गुजरात के अहमदाबाद जिले में तैनात एक पुलिस इंस्पेक्टर की अपने ही पालतू कुत्ते के खरोंचने के बाद रेबीज से मौत हो गई. इंस्पेक्टर अहमदाबाद के सिटी पुलिस कंट्रोल रूम में तैनात थे. उन्होंने कुत्ते की खरोंच को मामूली मानते हुए कोई एहतियात नहीं बरती. इसके कुछ दिन बाद अचानक से उनकी तबीयत बिगड़ गई. हॉस्पिटल में जांच के दौरान पता चला कि उनके पूरे शरीर में रेबीज का इंफेक्शन फैल गया है.
पुलिस इंस्पेक्टर को कुत्ते ने खरोंचा, पालतू समझकर इग्नोर कर दिया, रेबीज से मौत हो गई
मृतक इंस्पेक्टर का नाम वनराज मंजारिया है. बीते शुक्रवार को उन्हें तेज बुखार हुआ. इसके बाद से उनकी हालत बिगड़ती चली गई. उन्हें पास के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. उसके बाद अहमदाबाद के केडी हॉस्पिटल रेफर किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक धीरे-धीरे उनके शरीर के कई अंग काम करना बंद कर चुके थे.


इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक मृतक इंस्पेक्टर का नाम वनराज मंजारिया है. बीते शुक्रवार को उन्हें तेज बुखार हुआ. इसके बाद से उनकी हालत बिगड़ती चली गई. उन्हें पास के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. उसके बाद अहमदाबाद के केडी हॉस्पिटल रेफर किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक धीरे-धीरे उनके शरीर के कई अंग काम करना बंद कर चुके थे. सोमवार, 22 सितंबर को हॉस्पिटल में ही उन्होंने दम तोड़ दिया.
आमतौर पर लोग मानते हैं कि रेबीज सिर्फ कुत्ते के काटने से फैलता है. वे कुत्ते के दांतों या खरोंच को गंभीरता से नहीं लेते. यही कारण है कि एसआई वनराज की रेबीज़ के कारण जान चली गई.
रेबीज एक वायरस के कारण होता है. जो लिसावायरस जीन्स से संबंधित है. यह वायरस संक्रमित जानवरों की लार में पाया जाता है जो काटने, खरोंचने या घाव पर चाटने से फैलता है. यह वायरस दिमाग और नसों पर हमला करता है. इसके लक्षणों में बुखार, घबराहट, कंफ्यूज़न, निगलने में परेशानी और मतिभ्रम (Hallucinations) शामिल हैं.
इंडिया में रेबीज़ से मौत के मामलों में 75% की कमी आई है. लेकिन लैंसेट की एक स्टडी के मुताबिक अब भी हर साल रेबीज़ से 5726 लोगों की मौत होती है. भारत दुनिया में रेबीज़ से मौतों के मामले में टॉप लिस्ट में शामिल है. देश में हर साल लगभग 90 लाख एनिमल बाइट्स के केस सामने आते हैं. इनमें से दो-तिहाई मामले कुत्तों के होते हैं.
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