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कभी ढाई लाख करोड़ रुपये का मालिक था ये शख्स, अब बचे हैं सिर्फ 464 करोड़ रुपये

ह्वांग के वकीलों ने कहा कि उनकी कुल संपत्ति सरकार द्वारा मांगी गई राशि के 0.6 प्रतिशत से भी कम है.

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सरकार अमेरिकी जिला जज एल्विन हेलरस्टीन से ह्वांग को दो दशक से अधिक समय तक जेल की सजा देने की मांग कर रही है. (फोटो- X)

आर्केगोस कैपिटल मैनेजमेंट नाम की कंपनी के फाउंडर बिल ह्वांग (Archegos founder Bill Hwang) को न्यूयॉर्क में धोखाधड़ी और बाजार में हेरफेर के मामले में सजा सुनाई गई है. ह्वांग की संपत्ति एक वक्त 30 बिलियन डॉलर (ढाई लाख करोड़ रुपये) से अधिक थी. लेकिन उनके पास अब महज 55 मिलियन डॉलर (464 करोड़ रुपये) ही बचे हैं.

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80 हजार करोड़ रुपये भुगतान करने हैं

60 वर्षीय ह्वांग ने अपने बिजनेस आर्केगोस की तरफ से जुआ खेल इतनी संपत्ति अर्जित की थी. ब्लूमबर्ग के मुताबिक उनकी अनुमानित संपत्ति 30 बिलियन डॉलर थी. 13 नवंबर को न्यूयॉर्क में धोखाधड़ी और बाजार में हेराफेरी के लिए उन्हें सजा सुनाई गई. फॉर्चून में छपी रिपोर्ट के मुताबिक उनके वकील अभियोजकों के उस अनुरोध का विरोध कर रहे हैं जिसमें ह्वांग को पीड़ितों को मुआवजे के रूप में 10 बिलियन डॉलर (80 हजार करोड़ रुपये) का भुगतान करने के लिए कहा गया है.

हालांकि, सरकार अमेरिकी जिला जज एल्विन हेलरस्टीन से ह्वांग को दो दशक से अधिक समय तक जेल की सजा देने की मांग कर रही है. लेकिन उनके वकील किसी भी तरह के कारावास के पक्ष में नहीं हैं. दायर याचिका में किए गए आवेदन में ह्वांग के वकीलों ने जेल के खिलाफ़ की गई दलीलों की तरह ही क्षतिपूर्ति के खिलाफ़ भी दलील दी. उन्होंने कहा कि अभियोक्ताओं ने ये नहीं दिखाया है कि बैंकों को जो नुकसान हुआ है, वो सीधे तौर पर ह्वांग की वजह से हुआ है.  

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निजी लाभ नहीं उठाया

ह्वांग के वकीलों ने कहा कि उनकी कुल संपत्ति सरकार द्वारा मांगी गई राशि के 0.6 प्रतिशत से भी कम है. वकीलों का कहना है कि आर्केगोस को धोखे से लाभ तो हुआ, लेकिन उन्होंने अपने निजी लाभ के लिए इस राशि का फायदा नहीं उठाया. बल्कि उन्होंने अपनी ट्रेडिंग पोजिशन मजबूत करने के लिए इस राशि को मार्केट में ही लगा दिया था.

बता दें कि जुलाई महीने में ह्वांग को वॉल स्ट्रीट बैंकों को गुमराह करने के लिए दोषी ठहराया गया था. इसके माध्यम में उन्होंने आर्केगोस के पोर्टफोलियो को 36 बिलियन डॉलर तक बढ़ा लिया था. इस स्कैंडल से साथी कंपनियों को लगभग 10 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था. इतना ही नहीं, ये घोटाला क्रेडिट सुइस ग्रुप एजी के पतन का एक प्रमुख कारण भी बना.

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