राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत, भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर बुरी तरह भड़के नजर आए. गहलोत ने आरोप लगाया कि BJP-RSS ने राजस्थान यूनिवर्सिटी के सिलेबस से ‘महात्मा ज्योतिबा फुले का चैप्टर हटा दिया’. उन्होंने इसे 'बेहद निंदनीय' और 'शिक्षा के साथ खिलवाड़' करने की साजिश करार दिया. गहलोत ने कहा कि यह कदम समाज सुधारक फुले के योगदान को नकारने की कोशिश है.
'राजस्थान यूनिवर्सिटी ने ज्योतिबा फुले का चैप्टर हटाया', अशोक गहलोत का बड़ा दावा, BJP-RSS पर भड़के
Rajasthan के पूर्व मुख्यमंत्री Ashok Gehlot ने आरोप लगाया कि BJP और RSS एक खास विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा के साथ खेल रहे हैं. उन्होंने BJP सरकार से तुरंत इस फैसले को पलटने की मांग की है.


बुधवार, 16 सितंबर को अशोक गहलोत ने X पर एक पोस्ट करते हुए BJP और RSS की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि राजस्थान यूनिवर्सिटी के पॉलिटिकल साइंस के सिलेबस से ज्योतिबा फुले का चैप्टर हटा दिया गया है. उन्होंने X पर लिखा,
"सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने तथा बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आजीवन कार्य करने वाले महात्मा ज्योतिबा फुले जी के चैप्टर को राजस्थान यूनिवर्सिटी के पॉलिटिकल साइंस पाठ्यक्रम से हटाया जाना बेहद निंदनीय है एवं महात्मा फुले जी के विचारों से प्रेरणा लेने वालों के लिए बड़ा आघात है."
गहलोत ने आरोप लगाया कि BJP और RSS एक खास विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा के साथ खेल रहे हैं. उन्होंने आगे लिखा,
"भाजपा और आरएसएस एक विचारधारा को पोषित करने की कोशिश में शिक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. यह इनकी भूल है कि वंचितों और शोषितों के कल्याण के लिए कार्य करने वाले महात्मा फुले जी के चैप्टर को हटाने से ये अपने एजेंडे में सफल हो जाएंगे. भाजपा सरकार को अविलंब इस चैप्टर को वापस सिलेबस में जोड़ना चाहिए."
पूर्व मुख्यमंत्री ने BJP सरकार से तुरंत इस फैसले को पलटने की मांग की है. गहलोत ने यह भी कहा कि महात्मा फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले को सभी राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने आदर्श के तौर पर कबूल किया है. उन्होंने BJP और RSS से इस पर अपना रुख साफ करने की मांग की.
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