भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर की जमकर तारीफ की है. उसे शशि थरूर का भारतीय राजनीति में परिवारवाद पर लिखा एक आर्टिकल काफी पसंद आया है. कांग्रेस सांसद ने इस आर्टिकल में राजनीति में परिवारवाद के चलन पर सवाल उठाए थे. इसके बाद बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने थरूर की हिम्मत की दाद दी. उन्होंने कहा, "डॉ. थरूर खतरों के खिलाड़ी बन गए हैं." हालांकि, उन्होंने चेतावनी भी दी कि कांग्रेस का 'पहला परिवार' (गांधी परिवार) थरूर से नाराज हो सकता है.
शशि थरूर के आर्टिकल में 'फैमिली बिजनेस' और कांग्रेस का जिक्र, BJP बोली- 'खतरों के खिलाड़ी'
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने थरूर की हिम्मत की दाद दी. उन्होंने कहा, "डॉ. थरूर खतरों के खिलाड़ी बन गए हैं." हालांकि, उन्होंने चेतावनी भी दी कि कांग्रेस का 'पहला परिवार' (गांधी परिवार) थरूर से नाराज हो सकता है.


इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने प्रोजेक्ट सिंडिकेट में छपे अपने आर्टिकल 'इंडियन पॉलिटिक्स आर ए फैमिली बिजनेस' में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC), द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) और समाजवादी पार्टी (SP) जैसी पार्टियों का नाम लिया. उन्होंने लिखा कि अब समय आ गया है जब भारत को परिवारवाद से बाहर निकलकर काबिलियत पर आधारित राजनीति की तरफ बढ़ना चाहिए.
इसके बाद शहजाद पूनावाला ने थरूर की तारीफ करते हुए कहा,
"डॉ. थरूर खतरों के खिलाड़ी बन गए हैं. उन्होंने सीधे तौर पर नेपो किड्स या नेपोटिज्म के नवाबों को निशाने पर लिया है. सर, जब मैंने 2017 में नेपो नामदार राहुल गांधी को निशाने पर लिया था, तो आप जानते हैं कि मेरे साथ क्या हुआ था.
सर, आपके लिए प्रार्थना कर रहा हूं...
पहला परिवार (गांधी परिवार) बहुत बदला लेने वाला है."

शहजाद पूनावाला पहले कांग्रेस में थे. बाद में बीजेपी में आ गए. वो काफी समय से पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं. शशि थरूर के आर्टिकल पर उन्होंने एक अलग पोस्ट में लिखा,
"डॉ. शशि थरूर का बेहद गहराई से लिखा आर्टिकल, जिसमें उन्होंने बताया है कि कैसे भारतीय राजनीति एक फैमिली बिजनेस बन गई है - उन्होंने भारत के नेपो किड राहुल और छोटे नेपो किड तेजस्वी यादव पर सीधा हमला बोला है!
डॉ. थरूर लिखते हैं:
'दशकों से, एक परिवार भारतीय राजनीति पर हावी रहा है. नेहरू-गांधी परिवार का प्रभाव - जिसमें स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी और मौजूदा विपक्ष के नेता राहुल गांधी और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा शामिल हैं - भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास से जुड़ा हुआ है. लेकिन इसने इस सोच को भी पुख्ता किया है कि राजनीतिक नेतृत्व एक जन्मसिद्ध अधिकार हो सकता है. यह सोच भारतीय राजनीति में हर पार्टी, हर क्षेत्र और हर स्तर पर फैली है.'"
पोस्ट में पूनावाला ने आगे लिखा,
"यही वजह है कि कांग्रेस के नामदार, कामदार चायवाले प्रधानमंत्री मोदी से नफरत करते हैं.
सोचिए, इतनी बेबाकी से बोलने के लिए डॉ. थरूर का क्या होगा?
डॉ. थरूर पर पहले ही नेपो किड राहुल गांधी के ऑपरेशन सिंदूर के 'सरेंडर नैरेटिव' पर बोलने के लिए हमला किया गया था."

शशि थरूर के आर्टिकल पर कांग्रेस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है. पार्टी के सांसद प्रमोद तिवारी ने मीडिया से बातचीत में कहा,
"ना मैंने उनका आर्टिकल पढ़ा, ना मैंने सुना है... लीडरशिप हमेशा मेरिट (काबिलियत) से आती है. लीडरशिप मेरिट से ही आई है. पंडित जवाहरलाल नेहरू इस देश के सबसे काबिल प्रधानमंत्री थे. गुलाम भारत जब आजाद हुआ, तो उन्होंने भारत का नव-निर्माण किया. इंदिरा गांधी ने अपनी शहादत देकर खुद को साबित किया. राजीव गांधी ने अपनी शहादत देकर इस देश की सेवा की. इसलिए अगर कोई वंशवाद के मामले में गांधी परिवार की बात करता है, तो त्याग, बलिदान, योग्यता, जितना इस परिवार में था, क्या BJP में था? BJP एक परिवार बता दे. उनके लोग, उनका संगठन अंग्रेजों की मुखबरी कर रहा था. RSS अंग्रेजों को पत्र लिखकर अंग्रेजों की फौज में भर्ती होने के लिए कह रहा था."
इस पूरे घटनाक्रम से शशि थरूर और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के बीच खटास एक बार फिर साफ नजर आई है. दोनों के बीच पहले ही तल्ख रिश्ते थे और इस आर्टिकल ने शशि थरूर की बेबाकी को फिर जाहिर किया है. थरूर 2022 में कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में भी खड़े हुए थे, लेकिन गांधी परिवार के समर्थक मल्लिकार्जुन खरगे से हार गए थे. इसके बाद से उनका कांग्रेस के अंदर अलग-अलग मुद्दों पर पार्टी नेतृत्व से टकराव चलता रहता है.
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