Dhruv Rathee Sikh Video Deleted: चर्चित यूट्यूबर ध्रुव राठी के सिख गुरुओं पर बनाए एक वीडियो पर विवाद हो गया है. हंगामे के बाद उन्हें विवादित वीडियो अपने यूट्यूब चैनल से डिलीट कर दिया है. इसमें उन्होंने सिख गुरुओं को दिखाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल किया था. हालांकि उनका ये तरीका कई लोगों को, खासकर सिख समाज को पसंद नहीं आया है. इस वीडियो का टाइटल The Sikh Warrior Who Terrified Mughals: The Legend of Banda Singh Bahadur है. इसे लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने ध्रुव राठी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई है.
ध्रुव राठी ने सिख गुरुओं पर क्या बना दिया जो लोग बुरी तरह भड़क गए? FIR की मांग उठी
Dhruv Rathee Sikh Video: सिख गुरुओं को दिखाने के लिए AI यूज करने पर ध्रुव राठी के खिलाफ SGPC ने कड़ी नाराजगी जताई थी. अब उन्होंने इस वीडियो को अपने यूट्यूब चैनल से हटा दिया है. Manjinder Singh Sirsa ने राठी के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है.

ध्रुव राठी ने इस वीडियो को रविवार, 18 मई को अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया था. 24 मिनट और 37 सेकेंड के वीडियो में AI का काफी इस्तेमाल किया गया है. ध्रुव राठी ने खुद इस वीडियो में दावा किया था इस वीडियो को बनाने में AI का काफी ज्यादा इस्तेमाल किया गया है.
इस वीडियो में राठी ने सिख गुरुओं, बंदा सिंह बहादुर और सिख शहीदों समेत सिख इतिहास को समझाने के लिए AI का इस्तेमाल किया था. इसी बात पर सिख समुदाय से जुड़े संगठन उनसे काफी नाराज हैं.
बवाल बढ़ता देख राठी ने वीडियो यूट्यूब से हटा लिया और इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा,
"लेटेस्ट वीडियो पर आपके फीडबैक के लिए धन्यवाद. हालांकि आप में से कई लोगों ने वीडियो की सराहना की है और चाहते हैं कि यह चैनल पर बना रहे, लेकिन मैंने इसे हटाने का फैसला किया है क्योंकि कुछ दर्शकों को दृढ़ता से लगता है कि सिख गुरुओं का कोई भी एनिमेशन उनकी मान्यताओं के साथ टकराव करता है. मैं नहीं चाहता कि यह एक राजनीतिक या धार्मिक विवाद बन जाए, क्योंकि वीडियो केवल हमारे इंडियन हीरोज की कहानियों को एक नए एजुकेशनल फॉर्मेट में दिखाने की एक कोशिश थी."

उन्होंने आगे कहा, “इस एजुकेशनल फॉर्मेट में बहुत संभावनाएं हैं, मैं भविष्य के वीडियो के लिए हमारे इतिहास की अन्य कहानियों का पता लगाऊंगा और मूल्यांकन करूंगा कि इस कहानी को अलग तरीके से फिर से बताना है या नहीं.”
इससे पहले SGPC के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल से लेकर दिल्ली सरकार में मंत्री और दिल्ली सिख गुरद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC ) के पूर्व अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा तक ने ध्रुव राठी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
SGPC के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा कि कुछ लोग इतिहास को लेकर ईर्ष्या करते हैं, साजिश के तहत इतिहास को बिगाड़ने की कोशिश करते हैं.
गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने आगे कहा,
“राठी नाम के यूट्यूबर को कोई अधिकार नहीं है कि वो गुरु साहिबान और सिखों के महान बाबा बंदा सिंह बहादुर के लिए अपना AI बेस्ड प्रोमोशन करने की बात करे. AI से सिख इतिहास को प्रोमोट करने की जरूरत नहीं है. सिखों का इतिहास AI का गुलाम नहीं है. समूचे सिख, चाहे देश में हों या विदेश में हों, वे सोशल मीडिया पर राठी को मुंहतोड़ जवाब दें. राठी के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करे.”
वहीं मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक्स पर लिखा,
"मैं ध्रुव राठी के हालिया वीडियो की निंदा करता हूं, जो ना केवल तथ्यात्मक रूप से गलत है, बल्कि सिख इतिहास और भावनाओं का घोर अपमान भी करता है. साहस और दिव्यता के अवतार श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को एक बच्चे के रूप में रोते हुए दिखाना सिख धर्म की मूल भावना का अपमान है."
उन्होंने आगे कहा,
"DSGMC ने उनके (ध्रुव राठी) खिलाफ शिकायत दर्ज की है और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले बार-बार अपराधों के लिए उनके यूट्यूब अकाउंट का रिव्यू करने को कहा है. दिल्ली पुलिस को धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्यों के लिए धारा 295A के तहत ध्रुव राठी के खिलाफ FIR दर्ज करनी चाहिए."
जब मामले ने तूल पकड़ा तो ध्रुव राठी ने सिख समुदाय से अपील की थी कि क्या उन्हें ये वीडियो हटा देना चाहिए. इसके लिए उन्होंने एक पोल भी चलाया. उन्होंने कहा था कि अगर आपको लगता है कि किसी भी सिख गुरु के चेहरे को वीडियो में नहीं दिखाया जा सकता है, तो फिर इस तरह का वीडियो बनाना पॉसिबल नहीं होगा.
राठी ने आगे कहा था कि अगर वो चेहरा ही नहीं दिखा पाएंगे और एनिमेशन एड नहीं कर पाएंगे, तो फिर पूरा वीडियो सिर्फ बोलने-बोलने का रह जाएगा.
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