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बिहार में करीब 5% वोटर ऐसे जो मृत हैं या दूसरी जगह चले गए: चुनाव आयोग

Election Commission मुताबिक, बिहार में कुल 7.89 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर्स हैं. वोटर लिस्ट में बदलाव के लिए BLO द्वारा 6.60 करोड़ (83.66%) फॉर्म इकट्ठा किए गए हैं. Special Intensive Revision का मकसद 1 अगस्त तक Bihar Election की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट तैयार करना है.

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सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा SIR का मामला. (प्रतीकात्मक फोटो)

चुनाव आयोग (Election Commission) ने बताया है कि बिहार के कुल वोटरों में से करीब 5 प्रतिशत वोटर ऐसे हैं जिनकी या तो मृत्यु हो चुकी है या वे दूसरी जगह चले गए हैं या एक से ज्यादा जगहों पर रजिस्टर्ड हैं. इन्हें वोटिंग लिस्ट से बाहर किया जाएगा. 

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एक प्रेस रिलीज जारी करके बताया गयाा है कि बिहार चुनाव के लिए अपडेट (Bihar Voter List Verification) की जा रही वोटिंग लिस्ट की प्रक्रिया में अभी तक 6 करोड़ 60 लाख 67 हजार 208 इन्यूमेरेशन फॉर्म (EF) भरे जा चुके हैं. यह कुल रजिस्टर्ड वोटर 7 करोड़ 89 लाख 69 हजार 844 का 83.66 प्रतिशत है. 

चुनाव आयोग के बयान के मुताबिक, अब तक हुए सर्वे में 1.59% मतदाता मृत पाए गए. 2.2% स्थायी रूप से ट्रांसफर हो गए हैं. वहीं 0.73% मतदाता एक से ज्यादा जगहों पर रजिस्टर्ड पाए गए हैं. दोनों आंकड़ों को मिला दें तो SIR प्रक्रिया अब तक 88.18 प्रतिशत वोटरों का मिलान हो गया है.

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अब सिर्फ 11.82% वोटर्स ही हैं जिन्होंने अभी तक EF जमा नहीं किया है. उनमें से कइयों ने आने वाले दिनों में दस्तावेजों के साथ अपने फॉर्म जमा करने के लिए समय मांगा है.

बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रीविजन

24 जून को घोषित स्पेशल इंटेंसिव रीविजन (SIR) का मकसद 1 अगस्त तक वोटर्स का ड्राफ्ट लिस्ट तैयार करना है. इसके तहत सभी वोटर्स को 25 जुलाई तक EF और 1 जनवरी 2003 के बाद रजिस्टर्ड मतदाताओं के लिए डॉक्युमेंट्स जमा करने होंगे.

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आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने हाल ही में पूरे देश में स्पेशल इंटेंसिव रीविजन (SIR) कराने की बात कही थी. हालिया चुनाव के मद्देनजर इसकी शुरुआत बिहार से की गई. यहां नवंबर में चुनाव होने हैं. 

सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी नाराजगी

प्रक्रिया की टाइमिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को फटकार भी लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि 2025 की वोटर लिस्ट में पहले से मौजूद लोगों को इस पूरी प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ेगा. इसकी वजह से वे चुनाव में मतदान के अपने अधिकार से वंचित हो सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि प्रक्रिया गलत नहीं है. लेकिन आपने (चुनाव के) कुछ महीने पहले ही इसकी शुरुआत क्यों की?

बिहार में नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार के नागरिक?

बीते दिनों मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया था कि बिहार में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के लोग भी रह रहे हैं. इनकी संख्या काफी ज्यादा है. इसे लेकर विपक्ष ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए थे.

वीडियो: एयर इंडिया प्लेन क्रैश की रिपोर्ट को लेकर विदेशी मीडिया क्या कह रहा है?

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