उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक कथित नस्लीय हिंसा में त्रिपुरा के छात्र एंजल चकमा की मौत हो गई थी. आरोपियों ने उनके भाई माइकल चकमा पर भी हमला किया था, जिससे वो गंभीर रूप से घायल हो गए थे. घटना के समय घायल माइकल अपने भाई एंजल चकमा को बचाने की जद्दोजहद में लगे थे, दूसरी तरफ आरोपी हत्यारे शराब खरीदने चले गए थे.
एंजल चकमा मर्डर: आरोपी पार्टी करने आए थे, मृतक को बुरी तरह मारा, फिर पार्टी करने चल दिए
Anjel Chakma की हत्या के बाद Uttarakhand, North-East राज्यों समेत देशभर में भारी गुस्सा देखने को मिला. Tripura के रहने वाले एंजल को कथित तौर पर 'चीनी' और 'मोमो' कहकर बुलाया गया था.


घटना 9 दिसंबर को देहरादून के सेलाकुई बाजार में हुई. इल्जाम है कि आरोपियों ने चमका भाइयों पर नस्लीय टिप्पणी की और फिर चाकू और कड़े से हमला कर दिया. हमला करने के बाद आरोपी कथित तौर पर आराम से शराब की दुकान पर पहुंचे, क्योंकि उन्हें पार्टी करनी थी.
यह पार्टी हत्या के एक आरोपी सूरज ख्वास के बेटे के जन्मदिन का जश्न मनाने के लिए थी. उसने अपने पांच दोस्तों को पार्टी के लिए बुलाया था. इनमें अविनाश नेगी, यज्ञराज अवस्थी, सुमित और दो नाबालिग शामिल थे.
शराब की दुकान के पास इन लोगों का एंजल चकमा और माइकल चकमा से झगड़ा हुआ. आरोप है कि कुछ ही मिनटों में बात बढ़ गई और मारपीट शुरू हो गई. माइकल ने पुलिस में दर्ज शिकायत में कहा कि हमले से पहले उनके और उनके भाई के खिलाफ नस्लीय गालियां दी गईं. झगड़े के दौरान एंजल पर चाकू से हमला किया गया और माइकल को भी कड़े से बुरी तरह पीटा गया.
जब माइकल खून से लथपथ एंजल को अस्पताल पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे, उसी समय आरोपी अपनी पार्टी का काम निपटाने में लगे रहे. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि आरोपी वापस शराब की दुकान पर गए, शराब खरीदी और फिर चाय की दुकान पर बैठकर जन्मदिन का जश्न मनाया.
इलाज के दौरान 26 दिसंबर को एंजल चकमा की मौत हो गई. डॉक्टरों के मुताबिक, उनके सिर और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आई थीं, जो जानलेवा साबित हुईं. इस हत्या के बाद उत्तराखंड, नॉर्थ-ईस्ट राज्यों समेत देशभर में जबरदस्त गुस्सा देखने को मिला. दावा किया गया कि घटना के वक्त त्रिपुरा के रहने वाले एंजल को कथित तौर पर 'चीनी' और 'मोमो' कहकर बुलाया गया था.
हालांकि, सोमवार 29 दिसंबर की रात देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) अजय सिंह ने नस्लीय हिंसा के आरोप से इनकार किया. उन्होंने कहा कि पहली नजर में नस्लीय हिंसा के कोई सबूत नहीं हैं. SSP अजय सिंह ने आगे बताया,
“दोनों के बीच तीखी झड़प हुई, जिसमें पीड़ित घायल हो गया और बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इस बात को लेकर कंफ्यूजन था कि आरोपी ने कोई टिप्पणी की थी, जिसके कारण लड़ाई हुई.”
जांच से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक, स्थिति तब बगड़ी जब 6 आरोपी हंस रहे थे. चकमा भाइयों ने उनसे पूछा कि वे किस बात पर हंस रहे हैं. उन्होंने आगे बताया, "बहस ने हिंसक रूप ले लिया. सबसे छोटा लड़का गुस्सैल था और उसने माइकल को अपने कड़े से मारा. उन सभी ने मिलकर हमला किया. अवस्थी ने फल बेचने वाले ठेले से चाकू लिया और एंजल को चाकू मार दिया."
हालांकि, हथियार अभी तक बरामद नहीं हुआ है. फिलहाल तीन आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है, जबकि 15 और 17 साल के दो नाबालिगों को सुधार गृह भेजा गया है. पुलिस ने हत्या समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया है. एक आरोपी यज्ञराज अवस्थी अभी फरार है. उसके नेपाल में होने की आशंका है. पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है.
वीडियो: एंजल चकमा की हत्या से पहले क्या-क्या हुआ था? पुलिस ने सब बता दिया














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