अयोध्या विकास प्राधिकरण (ADA) ने अयोध्या मस्जिद के लेआउट प्लान को खारिज कर दिया. ऐसा इसलिए क्योंकि सरकारी विभागों ने जरूरी अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी नहीं किए थे. एक RTI के जवाब में यह बात पता चली. बताते चलें कि 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने अयोध्या फैसले में मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया था. 2021 में मस्जिद निर्माण योजना की मंजूरी के लिए आवेदन किया गया, जिसे अब खारिज कर दिया गया है.
अयोध्या में बाबरी के बदले जो मस्जिद बननी थी, उसका प्लान खारिज हो गया
2019 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने अयोध्या फैसले में मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया था. 2021 में मस्जिद निर्माण योजना की मंजूरी के लिए आवेदन किया गया, जिसे अब खारिज कर दिया गया है. ये जानकारी एक RTI में सामने आई है.


TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय पत्रकार ओमप्रकाश सिंह ने 16 सितंबर, 2025 इस मामले में RTI दायर की थी. जिसके जवाब में, अयोध्या विकास प्राधिकरण (ADA) ने बताया कि मस्जिद ट्रस्ट ने आवेदन और जांच शुल्क के तौर पर 4 लाख रुपये का भुगतान किया था. लेकिन योजना की मंजूरी के लिए, लोक निर्माण विभाग (PWD), प्रदूषण नियंत्रण, नागरिक उड्डयन, सिंचाई और राजस्व विभागों के अलावा नगर निगम, जिला मजिस्ट्रेट और फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट से जरूरी NOC मांगे गए थे, जो विभाग को उपलब्ध नहीं कराए गए. इसलिए ADA ने मस्जिद के लेआउट प्लान को खारिज कर दिया.
मस्जिद ट्रस्ट के सेक्रेटरी अतहर हुसैन ने बताया कि वे इस बात से हैरान हैं कि सरकारी विभागों ने NOC क्यों नहीं दी और ADA ने मस्जिद के लेआउट प्लान को क्यों खारिज कर दिया. हुसैन ने बताया,
फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट की आपत्ति के अलावा, मुझे किसी दूसरे डिपार्टमेंट की आपत्ति के बारे में कोई जानकारी नहीं है. फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट ने जमीन के निरीक्षण के दौरान पाया था कि मस्जिद और अस्पताल की इमारत की ऊंचाई के मुताबिक, एक्सेस रोड यानी पहुंच मार्ग का 12 मीटर चौड़ा होना जरूरी था. जबकि उस वक्त दोनों रास्ते छह मीटर से ज्यादा नहीं थे, और मुख्य पहुंच मार्ग की चौड़ाई केवल चार मीटर थी.
ट्रस्ट सेक्रेटरी ने कहा कि उन्हें किसी भी NOC के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है. उन्होंने कहा चूंकि, अब RTI के जवाब से स्थिति स्पष्ट हो गई है, इसलिए अब वे आगे की कार्रवाई पर फैसला लेंगे.
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सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर, 2019 को अपने अयोध्या फैसले में उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन आवंटित करने का आदेश दिया था. 3 अगस्त, 2020 को अयोध्या के तत्कालीन डीएम अनुज कुमार झा ने धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को ट्रांसफर कर दी थी. मस्जिद ट्रस्ट ने 23 जून, 2021 को प्लान अप्रूवल के लिए आवेदन किया था. तब से, अप्रूवल पर कोई अपडेट नहीं आया. अब RTI के जरिए पता चला है कि प्लान ही खारिज कर दिया गया है.
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