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'बाला साहेब' ने बरसों बाद शिवसैनिकों से की सीधी बात! सब AI का कमाल है

Bal Thackeray AI Speech: ये पहली बार है जब शिवसेना संस्थापक के भाषण का इस्तेमाल, उनके बेटे उद्धव ठाकरे की पार्टी ने अपने विरोधियों पर निशाना साधने के लिए किया. वो भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करते हुए. पार्टी भविष्य की रैलियों में भी इस रणनीति का इस्तेमाल कर सकती है.

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AI के इस्तेमाल से बाल ठाकरे की आवाज निकाली गई. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद, शिवसेना (UBT) अपनी संभावनाओं को मजबूत करने का प्रयास कर रही है. इस कड़ी में उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल किया है. 16 अप्रैल को एक कार्यक्रम के दौरान, AI से शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे जैसी आवाज (Bal Thackeray AI Speech) निकाली गई. इस भाषण में भाजपा और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली मौजूदा शिवसेना पर हमला किया गया. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने इसे 'बचकाना' बताया है.

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उत्तर महाराष्ट्र के नासिक में ये कार्यक्रम हुआ. बाल ठाकरे की AI आवाज वाला ये भाषण करीब 13 मिनट तक चला. इसकी शुरुआत “जामलेय माझ्या तमाम हिंदू बांधवणु, बाघिनिनो आणि मतनो” से हुई. इसका मतलब है, “यहां एकत्र हुए मेरे हिंदू भाइयों, बहनों और माताओं को नमस्कार”. पार्टी  के अनुसार, इस भाषण में वही बातें दोहराने की कोशिश की गई जो बाल ठाकरे जीवित होते तो कहते.

AI के भाषण में बाल ठाकरे के हाव-भाव और लहजे को भी पकड़ने की कोशिश की गई. ये पहली बार है जब शिवसेना संस्थापक के भाषण का इस्तेमाल, उनके बेटे उद्धव ठाकरे की पार्टी ने अपने विरोधियों पर निशाना साधने के लिए किया. पार्टी भविष्य की रैलियों में भी इस रणनीति का इस्तेमाल कर सकती है. 

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शिवसेना (UBT) इस साल होने वाले बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) चुनावों के लिए भी कमर कस रही है. ये भाषण ऐसे वक्त में सामने आया है जब बाल ठाकरे के विरोधी एक पुराने वीडियो के लिए उनका मजाक बना रहे हैं. उस वीडियो में उन्होंने कांग्रेस की आलोचन की थी. अब शिवसेना (UBT) और कांग्रेस, दोनों महाविकास अघाड़ी (MVA) का हिस्सा हैं.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने इसके लिए शिवसेना (UBT) की निंदा की. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा,

शर्मनाक! जब कोई उनकी आवाज नहीं सुन रहा है, तो केवल UBT जैसा समूह ही बालासाहेब ठाकरे की आवाज में अपनी बात कहने का बचकाना काम कर सकता है. 

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उन्होंने शिवसेना (UBT) के कुछ कामों की लिस्ट भी साझा की और लिखा कि ये सब बाल ठाकरे की विचारधारा के विपरीत थीं. इसमें टीपू सुल्तान के नाम पर बगीचों का नाम रखना, कांग्रेस का साथ देना, वक्फ बोर्ड के खिलाफ वोट देना, राम मंदिर का विरोध करना आदि शामिल हैं.

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पिछले साल हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में, शिवसेना (UBT), कांग्रेस और NCP (SP) ने साथ चुनाव लड़ी थी. महाविकास अघाड़ी (MVA) को 288 सीटों में से मात्र 46 पर जीत मिली थी. शिवसेना (UBT) को मात्र 20 सीटों पर जीत मिली जबकि शिवसेना (शिंदे गुट) को 57 सीटों पर जीत मिली.

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