राजधानी दिल्ली में लाल किले के सामने हुए ब्लास्ट में मिले सुराग किसी बड़ी आतंकी साजिश की ओर इशारा कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच में खुलासा हुआ है कि इस धमाके के तार फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल से जुड़े हुए हैं, जिसका खुलासा 9 नवंबर, रविवार रात को हुआ था. जम्मू-कश्मीर पुलिस को हरियाणा के फरीदाबाद से 300 किलो खतरनाक विस्फोटक (अमोनियम नाइट्रेट), असॉल्ट राइफल और भारी मात्रा में गोला-बारूद मिला था.
आतंकी हमला ही था लाल किले के सामने हुआ कार ब्लास्ट! फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल से जुड़े हैं तार
Delhi Red Fort Car Blast: जांच एजेंसियों को शक है कि लाल किला के सामने कार में हुआ धमाका एक फिदायीन हमला है. संदेह यह भी है कि फरीदाबाद मॉड्यूल का फरार आतंकी घटना के समय कार में बैठा हुआ था. पुलिस अब DNA टेस्ट के माध्यम से इसकी पुष्टि करेंगी.


इंडिया टुडे को टॉप इंटेल सूत्रों से जानकारी मिली है कि 10 नवंबर, सोमवार शाम को लाल किले के बाहर कार में जो धमाका हुआ है, वह आतंकी हमला ही है. सूत्रों के मुताबिक कार में विस्फोटक लगाया गया था और धमाका किया गया था. एजेंसियों को इसमें फिदायीन हमले का शक है. जानकारी मिली है कि जिस कार में विस्फोट हुआ है, उसे पुलवामा के तारिक ने खरीदा था. उसे हिरासत में लिया गया है. खुफिया एजेंसियो को शक है कि i20 में डॉक्टर उमर मोहम्मद भी सवार था. बता दें कि मोहम्मद उमर फरीदाबाद मॉड्यूल का फरार आतंकी है.
सीसीटीवी फुटेज में सामने आया है कि धमाके वाली कार में एक शख्स मास्क लगाए हुए आगे बैठा था. जांच एजेंसियों को संदेह है कि वह डॉक्टर मोहम्मद उमर ही है. अब पुलिस कार में सवार शख्स का DNA टेस्ट करवाएगी, जिसकी मौत हो गई है. इसके बाद पुष्टि होगी कि कार में डॉक्टर उमर मोहम्मद ही सवार था या नहीं. इससे पहले आज तक/इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से इस बात का खुलासा किया था कि फरीदाबाद मॉड्यूल का एक आतंकी डॉक्टर उमर मोहम्मद फरार चल रहा था.
लाल किले के सामने जिस हुंडई i20 कार में विस्फोट हुआ था, उसे लेकर भी कई अहम सुराग दिल्ली पुलिस और जांच एजेंसियों को मिले हैं. पता चला है कि वह कार वह मूल रूप से मोहम्मद सलमान नाम के शख्स की थी. बाद में उसने नदीम को यह कार बेच दी थी. इसके बाद फरीदाबाद स्थित रॉयल कार जोन नामक एक पुराने कार डीलर को इसे बेच दिया गया. फिर इसे तारिक और फिर उमर ने खरीदा था. तारिक वही शख्स है, जिसके पास से 2900 किलोग्राम आईईडी बनाने का सामान ज़ब्त किया गया था. ऐसे में यह सब आपस में जुड़ा हुआ लगता है. सूत्रों के मुताबिक डॉ. मुज़म्मिल की गिरफ्तारी के बाद उमर घबरा गया और उसने लाल किले पर हमला किया. संभवतः एक फिदायीन हमले के रूप में.


जानकारी के मुताबिक धमाके से पहले कार 3 घंटे तक लाल किले के पास सुनहरी मस्जिद के पास खड़ी थी. कार दोपहर 3:19 बजे पार्किंग में दाखिल हुई थी. इसके बाद 6:48 पर पार्किंग से बाहर निकली और उसके बाद ही धमाका हो गया. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल अब कार के रूट की सीसीटीवी मैपिंग कर रही है. यानी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि धमाके से पहले कार कहां-कहां गई. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक i-20 कार बदरपुर बॉर्डर पर आखिरी बार दिखाई दी थी. इसके आगे का रूट पता लगाया जा रहा है.
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फिलहाल पुलिस और एजेंसियां सभी एंगल से इस मामले की जांच कर रही हैं. इंडिया टुडे से जुड़ीं श्रेया की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने लाल किले के सामने हुए ब्लास्ट के मामले में FIR दर्ज कर ली है. पुलिस ने इसमें UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम) की धारा 16 और 18 के तहत FIR दर्ज की है, जो आतंकवादी गतिविधियों और उसके लिए सजा से जुड़ा कानून है. FIR में विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3 और 4 भी जोड़ी गई है. इसके अलावा, हत्या और हत्या के प्रयास की धाराएं भी FIR में शामिल की गई हैं.
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