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अजित पवार की बढ़ीं मुश्किलें? 1800 करोड़ की पुणे लैंड डील केस में सीएम फडणवीस ने दिए जांच के आदेश

Pune Land Deal Case: पूरे मामले की जांच एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (रेवेन्यू) विकास खरगे करेंगे. सीएम देवेंद्र फडणवीस ने राजस्व विभाग और इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन (IGR) से रिकॉर्ड जमा करने को कहा है. उन्होंने यह भी कहा कि उपमुख्यमंत्री भी ऐसी डील का समर्थन नहीं करेंगे. उनकी सरकार में एक राय है कि जहां भी गड़बड़ी हुई है, वहां कार्रवाई होनी चाहिए.

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महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार के बेटे पार्थ पवार (मध्य). (फाइल फोटो)

महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पुणे के एक जमीन सौदे में भ्रष्टाचार और गड़बड़ी की जांच के आदेश दिए हैं. यह सौदा NCP के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार से जुड़ा हुआ है. लेकिन डिप्टी सीएम अजित पवार ने इस सौदे में अपनी कोई भूमिका होने से इनकार किया है. पूरे मामले की जांच एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (रेवेन्यू) विकास खरगे करेंगे. वहीं, पुणे के डीएम का कहना है कि बिक्रीनामा यानी सेल डीड रद्द कर दी जाएगी. 

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सीएम फडणवीस ने क्या कहा

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, फडणवीस ने नागपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि उन्होंने इस मामले से जुड़ी सारी जानकारी मांगी है. राजस्व विभाग और इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन (IGR) से रिकॉर्ड जमा करने को कहा गया है. यह भी निर्देश दिया है कि निष्पक्ष जांच की जाए. शुरुआती स्तर पर गंभीर मुद्दे सामने आ रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि उपमुख्यमंत्री भी ऐसी डील का समर्थन नहीं करेंगे. उनकी सरकार में एक राय है कि जहां भी गड़बड़ी हुई है, वहां कार्रवाई होनी चाहिए. 

पुणे के डीएम ने क्या कहा

रिपोर्ट के मुताबिक, पुणे के जिला कलेक्टर जितेंद्र डूडी ने कहा कि सेल डीड हो गई है. लेकिन जमीन पर कब्जा नहीं किया गया है. उन्होंने IGR को जमीन का सौदा रद्द करने को कहा है. तहसीलदार सूर्यकांत येवले को भी सस्पेंड कर दिया गया है.  

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उन्होंने बताया कि सेल डीड करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पहली गलती सब-रजिस्ट्रार की लगती है. IGR ने भी कन्फर्म किया है कि गलती हुई है. यह गलती अनजाने में हुई हो या जानबूझकर, इस मामले में शामिल सभी अधिकारी दोषी हैं. उन सभी पर कार्रवाई होगी.

अजित और पार्थ पवार ने क्या कहा

पार्थ पवार ने एक न्यूज चैनल से कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है. लैंड डील में अपनी किसी भी भूमिका से इनकार करते हुए डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि उन्हें इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं है. उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है. महाराष्ट्र के लोग उन्हें 35 सालों से जानते हैं. उन्होंने इसके बारे में पूरी जानकारी मांगी है. वहीं, जांचे के आदेश का स्वागत करते हुए उन्होंने कह कि सीएम ने जांच के आदेश दिए हैं और ऐसा करना सही है. 

विपक्ष ने सफाई मांगी

जमीन डील का मुद्दा उठाते हुए शिवसेना (UBT) नेता अंबादास दानवे ने कहा कि एक कंपनी, जिसकी शेयर कैपिटल सिर्फ 1 लाख रुपये है, उसने 1,800 करोड़ रुपये की जमीन सिर्फ 300 करोड़ रुपये में खरीद ली है. कंपनी वहां एक IT पार्क बनाना चाहती है. सब-रजिस्ट्रार के ऑफिस ने स्टांप ड्यूटी माफ कर दी.

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सरकार से जमीन डील पर सफाई मांगते हुए बारामती की सांसद और NCP(SP) नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि पहले कहा गया था कि 21 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी माफ की गई है. अब कहा जा रहा है कि 6 करोड़ रुपये माफ किए गए. स्टाम्प ड्यूटी दी गई थी या नहीं? सरकार को साफ करना चाहिए कि डील हुई है या नहीं. वहीं, महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने अजित पवार से इस्तीफे की मांग की. 

क्या है पुणे लैंड डील

रिपोर्ट के मुताबिक, यह डील पुणे शहर के मुंडवा इलाके में पॉश कोरेगांव पार्क इलाके के पास 40 एकड़ जमीन से जुड़ी है. आरोप है कि 1,800 करोड़ रुपये की यह जमीन कथित तौर पर एमेडिया एंटरप्राइजेज LLP को 300 करोड़ रुपये में बेची गई थी. इसमें कथित तौर पर 21 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी माफ की गई थी. पार्थ पवार इस कंपनी में पार्टनर हैं.

इस जमीन को महार वतन जमीन के तौर पर कैटिगराइज किया गया था. यह वह जमीन है जो महार (SC) समुदाय के लोगों को गांव के प्रशासन के लिए श्रम देने के बदले में दी गई थी. इसे “वतन जमीन” कहा जाता है. इस जमीन को बिना राज्य सरकार की अनुमति के बेचा नहीं जा सकता. 

अब इसे लेकर रेवेन्यू मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले का कहना है कि वह चेक करेंगे कि स्टांप ड्यूटी में छूट कानून के मुताबिक दी गई थी या नहीं. जब महार वतन जमीन की बात आती है तो एक खास कानून है. उन्होंने यह जांच करने के लिए जांच के आदेश दिए हैं कि महार वतन जमीन से जुड़े कानून के प्रावधानों का पालन किया गया है या नहीं.

वीडियो: क्या अजित पवार और BJP के बीच मतभेद शुरू हो गए हैं?

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