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को मतदान होगा. मतगणना 14 नवंबर को होगी. इस बीच प्रदेश की राजधानी पटना में आरजेडी प्रमुख और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए तीन ऐसे चुनावी ऐलान कर दिए, जिन्होंने सबका ध्यान खींच लिया. तेजस्वी ने कहा कि बिहार की जनता अब बदलाव का मन बना चुकी है. लोग मौजूदा डबल इंजन वाली सरकार से नाराज हैं. भ्रष्टाचार, अपराध, बेरोजगारी और पलायन से लोग परेशान हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने हमारी पहले की घोषणाओं की नकल करके जनता को गुमराह किया है.
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