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जातीय जनगणना कब शुरू होगी? मोदी सरकार के मंत्री ने सब बता दिया

Caste Census Update: जातीय जनगणना की प्रक्रिया कब शुरू होगी? इसकी घोषणा पहलगाम हमले के एक हफ्ते के बाद ही क्यों हुई? 2021 में होने वाली जनगणना को इतने सालों तक क्यों टाला गया? केंद्रीय मंत्री G Kishan Reddy ने इन तमाम सवालों का जवाब दिया है.

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केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि 2026 में जनगणना होने की उम्मीद है. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)

केंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि आगामी जनगणना के साथ जातीय जनगणना (Caste Census) भी कराई जाएगी. इस घोषणा के बाद से ही, सवाल उठने लगे कि आखिर ये होगा कब? केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी (G Kishan Reddy) ने इस सवाल का जवाब दिया है.

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1 मई को रेड्डी ने ‘द हिंदू’ से कहा कि अगले साल 2026 में जनगणना होने की उम्मीद है. तभी लोकसभा और विधानसभा सीटों का परिसीमन भी होना है. उन्होंने आगे कहा कि अगली जनगणना में जाति की गिनती के लिए ‘जनगणना अधिनियम, 1948’ में संशोधन किया जाएगा.

'84वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2001' के अनुसार, 2026 के बाद पहली जनगणना के आधार पर परिसीमन किया जाना है. वर्तमान सीटें 1971 की जनगणना के आधार पर बनाई गई हैं.

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पहलगाम हमले के बाद ही घोषणा क्यों हुई?

केंद्रीय मंत्री से इस बारे में भी पूछा गया कि पहलगाम आतंकी हमले के एक हफ्ते बाद ही जातीय जनगणना की घोषणा क्यों की गई. इस पर उन्होंने कहा,

जनगणना अगले साल होने वाली है. लेकिन इसकी तैयारी अभी से शुरू होनी है. जमीनी काम होना है. फॉर्म को अंतिम रूप दिया जाना है. कर्मचारियों को ट्रेनिंग दिया जाना है और अधिनियम में संशोधन किया जाना है. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ये निर्णय लिया गया है. जनगणना अधिनियम में जाति का प्रावधान नहीं है, अधिनियम में बदलाव करना होगा.

"मुस्लिम समुदाय का जातिगत विवरण भी दर्ज होगा"

उन्होंने आगे कहा कि संसद के मानसून सत्र के दौरान विधेयक पेश किए जाने की संभावना है. जाति की गणना की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए लोगों के साथ विस्तार से विचार-विमर्श किया जाएगा. इसमें जाति संगठनों, जन प्रतिनिधियों और सार्वजनिक बुद्धिजीवियों को शामिल किया जाएगा.

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रेड्डी ने कहा कि जनगणना में मुस्लिम समुदाय का जातिगत विवरण भी दर्ज किया जाएगा. 

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2021 में जनगणना क्यों नहीं हुई?

आमतौर पर 10 सालों के बाद जनगणना कराई जाती है. भारत में आखिरी बार 2011 में जनगणना कराई गई थी. ये प्रक्रिया 11 महीनों तक चलती है. रेड्डी से ये भी पूछा गया कि 2021 में होने वाली जनगणना को इतने सालों तक क्यों टाला गया. इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि परिसीमन और जनगणना… दोनों प्रक्रिया को एक साथ पूरा कर लिया जाए.

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