भारत और चीन के बीच सुधरते रिश्तों की बात भारत में चीन के राजदूत ने भी दोहराई है. चीनी राजदूत शू फीहोंग (Xu Feihong) ने सोमवार को कहा कि चीन भारतीय कंपनियों का स्वागत करता है. साथ ही कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत में भी चीनी कंपनियों को व्यापार के लिए निष्पक्ष और बगैर किसी भेदभाव का माहौल मिले. इसके लिए उन्होंने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार का हवाला दिया, जो इस साल के सात महीनों में 88 अरब डॉलर पहुंच गया है. यह पिछले साल के मुकाबले 10.5 प्रतिशत ज्यादा है.
चीन ने भारतीय कंपनियों का किया स्वागत, अपने लिए भी मांगा निष्पक्ष माहौल
चीनी राजदूत ने ये बातें दिल्ली में “चीनी जन युद्ध में विजय” और “विश्व विरोधी फासीवादी युद्ध” की 80वीं वर्षगांठ पर आयोजित सेमिनार में बोलीं. उन्होंने कहा कि चीन विकास रणनीतियों के तालमेल को मजबूत करने और भारत के साथ आधुनिकीकरण में अनुभव साझा करने के लिए तैयार है.


इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी राजदूत ने ये बातें दिल्ली में “चीनी जन युद्ध में विजय” और “विश्व विरोधी फासीवादी युद्ध” की 80वीं वर्षगांठ पर आयोजित सेमिनार में बोलीं. उन्होंने कहा कि चीन विकास रणनीतियों के तालमेल को मजबूत करने और भारत के साथ आधुनिकीकरण में अनुभव साझा करने के लिए तैयार है.
चीनी राजदूत शू फीहोंग का कहना है कि वे और ज्यादा भारतीय कंपनियों को अपने प्रॉडक्ट्स को बढ़ावा देने और चीन में निवेश करने के लिए स्वागत करते हैं. बदले में चीन भी उम्मीद करता है कि भारत भी चीनी कंपनियों को निष्पक्ष और न्यायसंगत व्यापार माहौल दे. उन्होंने कहा कि इतिहास बदला नहीं जा सकता, लेकिन भविष्य को आकार दिया जा सकता है.

हम जानते ही हैं कि भारत और चीन के बीच 2020 में शुरू हुए सीमा विवाद के बाद भारत ने कई चीनी मोबाइल ऐप्स और कंपनियों को बैन कर दिया था. राजदूत के इस बयान को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है. बीते दिनों तिआनजिन में आयोजित SCO शिखर सम्मेलन के दौरान भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के दौरान भी इस विषय पर बातचीत हुई थी.
इसी बैठक का जिक्र करते हुए चीनी राजदूत ने कहा कि दोनों देशों को आपसी सम्मान और भरोसे के साथ सही रास्ता तलाशना चाहिए ताकि पड़ोसी देश अच्छे रिश्ते बना सकें. उन्होंने कहा कि चीन और भारत को व्यापार युद्ध और टैरिफ के खिलाफ मिलकर खड़ा होना चाहिए. साथ ही भारत से “समान और व्यवस्थित मल्टी पोलर दुनिया” की वकालत करने की उम्मीद की.
चीन के राजदूत ने कहा कि चीन और भारत को एक-दूसरे के अच्छे पड़ोसी और सहयोगी बनकर आगे बढ़ना चाहिए, जो एक-दूसरे की सफलता में मदद करें और ड्रैगन और हाथी को एक साथ नचाएं.
इस साल भारत-चीन कूटनीतिक रिश्तों के 75 साल पूरे हो रहे हैं. इसका जिक्र करते हुए चीनी राजदूत ने बताया कि पिछले एक साल में पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की दो बार मुलाकात हुई है. दोनों देशों ने नेताओं के बीच बनी सहमति को गंभीरता से लागू किया है.
उन्होंने यह भी बताया कि सीमा विवाद को लेकर मंत्रियों और अधिकारियों के बीच बातचीत जारी है. इस साल अब तक चीन ने भारतीय नागरिकों को 2.4 लाख से ज्यादा वीजा दिए हैं. इसके अलावा, चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू कर दी है. भारत ने भी चीनी पर्यटकों के लिए वीजा सर्विस शुरू कर दी है.
वीडियो: SCO शिखर सम्मेलन के बाद CDS जनरल अनिल चौहान ने चीन को लेकर क्या चेतावनी दे डाली?