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"मुद्दा 'आई लव मुहम्मद' पोस्टर नहीं था...", बरेली हिंसा पर DIG का बयान

Bareilly Range के DIG Ajay Kumar Sahni ने कहा- 'जो लोग अपने घरों, मस्जिदों या ईदगाहों पर 'आई लव मुहम्मद' के पोस्टर लगाना चाहते हैं, वो ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं. ये उनका निजी धार्मिक मामला है.'

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बरेली रेंज के DIG अजय कुमार साहनी ने 'आई लव मुहम्मद' पोस्टर्स पर बात की है. (फोटो- PTI/@igrangebareilly)

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में कथित तौर पर 'आई लव मुहम्मद' के पोस्टर लेकर जा रहे लोगों को ‘पुलिस द्वारा रोकने पर’ हिंसक झड़पें हुईं. इस घटना के करीब एक हफ्ते बाद, बरेली रेंज के उपमहानिरीक्षक (DIG) अजय कुमार साहनी ने कहा है पोस्टर्स कभी मुद्दा थे ही नहीं. उन्होंने कहा कि आपत्ति बड़ी संख्या में लोगों के इकट्ठा होने पर थी, जिससे कानून-व्यवस्था बिगड़ी.

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इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए अजय कुमार ने कहा कि अब स्थिति नियंत्रण में है और शहर में शांति बनी हुई है. उनके मुताबिक, पुलिस सभी घटनाक्रमों पर कड़ी नजर रख रही है. SP रैंक के एक अधिकारी के नेतृत्व में 13 सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है. SIT में दो डिप्टी SP और 10 इंस्पेक्टर भी शामिल हैं. टीम BNS की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज 10 FIR की जांच कर रही है, जिनमें दंगा और जालसाजी के आरोप भी शामिल हैं.

इस दौरान DIG से पुलिस द्वारा 'आई लव मुहम्मद' के होर्डिंग्स और पोस्टर लगाने पर कथित आपत्ति जताए जाने के बारे में सवाल पूछा गया. जवाब में उन्होंने कहा,

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पोस्टर्स कभी कोई मुद्दा नहीं थे. दरअसल, बीते शुक्रवार, 26 सितंबर की घटना से पहले ही, हमने सभा के आयोजकों को इस बारे में सूचित कर दिया था. हालांकि, जब उन्होंने पुलिस पर पथराव करके कानून अपने हाथ में ले लिया, तो हम कार्रवाई करने के लिए मजबूर हो गए.

DIG ने जोर देकर कहा कि जो लोग अपने घरों, मस्जिदों या ईदगाहों पर 'आई लव मुहम्मद' के पोस्टर लगाना चाहते हैं, वो ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं. ये उनका निजी धार्मिक मामला है. हालांकि, 'आई लव मुहम्मद' के नाम पर सभाएं आयोजित करने, जुलूस निकालने और हंगामा करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा, ‘कानपुर की घटना अलग थी. लोगों को दूसरे शहरों में ऐसी घटना दोहराने से बचना चाहिए.’

अगस्त में कानपुर पुलिस ने 'आई लव मुहम्मद' पोस्टर और एक लाइटबोर्ड को लेकर नौ लोगों पर मामला दर्ज किया था. इसके बाद न सिर्फ उत्तर प्रदेश में, बल्कि उत्तराखंड, गुजरात और कर्नाटक में भी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए.

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ये लाइटबोर्ड कानपुर में पैगंबर मोहम्मद के जन्म के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले वार्षिक बारावफात जुलूस का हिस्सा था. हालांकि, कानपुर पुलिस ने कहा था कि FIR बोर्ड लगाने को लेकर नहीं, बल्कि धार्मिक पोस्टर फाड़े जाने की घटना को लेकर दर्ज की गई थी.

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बरेली रेंज के DIG अजय कुमार साहनी से ये भी पूछा गया कि क्या पुलिस ने बरेली शहर में ऐसे ('आई लव मुहम्मद' वाले) पोस्टर हटा दिए हैं. जवाब में उन्होंने कहा, ‘ये जानकारी गलत है.’

DIG ने बताया कि इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के प्रमुख मौलाना तौकीर खान और अन्य लोगों ने 26 सितंबर को एक सभा का आह्वान किया था. सुरक्षा एजेंसियों ने गड़बड़ी की आशंका के चलते उन्हें पहले ही बड़ी सभाओं और मार्च निकालने से बचने की सलाह दी थी. DIG अजय कुमार बोले,

हमने उन्हें चल रहे नवरात्रि उत्सव के बारे में सूचित किया था. दुकानें खुली थीं और भीड़भाड़ थी. हमारे बार-बार अनुरोध और अपील के बावजूद, वो इकट्ठा हुए और अशांति भड़काने की कोशिश की.

पुलिस ने अब तक विरोध प्रदर्शनों में कथित भूमिका के लिए तौकीर समेत कुल 84 लोगों को गिरफ्तार किया है. 3 अक्टूबर की नमाज से पहले लखनऊ में गृह सचिव गौरव दयाल ने 2 अक्टूबर से 4 अक्टूबर तक इंटरनेट सेवाएं निलंबित करने का आदेश जारी किया था.

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