बिहार के मुंगेर जिले से सरकारी कामकाज में ऐसी लापरवाही सामने आई है, जिस पर यकीन करना मुश्किल हो जाए. एक युवती ने ब्लॉक ऑफिस में निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया और जब उसे सर्टिफिकेट मिला तो उस पर उसकी फोटो की जगह एक ट्रैक्टर की तस्वीर चिपकी हुई थी! सोशल मीडिया पर ये अनोखा प्रमाणपत्र देखते ही देखते वायरल हो गया.
पिता ‘बेगूसराय चौधरी’, गांव ‘ट्रैक्टरपुर’, और फोटो में ट्रैक्टर! बिहार से जारी हुआ 'कॉमिक' निवास प्रमाणपत्र!"
Tractor Photo On Govt. Certificate: जैसे ही यह "जुगाड़ू प्रमाणपत्र" सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोग पूछने लगे- "ये सरकारी दफ्तर है या कॉमेडी क्लब?" मामला बढ़ा तो SDM ने फौरन सर्टिफिकेट रद्द करने का आदेश दिया और कर्मचारियों से जवाब मांगा. और हां, खबर शुरू करने से पहले ये भी जान ले कि सर्टिफिकेट पर पोस्ट ऑफिस की जगह लिखा था -‘कुत्तापुर’

आजतक से जुड़े गोविंद कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक गलती सिर्फ फोटो तक सीमित नहीं थी. सर्टिफिकेट में पिता का नाम लिखा गया ‘बेगूसराय चौधरी’, और मां का नाम ‘बलिया देवी’. पता भी किसी काल्पनिक गांव जैसा लग रहा था - ग्राम: ट्रैक्टरपुर दियारा, डाकघर: कुत्तापुर.
आवेदक को मिले झटके, प्रशासन को पसीनाजिस आवेदिका सोनालिका कुमारी ने यह सर्टिफिकेट बनवाया था, वो इसे देखकर सन्न रह गई. उसे समझ ही नहीं आया कि उसके नाम पर ये सरकारी मज़ाक किया गया है या कोई टेक्निकल 'कॉमेडी शो' चल रहा है. स्थानीय लोग भी इस लापरवाही पर भड़क उठे और सरकारी सिस्टम की जमकर आलोचना शुरू हो गई.
मामला बढ़ता देख मुंगेर के एसडीएम कुमार अभिषेक ने तुरंत कार्रवाई की. उन्होंने कहा कि गलत तरीके से जारी हुआ सर्टिफिकेट रद्द किया जा रहा है और संबंधित कर्मचारियों से जवाब-तलब किया गया है. साथ ही ये भी जांच की जा रही है कि आवेदन किस साइबर कैफे से किया गया था और IP एड्रेस ट्रेस करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
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एसडीएम ने मीडिया को बताया,
सोशल मीडिया पर किरकिरी, कार्रवाई की मांगसदर ब्लॉक ऑफिस से एक सोनालिका चौधरी के नाम से ग़लत निवास प्रमाण पत्र जारी हो गया है.संज्ञान में आते ही प्रमाण पत्र को रद्द करने के लिए सदर अंचलाधिकारी और आरओ को आदेश भी दिया गया है. लापरवाही बरतने वाले कर्मियों से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है. मामले की जांच की जा रही है.
इस वायरल सर्टिफिकेट ने सरकारी महकमे को सोशल मीडिया पर जमकर एक्सपोज़ कर दिया. लोगों ने सवाल उठाया कि सरकारी दस्तावेजों के साथ इतना मज़ाक कैसे किया जा सकता है? अब आमजन मांग कर रहे हैं कि लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.
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