मध्य प्रदेश में ED ने जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट्स के कुछ ठिकानों पर रेड मारा था. इसके बाद भोपाल से खबर आई कि कंपनी की 31 साल की डायरेक्टर पायल मोदी (Jayshri Food Products Director) ने आत्महत्या का प्रयास किया. पायल के पति किशन मोदी कंपनी के मालिक हैं. फिलहाल पायल का इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा है. उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है.
ED की रेड के बाद इस बड़ी कंपनी की डायरेक्टर ने किया आत्महत्या का प्रयास
Jayshri Gayatri Food Products पर एक सोशल वर्कर ने नकली लैब रिपोर्ट्स बनाकर खराब क्वालिटी के डेयरी प्रोडक्ट्स को विदेश भेजने का आरोप लगाया था.

29 जनवरी को ED ने जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट्स के भोपाल, सीहोर और मुरैना जिले के ठिकानों पर छापा मारा था. जानकारी मिली है कि एजेंसी को वहां कई कंपनियों और परिवार के सदस्यों के नाम पर 66 करोड़ रुपये की संपत्ति मिली. इसके अलावा ED ने 25 लाख कैश, BMW और फॉच्यूनर जैसी लग्जरी गाड़ियों को अटैच कर लिया. साथ ही एजेंसी ने 6.26 करोड़ रुपये के FD को भी फ्रीज कर दिया है.
ED रेड करने क्यों पहुंची?टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, ये कंपनी 27 देशों में डेयरी प्रोडक्ट्स का निर्यात करती है. कंपनी का मुख्यालय भोपाल में है. ED ने संदिग्ध मनी लॉन्ड्रिंग और विदेश से संदिग्ध वित्तीय लेनदेन की जांच के सिलसिले में छापा मारा.
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ED की कार्रवाई, मध्य प्रदेश आर्थिक अपराध जांच ब्यूरो (EOW) की FIR के बाद हुई. EOW ने जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट्स पर आरोप लगाया है कि कंपनी अपने उत्पादों को विदेश पहुंचाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्रों का इस्तेमाल कर रही है. कंपनी ने हाल ही में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में अपील की थी कि इस FIR को रद्द किया जाए. इससे पहले EOW ने भी जुलाई 2024 में कंपनी पर छापा मारा था.
EOW से किसने शिकायत की?भगवान सिंह राजपूत नाम के एक सोशल वर्कर ने EOW से लिखित शिकायत की थी. उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी बड़े पैमाने पर खराब क्वालिटी के पनीर, मक्खन, घी सहित अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स बना रही है और उसे बेच रही है. उन्होंने दावा किया कि कंपनी की डायरेक्टर इन खराब क्वालिटी के प्रोडक्ट्स को विदेश में भेजने के लिए नकली लैब रिपोर्ट बनवाती हैं. ये भी दावा किया गया कि इन डेयरी प्रोडक्ट्स को बनाने में प्रतिबंधित केमिकल्स और तेलों का इस्तेमाल हो रहा है.
EOW ने अपनी जांच के दौरान पाया कि कंपनी ने देश भर के सरकारी मान्यता प्राप्त लैब्स के नाम पर जाली रिपोर्ट बनवाए हैं. एजेंसी के मुताबिक, उन लैब्स ने इस बात की पुष्टि कि थी कि ये रिपोर्ट्स नकली हैं.
ये भी आरोप लगे कि कंपनी ने इंदौर स्थित ‘एक्सपोर्ट कंट्रोल एजेंसी’ के रिजनल ऑफिस में इन फर्जी प्रमाण पत्रों को लगाया. फिर इसके आधार पर उनको हेल्थ सर्टिफिकेट मिल गए. दावा है कि इन प्रमाण पत्रों के सहारे खराब क्वालिटी के डेयरी प्रोडक्ट्स को पश्चिम एशियाई देशों में भेजा गया.
इसके बाद EOW ने कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करने के लिए प्राथमिकी दर्ज कर ली. EOW ने तलाशी के बाद कंप्यूटर हार्ड डिस्क, लैपटॉप, मोबाइल फोन और पेन ड्राइव जब्त कर लिए थे. संदेह जताया गया कि इन उपकरणों का इस्तेमाल नकली लैब रिपोर्ट बनाने के लिए किया गया.
दो साल पहले भी कंपनी पर टैक्स चोरी के आरोप लगे थे, तब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कंपनी पर छापा मारा था. एक अन्य मामले में, 19 जनवरी 2022 को कंपनी का उत्पादन रोक दिया गया था. तब शिकायत की गई थी कि फैक्ट्री से निकलने वाले पानी में केमिकल होते हैं. और इस पानी से आस-पास की फसलें खराब हो रही हैं. कंपनी को इस मामले में दोषी पाया गया था और 1.2 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था.
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