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अहमदाबाद में क्रैश हुए विमान का ब्लैक बॉक्स डॉक्टरों के हॉस्टल की छत पर मिला

अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच के लिए सबसे जरूरी 'ब्लैक बॉक्स' मिल गया है. एविएशन मिनिस्टर राम मोहन नायडू किंजारापु ने इसकी जानकारी दी है.

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दुर्घटनाग्रस्त एयर इंडिया के विमान का ब्लैक बॉक्स मिल गया है (India Today)

अहमदाबाद में एयर इंडिया का प्लेन क्रैश होने के बाद सबके मन में एक ही सवाल है कि ये विमान क्यों गिरा? इन्वेस्टिगेशन टीम इसका जवाब तलाशने की कोशिश कर रही है. इसी सिलसिले में एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने प्लेन का ‘ब्लैक बॉक्स’ खोजना शुरू कर दिया था. अब खबर है कि दुर्घटनाग्रस्त विमान का ब्लैक बॉक्स मिल गया है. सिविल एविएशन मिनिस्टर राम मोहन नायडू किंजारापु ने शुक्रवार 13 जून को एक्स पर पोस्ट करके इसकी पुष्टि की है.

अपनी पोस्ट में किंजारापु ने कहा,  

एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने अहमदाबाद में दुर्घटनास्थल से 28 घंटे के भीतर फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (ब्लैक बॉक्स) बरामद कर लिया है. यह हादसे की जांच में एक बड़ा प्रोग्रेस है, जिससे इन्वेस्टिगेशन में काफी मदद मिलेगी.

'द हिंदू' के सूत्रों के अनुसार, ब्लैक बॉक्स बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल मेस बिल्डिंग की छत से बरामद किया गया है. अहमदाबाद फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने बताया कि मेघानीनगर में ब्लैक बॉक्स खोजने के लिए मेटल कटर जैसे इक्विपमेंट्स के साथ एक टीम तैनात की गई थी. टीम ने शुक्रवार को इसे खोज निकाला है.  

इसके अलावा पुलिस टीम ने बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल के सीसीटीवी कैमरों के डीवीआर (डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर) को भी अपने कब्जे में लिया है. डीवीआर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है, जिसमें सीसीटीवी कैमरों के वीडियो फुटेज को स्टोर किया जाता है.

ब्लैक बॉक्स और डीवीआर के जरिए प्लेन के दुर्घटनाग्रस्त होने की वजहों का पता लगाने की कोशिश की जाएगी.

ब्लैक बॉक्स क्या है?

इंडियन एयरफोर्स के एक रिटायर्ड फाइटर पायलट ने इंडिया टुडे को बताया कि हर प्लेन में नारंगी रंग का एक ‘ब्लैक बॉक्स’ होता है, जो क्रैश प्रूफ होता है. यानी प्लेन क्रैश होने के बाद भी यह नष्ट नहीं होता. हादसे के बाद जांच टीम का पहला काम प्लेन का ‘ब्लैक बॉक्स’ हासिल करना होता है. ब्लैक बॉक्स में FDR (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर) और CVR (कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) होता है. 

इसमें FDR विमान से जुड़े सभी तकनीकी डेटा को रिकॉर्ड करता है, जबकि CVR दो पायलटों के बीच आखिरी मिनट तक कॉकपिट में हुई बातचीत को दर्ज करता है. रिटायर्ड पायलट ने बताया कि माना जाता है कि ज्यादातर विमान हादसों में प्लेन का अगला हिस्सा प्रभावित होता है, इसलिए ब्लैक बॉक्स प्लेन के टेल (पूंछ वाले हिस्से) में रखा होता है. 

इंडिया टुडे से जुड़े हिमांशु मिश्रा से बातचीत में एविएशन एक्सपर्ट सुभाष गोयल ने बताया कि ब्लैक बॉक्स को इस तरीके से डिजाइन किया जाता है कि आग में वह जलता नहीं है और पानी में गलता नहीं है. 

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