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दिल्ली ब्लास्ट वाले उमर का प्रोपोगैंडा वीडियो सामने आया, 'आत्मघाती हमले' को बता रहा 'शहादत'

वीडियो में Umar-Un-Nabi आत्मघाती हमले यानी Suicide Bombing को जायज ठहरा रहा है. वो कह रहा है कि ये असल में 'शहीद' (Martyrdom) होने के लिए किया जाने वाले ऑपरेशन है. लेकिन इसे लोग गलत समझ लेते हैं.

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उमर अपने वीडियो में आत्मघाती हमले की बात कर रहा है (PHOTO-X)

दिल्ली ब्लास्ट (Delhi Bombing) के साजिशकर्ता उमर-उन-नबी (Doctor Umar) का एक नया वीडियो सामने आया है. इस वीडियो को देख कर समझ में आता है कि उमर के मन में किस हद तक आतंक के बीज घर कर चुके थे. वीडियो में उमर कह रहा है कि आत्मघाती हमले (Suicide Bombing) को किस तरह गलत समझा जाता है. इस वीडियो (Umar Video) में उमर बिल्कुल विशुद्ध अंग्रेजी में बात कर रहा है. कहा जा रहा है कि उमर ने ये वीडियो बाकी युवाओं का ब्रेनवाश करने के इरादे से बनाया था.

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वीडियो में क्या कह रहा है उमर?

इस प्रोपोगैंडा वीडियो में उमर-उन-नबी आत्मघाती हमले यानी सुसाइड बॉम्बिंग को जायज ठहरा रहा है. वो कह रहा है कि 'सुसाइड बॉम्बिंग' असल में 'शहीद' होने के लिए किया जाने वाले ऑपरेशन है. लेकिन इसे लोग गलत समझ लेते हैं. ये पूरा वीडियो लगभग 1 मिनट 20 सेकेंड का है. उमर का दावा है कि इसके यानी ‘सुसाइड बॉम्बिंग’ के विरुद्ध तर्क और विरोधाभास हैं. वो कहता है कि जब कोई व्यक्ति यह मान लेता है कि उसकी मौत एक विशिष्ट जगह और समय पर होगी, तो वह मृत्यु की जो स्वाभाविक माने नेचुरल धारणा है, उसके ठीक उलट काम करता है. उमर अंग्रेजी में कहता है,

There are multiple arguments and contradictions that have been brought against it (suicide bombing). Martyrdom operation is when a person presumes that he is going for sure die at a particular place at a particular time, he goes against the presumption that a particular person is going to die. He is going to die in a particular situation.

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इसका हिंदी में मतलब देखें तो,

इसके (आत्मघाती बम विस्फोट) खिलाफ कई तर्क और विरोधाभास दिए गए हैं. शहादत अभियान तब होता है जब कोई व्यक्ति यह मान लेता है कि वह किसी खास जगह पर, किसी खास समय पर निश्चित रूप से मरेगा, वह उस धारणा के खिलाफ जाता है कि कोई स्पेसिफिक व्यक्ति मरने वाला है. वह किसी खास परिस्थिति में मरने वाला है.

(यह भी पढ़ें: दिल्ली ब्लास्ट केस में ED की एंट्री, अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े ठिकानों पर मारा छापा, चेयरमैन से पूछताछ)

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डॉक्टर उमर मूल रूप से पुलवामा के कोइल गांव के रहने वाला था. उसके रिश्तेदारों के मुताबिक वो एक शांत लड़का था खुद में ही खोया रहता था. लोगों ने बताया कि वो घंटों तक पढ़ाई करता रहता था. लेकिन बीते कुछ महीनों में उमर का व्यवहार बदल गया था. 30 अक्टूबर से उसने यूनिवर्सिटी की ड्यूटी छोड़ दी थी और फरीदाबाद और दिल्ली के बीच आना-जाना शुरू कर दिया.  उमर रामलीला मैदान और सुनहरी मस्जिद के आसपास की मस्जिदों में जाया करता था. साल 2025 की शुरुआत में ही उसने लाल किले की रेकी भी की थी.

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