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अंकिता भंडारी के हत्यारों की सजा से खुश नहीं उनकी मां, वजह भी बताई

18 सितंबर, 2022 को अंकिता को लेकर पुलकित ऋषिकेश की चीला नहर पर पहुंचा. इसके बाद, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर उसने अंकिता को नहर में धक्का दे दिया. छह दिनों तक शव पानी में ही रहा.

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अंकिता भंडारी मर्डर केस में कोर्ट ने ढाई साल बाद तीनों आरोपियों को दोषी ठहराया है. (तस्वीर-इंडिया टुडे)

अंकिता भंडारी मर्डर केस (Ankita Bhandari Murder Case) में कोर्ट ने ढाई साल बाद तीनों आरोपियों को दोषी ठहराया है. तीनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. साथ ही उन पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. हालांकि अंकिता भंडारी की मां सोनी देवी ने कहा कि वह इस फैसले से खुश नहीं हैं.

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इंडिया टुडे से जुड़े विकास की रिपोर्ट के मुताबिक अंकिता भंडारी की मां सोनी देवी ने कहा,

"मैं संतुष्ट नहीं हूं. पर मेरी बेटी की आत्मा को आज शांति मिली होगी. मैं तब संतुष्ट हो पाऊंगी जब इनको मेरे जीते-जी फांसी होगी. जिस तरह इन्होंने मेरी बेटी के साथ इतना बुरा किया और हमारी जिंदगी नरक बना दी. सिर्फ एक मां ही ये दर्द समझ सकती है. इन्हें आगे ऐसी सजा मिले कि फिर कभी किसी बेटी के साथ ऐसा करने से पहले हजार बार सोचें."

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उन्होंने आगे कहा, "मैं तो यही चाहूंगी कि इन्हें फांसी की सजा होती तो ज्यादा अच्छा रहता. आगे हम हाई कोर्ट जाएंगे. उत्तराखंड की जनता के साथ पत्रकारों ने भी हमारा बहुत साथ दिया है. इसी वजह से हमें ये जीत मिली है."

वहीं अंकिता भंडारी के वकील अजय पंत ने कहा, "हम पहले ही CBI जांच की मांग करने के लिए हाई कोर्ट  में गए थे. तब हाई कोर्ट ने CBI जांच को खारिज कर दिया था. SIT ने मामले में CBI से अच्छी जांच की है. अंकिता का परिवार फांसी की सजा चाह रहा था. मुझे लगता है कि आजीवन कारावास की सजा से उन्हें संतुष्ट होना चाहिए."

मामला क्या था?

19 साल की अंकिता भंडारी उत्तराखंड के पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में रहती थीं. इसी जिले में स्थित ‘वनतरा रिजॉर्ट’ में अंकिता रिसेप्शनिस्ट का काम करती थीं. 18 सितंबर, 2022 को वह हर रोज की ही तरह अपने काम पर गईं. लेकिन वापस नहीं लौटीं. छह दिन बाद 24 सितंबर, 2022 को SDRF टीम को चीला पावर हाउस में स्थित नहर (इनटेक) में अंकिता की लाश मिली. मामले में पुलिस ने जांच करते हुए पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

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इसके बाद मामले की जांच के लिए DIG (कानून-व्यवस्था) पी. रेणुका देवी के नेतृत्व में SIT का गठन किया गया. पुलकित को मुख्य आरोपी बनाया गया. पुलिस ने बताया कि अंकिता, पुलकित के ‘वनतरा रिजॉर्ट’ में काम करती थीं. इसके बाद SIT ने बताया कि अंकिता और पुलकित के बीच विवाद हुआ था. आरोप लगे थे कि पुलकित ने अंकिता को एक ‘वीआईपी गेस्ट’ को ‘एक्स्ट्रा सर्विस’ देने को कहा था. अंकिता ने इससे इनकार कर दिया था. इसी बात को लेकर विवाद शुरू हुआ.

18 सितंबर, 2022 को अंकिता को लेकर पुलकित ऋषिकेश की चीला नहर पर पहुंचा. इसके बाद, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर उसने अंकिता को नहर में धक्का दे दिया. छह दिनों तक शव पानी में ही रहा. मामले में SIT ने इस केस को लेकर 97 गवाह बनाए थे. सुनवाई के दौरान कोर्ट में 47 अहम गवाहों को पेश किया गया.

वीडियो: अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित के पिता विनोद आर्य ने बेटे को पूरी तरह से बेकसूर बताया

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