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डांग जिले के भिगू झरने में अचानक आई बाढ़, बाल-बाल बचे पर्यटक, वायरल हुआ रोंगटे खड़े कर देने वाला वीडियो

वायरल हो रहे वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पर्यटक पानी के बढ़ते बहाव के बीच एक-दूसरे का हाथ पकड़कर चेन बनाते हैं और कठिन परिस्थितियों में भी संयम रखते हुए सुरक्षित बाहर निकल आते हैं. यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है और लोग पर्यटकों की हिम्मत और समझदारी की सराहना कर रहे हैं.

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डांग जिले के भिगू झरने में अचानक आई बाढ़ (फोटो- सोशल मीडिया)

गुजरात के डांग जिले में इन दिनों हो रही भारी बारिश के चलते क्षेत्र के सैकड़ों झरने एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं. इन्हीं में से एक है कोसमाल गांव स्थित ‘भिगू झरना’, जो अपनी सुंदरता के साथ-साथ खतरे के लिए भी जाना जाता है. रविवार को इसी झरने में एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया जब अचानक आई बाढ़ से नहाने गए पर्यटक फंस गए, लेकिन सूझबूझ और सामूहिक प्रयास से सभी ने अपनी जान बचा ली.

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वायरल हो रहे वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पर्यटक पानी के बढ़ते बहाव के बीच एक-दूसरे का हाथ पकड़कर चेन बनाते हैं और कठिन परिस्थितियों में भी संयम रखते हुए सुरक्षित बाहर निकल आते हैं. यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है और लोग पर्यटकों की हिम्मत और समझदारी की सराहना कर रहे हैं.

इस घटना ने एक बार फिर स्थानीय प्रशासन की चेतावनियों की अनदेखी पर सवाल खड़े कर दिए हैं. डांग जिला प्रशासन द्वारा इन खतरनाक झरनों के पास जाने पर रोक लगाई गई है, लेकिन इसके बावजूद पर्यटक झरनों के नीचे पहुंच रहे हैं. भिगू झरना जंगल के अंदर स्थित है और वहां तक पहुंचने के लिए करीब तीन किलोमीटर की कठिन ट्रेकिंग करनी पड़ती है. ऐसी परिस्थिति में यदि कोई बड़ा हादसा होता है, तो रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकता है.

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डांग जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में मॉनसून के दौरान झरनों और नदियों का अचानक उग्र हो जाना सामान्य है. इसलिए प्रशासन ने अपील की है कि पर्यटक झरनों के सौंदर्य से आकर्षित जरूर हों, लेकिन सुरक्षा निर्देशों का पालन करें. इस घटना ने एक बार फिर याद दिलाया है कि प्राकृतिक सुंदरता के साथ जिम्मेदारी भी जरूरी है. प्रशासन और आम लोगों दोनों को सजग रहना होगा ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके.

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हिमाचल में भी बाढ़ का कहर

पिछले हफ्ते ही हिमाचल प्रदेश में लगातार भारी बारिश, बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में अब तक करीब 70 लोगों की जान जा चुकी है. इस आपदा में 37 लोग अभी लापता हैं. वहीं 110 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि इस घटना में 700 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है. सीएम ने आगे कहा कि बाढ़ से प्रभावित लोगों के रहने के लिए सरकार 5 हजार रुपये किराए के रूप में देगी.

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वीडियो: पूर्वोत्तर के कई राज्यों में भारी बारिश, बाढ़ और भू-स्खलन का कहर

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