अमेरिका में नई सरकार के गठन के बाद से एलन मस्क की खूब चर्चा है. चर्चा का मुख्य कारण है डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE). जिसे मस्क ही हेड कर रहे हैं. इस डिपार्टमेंट को लेकर नई खबर बनाई है एक भारतीय मूल के इंजीनियर ने. नाम है आकाश बोब्बा. जो उन छह इंजीनियर्स में शामिल हैं, जिन्हें DOGE में काम करने के लिए हायर किया गया है. इसको लेकर काफी विवाद भी हो रहा है.
22 साल के आकाश बोब्बा कौन हैं जिन्हें मस्क ने अमेरिका के सबसे सेंसिटिव डेटा की जिम्मेदारी दी है?
दरअसल, एलन मस्क की DOGE में 19 से 24 वर्ष की आयु के छह इंजीनियर को भर्ती किया गया है. इंडिया टुडे में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इन इंजीनियर्स को संवेदनशील सरकारी सिस्टम तक असाधारण पहुंच प्रदान की गई है. इसी को लेकर काफी विवाद भी हो रहा है.

इंजीनियर आकाश बोब्बा कौन हैं? और DOGE में इन्हें किस काम के लिए भर्ती किया गया है? ये सब तो जानेंगे ही, लेकिन पहले जानते हैं पूरा मामला क्या है?
दरअसल, एलन मस्क की DOGE में 19 से 24 वर्ष की आयु के छह इंजीनियर को भर्ती किया गया है. इंडिया टुडे में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इन इंजीनियर्स को संवेदनशील सरकारी सिस्टम तक असाधारण पहुंच प्रदान की गई है. इसी को लेकर काफी विवाद भी हो रहा है. सरकारी रिकॉर्ड्स के मुताबिक आकाश बोब्बा को ऑफिस ऑफ पर्सनल मैनेजमेंट (OPM) में ‘एक्सपर्ट’ के तौर पर नियुक्त किया गया है.
जानकारी के मुताबिक बोब्बा सीधे अमांडा स्केल्स को रिपोर्ट करते हैं. स्केल्स नव नियुक्त चीफ ऑफ स्टाफ हैं. वो एलन मस्क की AI कंपनी xAI के लिए पहले हायरिंग करते थे. इस वजह से बोब्बा के अपॉइंटमेंट को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. बोब्बा के अलावा DOGE में एडवर्ड कोरिस्टीन, ल्यूक फैरिटोर, गौटियर कोल किलियन, गैविन क्लिगर और एथन शाओट्रान को हायर किया गया है.
कौन हैं आकाश बोब्बा?बोब्बा एकेडमिकली काफी मजबूत बैकग्राउंड से आते हैं. वो UC Berkeley के प्रतिष्ठित मैनेजमेंट, आंत्रप्रेन्योरशिप और टेक्नोलॉजी प्रोग्राम का हिस्सा थे. यही नहीं, उन्होंने मेटा, पलांटिर और प्रसिद्ध हेज फंड ब्रिजवाटर एसोसिएट्स सहित कई प्रमुख टेक कंपनियों में इंटर्नशिप करने का एक्सपीरियंस है.
बोब्बा के CV की बात करें तो उनके पास AI, डेटा एनालिटिक्स और फाइनेंशियल मॉडलिंग में भी एक्सपर्टीज़ है. रिपोर्ट के मुताबिक बोब्बा के एक पूर्व क्लासमेट, चारिस झांग बर्कले में हुई एक घटना को याद करते हुए उनकी कोडिंग प्रतिभा के बारे में बताते हैं. झांग ने बताया कि एक जरूरी प्रोजेक्ट की डेडलाइन से ठीक दो दिन पहले, बोब्बा के साथी ने गलती से उनका पूरा कोडबेस डिलीट कर दिया था. जिसको लेकर पूरी टीम घबरा गई. लेकिन बोब्बा के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ, वो शांत रहे. उन्होंने रातोरात पूरे प्रोजेक्ट को नए सिरे से लिखा और तय समय से पहले ही इसे जमा कर दिया. इसमें उन्हें सबसे ज्यादा नंबर भी मिले.
सरकारी तंत्र में इन युवा इंजीनियर्स की पहुंच के स्तर को लेकर चिंताएं सामने आई हैं. सूत्रों का हवाला देते हुए WIRED ने बताया कि इनमें से बोब्बा, कोरिस्टीन, फैरिटोर और शाओट्रान के पास GSA में टॉप लेवल क्लीयरेंस है. जिससे उनके पास सभी फिजिकल और IT सिस्टम तक का एक्सेस है. यही नहीं, आलोचकों का तर्क है कि प्रमुख सरकारी पदों पर युवा और अनुभवहीन व्यक्तियों की उपस्थिति नियामक नियंत्रण और निगरानी के बारे में चिंताएं पैदा करती है.
मिशिगन यूनिवर्सिटी में पब्लिक पॉलिसी के प्रोफेसर डॉन मोयनिहान ने WIRED को बताया,
"ये चौंकाने वाला है कि ऐसे व्यक्ति जो वास्तव में पब्लिक ऑफिशियल नहीं हैं, वो सरकार के सबसे संवेदनशील डेटा तक पहुंच बना रहे हैं."
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस (अमेरिकी संसद) के पास हस्तक्षेप करने या जो कुछ हो रहा है उसकी निगरानी करने की कोई वास्तविक क्षमता नहीं है.
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