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दिल्ली ब्लास्ट केस में ED की एंट्री, अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े ठिकानों पर मारा छापा, चेयरमैन से पूछताछ

ED ने Al-Falah University के कैंपस और अल-फलाह ट्रस्ट के हेडक्वार्टर समेत 25 ठिकानों पर छापेमारी की. जांच एजेंसी, यूनिवर्सिटी के फाउंडर और चेयरमैन जावेद अहमद सिद्दीकी से भी पूछताछ कर रही है.

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Delhi blast case ED raids premises linked to Al-Falah University
अल-फलाह यूनिवर्सिटी (फाइल फोटो: आजतक)
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मुनीष पांडे
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18 नवंबर 2025 (Updated: 18 नवंबर 2025, 11:29 AM IST)
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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली बम ब्लास्ट मामले (Delhi Red Fort Blast) में अल-फलाह यूनिवर्सिटी और ट्रस्ट से जुड़े ठिकानों पर बड़े स्तर छापेमारी की. जांच एजेंसी ने यूनिवर्सिटी से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) के तहत मामला भी दर्ज किया है. सूत्रों के मुताबिक, ED अल-फलाह ट्रस्ट के हेडक्वार्टर और यूनिवर्सिटी कैंपस समेत 25 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ED की टीम अल-फलाह यूनिवर्सिटी के फाउंडर और चेयरमैन जावेद अहमद सिद्दीकी से उनके आवास पर पूछताछ कर रही है. जावेद सिद्दीकी पिछले कुछ दिनों से लापता थे. विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर, ईडी मंगलवार, 18 नवंबर की सुबह 5 बजे उनके आवास पर पहुंची और उन्हें घर पर पाया गया. ईडी की एक टीम उनके आवास की तलाशी ले रही है और उनसे पूछताछ कर रही है.

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के जामिया नगर, ओखला विहार और फरीदाबाद के सेक्टर-22 स्थित कैंपस में ED की टीमें सुबह से ही तैनात हैं. हाल ही में दिल्ली पुलिस ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी के खिलाफ दो अलग-अलग FIR दर्ज की थी, जिसके कुछ दिनों बाद ही ED ने यह कार्रवाई की. एक FIR धोखाधड़ी के आरोपों से जुड़ी है, जबकि दूसरी FIR जालसाजी से संबंधित धाराओं के तहत दर्ज की गई है.

17 नवंबर को पुलिस ने जावेद अहमद सिद्दीकी को FIR के संबंध में दो समन जारी किए, जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की शिकायत के आधार पर दर्ज किए गए थे. भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU) ने यूनिवर्सिटी की सदस्यता पहले ही रद्द कर दी थी.

(ये भी पढ़ें: दिल्ली ब्लास्ट वाले उमर का प्रोपोगैंडा वीडियो सामने आया, 'आत्मघाती हमले' को बता रहा ‘शहादत’)

जावेद अहमद सिद्दीकी, 1992 में अल फलाह इन्वेस्टमेंट कंपनी के डायरेक्टर बने और बाद में अल फलाह ट्रस्ट की स्थापना की. हलाल इंवेस्टमेंट के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने साल 2000 में उनके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था. अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन जांच एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि जल्द ही बड़े खुलासे हो सकते हैं.

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: दिल्ली ब्लास्ट की पूरी कहानी, अल फलाह यूनिवर्सिटी के कमरे में क्या हुआ?

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