चिराग पासवान ने अपने तरकश से एक और तीर निकाला है. इस बार चिराग का 'चिट्टी बम' आया है. लोजपा (रामविलास) चीफ चिराग पासवान ने दो चिट्ठियां लिखी हैं. एक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम और दूसरी चिट्ठी शहरी विकास मंत्री जीवेश मिश्रा के नाम. इन चिट्ठियों से चिराग ने NDA गठबंधन की सरकार को घेर लिया है. वो गठबंधन जिसमें उनकी पार्टी भी शामिल है.
मान नहीं रहे चिराग! चिट्ठी लिखकर मंत्री को बोले सड़कों में गड्ढे हैं, एक लेटर नीतीश को भी भेजा
कुछ दिन पहले खबर आई थी कि Chirag Paswan सांसदी छोड़कर इस बार विधायकी का चुनाव लड़ने वाले हैं. कुछ दिन मामला शांत रहा. लेकिन अब इन दो चिट्ठियों ने बिहार की सियासत एक बार फिर गर्मा दी है.

चिराग पासवान ने शहरी विकास मंत्री जीवेश मिश्रा के नाम जो पत्र लिखा है, उसमें उनके संसदीय क्षेत्र हाजीपुर की सड़कों का जिक्र किया गया है. जीवेश मिश्रा बीजेपी कोटे से मंत्री हैं. चिराग ने लिखा है,
हाजीपुर की सड़कें जर्जर स्थिति में हैं. बरसात के मौसम में स्थिति और ज्यादा भयानक हो सकती है. सड़कों पर गड्ढे और जल जमाव की स्थिति आम जनता के लिए गंभीर परेशानी और दुर्घटना का कारण बन रहे हैं.

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चिराग ने जीवेश मिश्रा से मांग की है कि जल्द से जल्द सड़कों को दुरुस्त करवाया जाए.
रोड एक्सीडेंट और इंश्योरेंस का मामलाचिराग ने एक और चिट्ठी लिखी है. ये पत्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखा. बिहार में सड़क दुर्घटना के पीड़ित परिजनों को पहले सरकारी व्यवस्था से शीघ्र ही मुआवजा राशि दे दी जाती थी. लेकिन इसमें अब बदलाव किया गया है. नए नियम के तहत, एक्सीडेंट के बाद संबंधित वाहन मालिक या उनकी इंश्योरेंस कंपनी से मुआवजे का पैसा वसूला जाएगा. चिराग पासवान ने इसी बारे में सीएम नीतीश को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है,
सड़क दुर्घटना में मुआवजा लेने को लेकर जो हालिया बदलाव किया गया है, जनता के लिए वो बहुत जटिल साबित हो रहा है. पहले, DM या अनुमंडल पदाधिकारी की ओर से पीड़ित परिजनों को शीघ्र ही राहत दे दी जाती थी. इससे संकट की घड़ी में उनको आर्थिक संबल मिलता था.
लेकिन अब नए नियम के अनुसार, संबंधित वाहन मालिक या उनकी इंश्योरेंस कंपनी से मुआवजे की राशि वसूली जाएगी. इसके लिए ट्रिब्यूनल (अपील कोर्ट) की प्रक्रिया से गुजरना होगा.
नई व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए चिराग ने लिखा,
ये पूरी प्रक्रिया तकनीकी और समय लेने वाली है, जिससे तत्काल राहत मिलना असंभव हो गया है. जिस परिवार पर किसी दुर्घटना की आपदा आती है, वो पहले से ही गहरे मानसिक और आर्थिक संकट में होता है. ऐसे समय में राहत प्रक्रिया को और अधिक जटिल बनाना न केवल अमानवीय है, बल्कि ये राज्य सरकार की संवेदनशीलता पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा करता है.

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ये दोनों पत्र भले ही सड़क और इंश्योरेंस के मामले में लिखे गए हैं, लेकिन एक साथ NDA के दो घटक दलों को लिखी गई चिट्ठियों ने राजनीतिक गलियारे में चर्चा का माहौल गरमा दिया है. चिराग केंद्र सरकार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हैं. बिहार विधानसभा चुनाव में NDA के लिए वो अहमियत रखते हैं. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि इन मामलों पर भाजपा और सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जदयू की ओर से कैसी प्रतिक्रिया आती है.
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