इंजेक्शन तो हम सबने कभी न कभी लगवाया ही है. कभी टिटनेस का. कभी फ्लू का. कभी किसी और दिक्कत का. मगर क्या हो, अगर किसी को खाली सिरिंज लग जाए. माने इंजेक्शन में दवा न भरी हो. सिर्फ हवा हो. और, वो हवा शरीर की किसी नस या मांसपेशी में चली जाए.
गलती से खाली इंजेक्शन लग जाए तो क्या होगा?
अगर शरीर में खाली सिरिंज लगा दी जाए तो कई दिक्कतें हो सकती हैं. हालांकि ये इंजेक्शन लगने की जगह और वो कितना गहरा चुभोया गया है, उस पर भी निर्भर करता है.
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क्या ऐसी खाली सिरिंज लगने का कोई नुकसान है? अगर है, तो कितना गंभीर है? ये हमने पूछा डॉक्टर विभु क्वात्रा से.

डॉक्टर विभु बताते हैं कि कभी-कभी लापरवाही के चलते या गलती से ऐसा हो जाता है. लेकिन, अगर शरीर में खाली सिरिंज लगा दी जाए तो कई दिक्कतें हो सकती हैं. हालांकि ये इंजेक्शन लगने की जगह और वो कितना गहरा चुभोया गया है, उस पर भी निर्भर करता है. जैसे अगर खाली सिरिंज किसी नस में लग जाए. तो इससे एयर एम्बॉलिज़म (Air Embolism) हो सकता है. एयर एम्बॉलिज़म में हवा के बुलबुले किसी नस में पहुंचकर उसे ब्लॉक कर देते हैं. इससे खून के फ्लो पर असर पड़ता है. उस हिस्से में खून पहुंचना बंद हो जाता है.

एयर एम्बॉलिज़म होने पर व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत आने लगती है. सीने में दर्द शुरू हो जाता है. चक्कर आने लगते हैं. बेहोशी छाने लगती है. ऑक्सीज़न की कमी से उस हिस्से की स्किन नीली भी पड़ने लगती है.
सिर्फ यही नहीं, इससे व्यक्ति की जान भी जा सकती है. माने जिस नस में खाली सिरिंज लगी है, अगर वो नस दिमाग से जुड़ी है तो ब्रेन स्ट्रोक पड़ सकता है. दिल से जुड़ी है तो हार्ट अटैक आ सकता है. किसी और अंग से जुड़ी है तो वो अंग डैमेज हो सकता है.

वहीं अगर खाली सिरिंज किसी मांसपेशी पर लगा दी जाए तो हवा उस जगह फंस जाती है. इससे एक तरह का एयर पॉकेट बन जाता है. मेडिकल भाषा में, इसे सबक्यूटेनियस एंफाइज़िमा (Subcutaneous Emphysema) कहते हैं. ये कंडीशन ज़्यादा खतरनाक तो नहीं होती. लेकिन कुछ दिक्कतें ज़रूर दे सकती है. जैसे उस जगह पर स्किन में सूजन आ जाएगी. वहां हल्का दर्द या खिंचाव जैसा महसूस होगा. ऐसी हवा कुछ घंटों या कुछ दिनों में खुद ही बाहर निकल जाती है. इसमें कुछ खास इलाज की ज़रूरत नहीं होती. हालांकि अगर दिक्कत बनी रहती है तो डॉक्टर से मिलना ज़रूरी हो जाता है.
खाली सिरिंज लगाने से इंफेक्शन का भी खतरा होता है. अगर सुई को स्टेराइज़ नहीं किया गया है. यानी उसे साफ़ नहीं किया गया है. तो कोई बैक्टीरिया या वायरस शरीर में जा सकता है. जिससे इंफेक्शन हो सकता है. लिहाज़ा जब भी आप इंजेक्शन लगवाने जाएं, ये ज़रूर ध्यान रखें कि सिरिंज खाली न हो और उसमें दवाई भरी गई हो.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप' आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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