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बांग्लादेशी पत्रकार सुशांत दासगुप्ता के घर में भीड़ घुसी, फिर जो हुआ उसका वीडियो डराने वाला

बांग्लादेश में पत्रकार के घर पर प्रदर्शनकारियों के हमले की खबर है. सुशांत दासगुप्ता नाम के पत्रकार का दावा है कि यूनुस सरकार से जुड़े लोगों ने उनके घर पर हमला किया और सामान लूट ले गए.

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बांग्लादेश में पत्रकार के घर पर हमला (india today)

बांग्लादेश के मानवाधिकार कार्यकर्ता और पत्रकार सुशांत दासगुप्ता ने दावा किया है कि बीती 19 दिसंबर को उनके घर पर हमला किया गया. उन्होंने कहा कि भीड़ ने उनके घर पर तोड़फोड़ और लूटपाट की. उनका परिवार इस हमले में मुश्किल से जान बचाकर निकल पाया. सुशांत दासगुप्ता ने इसके लिए सीधे तौर पर मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने ये भी बताया कि वो फिलहाल यूके में हैं. यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश (UNB) पर प्रकाशित खबर में बताया गया कि सुशांत दासगुप्ता ‘अमर हबीबगंज’ नाम के अखबार के मालिक हैं और आवामी लीग के नेता भी हैं.

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इंडिया टुडे से जुड़ीं श्रेया सिन्हा की रिपोर्ट के मुताबिक, सुशांत ने बताया कि एक भीड़ उनके घर आई और जमकर लूटपाट और तोड़फोड़ की. वहां जो भी सामान था, सब उठा ले गई. उन्होंने कहा, 

ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मैं सोशल मीडिया पर बहुत मुखर हूं और अवैध यूनुस सरकार के खिलाफ बोलता रहा हूं. वे चाहते थे कि मैं डर जाऊं और उनके खिलाफ बोलना बंद कर दूं. यही उनका मकसद था. इसलिए उन्होंने मेरा घर लूटा, तोड़ा और सारा सामान ले गए.

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उन्होंने कहा कि उस वक्त उनकी बहन और भांजी घर में मौजूद थीं. लेकिन दोनों हमले से करीब 30 मिनट पहले वहां से निकलने में कामयाब हो गईं. अगर हमला सिर्फ 30 मिनट पहले हो जाता तो उनकी जान भी जा सकती थी.

हादी पर टिप्पणी से नाराज थे प्रदर्शनकारी

यूएनबी की रिपोर्ट के मुताबिक, 19 दिसंबर 2025 को उस्मान हादी की हत्या के बाद हबीबगंज इलाके में प्रदर्शन भड़क उठे थे. प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर जाम लगा दिया और रैलियां निकालीं. उनका मार्च जब चिरियाकंडी इलाके में पहुंचा तो प्रदर्शनकारियों ने सुशांत दासगुप्ता के अखबार के कार्यालय पर हमला बोल दिया. वहां जमकर तोड़फोड़ की. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि हादी को गोली लगने से लेकर उनकी मौत तक सुशांत दासगुप्ता लगातार फेसबुक पर उनके बारे में अश्लील और अपमानजनक टिप्पणियां पोस्ट कर रहे थे.

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अखबार के दफ्तर से कुछ हथियार भी मिले हैं, जिन्हें पुलिस को सौंप दिया गया है. 

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यूनुस सरकार पर आरोप

वहीं सुशांत दासगुप्ता का आरोप है कि हमला करने वाले लोग यूनुस सरकार से जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि वो जिस अखबार के प्रकाशक और संपादक रहे, यूनुस सरकार ने उसका ‘डिक्लेरेशन’ रद्द कर दिया था. अखबार पिछले 5 साल से चल रहा था, लेकिन पिछले साल यूनुस सरकार ने इसे बंद कर दिया. उन्होंने कहा कि वो सरकार में वित्तीय भ्रष्टाचार पर लगातार रिपोर्टिंग कर रहे थे और उन्होंने डॉ. यूनुस से जुड़ी कई खबरें प्रकाशित की थीं. इसकी वजह से सरकार उनसे नाराज थी. सुशांत दासगुप्ता ने बताया कि पिछले तीन साल से वो बांग्लादेश में नहीं हैं और यूके से ही पत्रकारिता कर रहे हैं.

वीडियो: बांग्लादेश में हुई दीपू चंद्र दास की हत्या पर भाई ने क्या कहा?

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