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अरविंद केजरीवाल पर दर्ज होगा सरकारी पैसों के दुरुपयोग का केस, दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट का आदेश

Delhi के पूर्व मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal के खिलाफ सरकारी पैसे के दुरुपयोग के मामले में Rouse Avenue Court ने FIR दर्ज करने का आदेश दिया है. उनके अलावा AAP के पूर्व विधायक गुलाब सिंह और द्वारका से पार्षद नितिका शर्मा पर भी FIR दर्ज की जाएगी.

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राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल पर FIR दर्ज करने का आदेश दिया है. ( इंडिया टुडे)

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने सरकारी धन के दुरुपयोग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं. अरविंद केजरीवाल और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ दिल्ली विरूपण रोकथाम अधिनियम (Delhi Prevention of Defacement of Property Act) के तहत FIR दर्ज की जाएगी.

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लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, राउज एवेन्यू कोर्ट की ACJM नेहा मित्तल ने इस केस से जुड़े SHO को CrPC की धारा 156(3) के तहत तुरंत FIR दर्ज करने का निर्देश दिया. इस धारा में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर दंड का प्रावधान है. कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के अलावा AAP के पूर्व विधायक गुलाब सिंह और द्वारका से पार्षद नितिका शर्मा पर भी FIR दर्ज करने का आदेश दिया है. साथ ही, पुलिस से 18 मार्च तक मामले की स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है.

6 साल पहले लगाई थी याचिका

शिव कुमार सक्सेना ने छह साल पहले, वर्ष 2019 में, दिल्ली की एक अदालत में याचिका दायर की थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि अरविंद केजरीवाल, गुलाब सिंह और नितिका शर्मा ने द्वारका के चौराहों, सड़कों, बिजली के खंभों, DDA पार्क की चारदीवारी और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाकर जनता के धन का दुरुपयोग किया है.

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सक्सेना ने इससे पहले दिल्ली पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण उन्होंने अदालत का रुख किया.

केजरीवाल की बढ़ेंगी मुश्किलें?

सितंबर 2022 में, मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था. बाद में, सेशन जज ने मामले को वापस मजिस्ट्रेट कोर्ट में भेजते हुए, नए सिरे से सुनवाई करने का निर्देश दिया था. अब, राउज एवेन्यू कोर्ट ने मामले में FIR दर्ज करने का आदेश दिया है.

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दिल्ली पुलिस ने विरोध किया था

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज करने का विरोध किया था. उन्होंने कोर्ट को बताया कि शिकायत 2019 में दर्ज की गई थी और वर्तमान में वहां कोई होर्डिंग नहीं लगा है, इसलिए संज्ञेय अपराध नहीं बनता. पुलिस ने यह भी कहा कि होर्डिंग्स पर प्रिंटिंग प्रेस की कोई जानकारी नहीं दी गई थी, जिससे यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि इन्हें कहां से और किसके कहने पर छापा गया. पुलिस ने आगे बताया कि याचिकाकर्ता ने अपनी शिकायत में नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जे.पी. नड्डा, प्रवेश वर्मा और रमेश बिधूड़ी की तस्वीरों वाली होर्डिंग्स का भी उल्लेख किया था, लेकिन कोर्ट में दायर आवेदन में अधिकांश नाम हटा दिए गए.

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