पश्चिम बंगाल के बीरभूम में दो समूहों के बीच हिंसक झड़प की खबर है (Birbhum Violent Clash). राज्य सरकार ने इलाक़े में इंटरनेट सेवाओंं को सस्पेंड कर दिया. क़ानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात भी किया गया है. पुलिस का कहना है कि घटना के बाद 20 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है.
पश्चिम बंगाल के बीरभूम में भी होली पर हिंसा, पत्थरबाजी हुई, इंटरनेट बंद करना पड़ा
Birbhum Holi celebrations Clash: दो गुटों के बीच कहासुनी हो हुई. इनमें से एक गुट में कुछ लोग नशे में थे. स्थिति तब और बिगड़ गई, जब दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर पत्थर फेंके और हाथापाई की.
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इस हिंसा की शुरुआत 14 मार्च, यानी होली के दिन हुई. इंडिया टुडे के इनपुट के मुताबिक़, सैंथिया कस्बे में एक ग्रुप और नशे में धुत कुछ लोगों के बीच कहासुनी हो गई. स्थिति तब और बिगड़ गई, जब दोनों ग्रुट एक-दूसरे पर पत्थर फेंकने लगे और हाथापाई हो गई. हालात को संभालने के लिए पुलिस की तरफ़ से हल्का लाठीचार्च भी किया गया. विवाद में कुछ स्थानीय लोगों के घायल होने की खबर है.
घटना के बाद पश्चिम बंगाल के गृह विभाग ने इंटरनेट सस्पेंड करने का आदेश जारी किया. पुलिस का कहना है कि स्थिति पर काबू पा लिया गया है.
सैंथिया के पांच ग्राम पंचायत क्षेत्रों में 17 मार्च तक इंटरनेट और वॉयस-ओवर-इंटरनेट सुविधाओं को सस्पेंड किया गया है. ‘अफवाह फैलाने और अवैध गतिविधियों’ को रोकने के लिए ये कार्रवाई की गई है. वहीं, आदेश में स्पष्ट किया गया है कि वॉयस कॉल और SMS चालू रहेंगे. न्यूज़पेपर्स पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है.
प्रभावित क्षेत्रों में सैंथिया नगर पालिका, हटोरा, मठपालसा, हरिसारा, फरियापुर और फुलूर शामिल हैं. पुलिस ने बताया है कि आगजनी की कोई घटना नहीं हुई है. घटना के संबंध में 20 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है. एक पुलिस अधिकारी ने इंडिया टुडे को बताया,
14 मार्च की देर शाम से स्थिति कंट्रोल में है. ग़लत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए इंटरनेट को सस्पेंड कर दिया गया है.
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BJP ने Mamata Government को घेराइस घटना पर केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल BJP अध्यक्ष सुकांत मजूमदार की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने ने इस घटना का हवाला देते हुए ममता बनर्जी की अगुआई वाली सरकार पर कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर निशाना साधा. सुकांत मजूमदार ने कहा कि सरकार ने बीरभूम को ‘ब्लास्ट फैक्ट्री’ में बदल दिया है.
सुकांत मजूमदार ने बीरभूम ज़िले में ‘पहले भी देसी बमों की बरामदगी’ का हवाला दिया और कहा,
ऐसी घटनाएं वहां पहले भी हो चुकी हैं. तृणमूल नेताओं को पहले भी बीरभूम में गिरफ़्तार किया गया है. उन्हें जिलेटिन की छड़ों के साथ पकड़ा गया था. तब विस्फोटक भी पाए गए थे. सरकार ने बीरभूम को विस्फोट के कारखाने (Blast Factory) में बदल दिया है.
ANI से बात करते हुए सुकांत ने राज्य पुलिस की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि पुलिस का रवैया ‘प्रोफेशनल नहीं’ है और वो ‘निष्क्रिय’ हो गए हैं. सुकांत मजूमदार का कहना है कि पश्चिम बंगाल पुलिस का ‘इस हद तक राजनीतिकरण’ हो गया है कि पुलिस अपना प्रभाव (Effectiveness) खो चुकी है.
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