पति से अपनी बीमारी छिपाने पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने पत्नी की याचिका खारिज करते हुए तलाक बरकरार रखा. पति का आरोप था कि उसकी पत्नी ने शादी के पहले उससे पीरियड न आने की बात छिपाई थी. पति ने दावा किया कि इसकी वजह से उनके वैवाहिक जीवन में परेशानी हो रही थी.
पति ने कहा- 'पत्नी ने पीरियड न आने की बात छिपाई', कोर्ट ने तलाक मंजूर किया
पति को पत्नी के पीरियड न आने का पता चला, तो उसने फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दी. उसे मंजूरी भी मिल गई. लेकिन इसके बाद पत्नी ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में अपील की थी.


मामला छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले का है. पत्नी ने शादी से पहले पीरियड न आने की बात छिपाई थी. जब पति को पता चला तो उसने फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दी और उसे मंजूरी भी मिल गई. लेकिन इसके बाद पत्नी ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में अपील की.
इंडिया टुडे से जुड़े मनीष शरण की रिपोर्ट के मुताबिक, हाई कोर्ट ने भी पत्नी की अपील को खारिज करते हुए फैमिली कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. इस मामले की सुनवाई जस्टिस रंजना दुबे और जस्टिस अमितेश कुमार प्रसाद की डिवीजन बेंच ने की. बेंच ने माना कि दंपति के रिश्ते में सुधार लाना मुमकिन नहीं है.
दंपती की शादी 5 जून 2015 को हुई थी. शुरुआती दो महीने तक दोनों में सब कुछ सामान्य चल रहा था. लेकिन इसके बाद दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया. पति ने इल्जाम लगाया कि पत्नी घर के बुजुर्ग माता-पिता और भाइयों-भाभियों पर अपमानजनक टिप्पणी करती थी. पति के मुताबिक, पत्नी कहती थी, "क्या अनाथालय खोल रखा है?"
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पति ने दावा किया कि पत्नी के पीरियड न आने की बीमारी की वजह से उनके वैवाहिक भविष्य की योजनाओं पर असर पड़ रहा था. बाद में पति ने फैमिली कोर्ट में तलाक की याचिका दायर की. फैमिली कोर्ट ने तलाक की अर्जी मंजूर कर ली. अब हाई कोर्ट से भी तलाक मंजूर हो गया है.
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